राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों पर हुई FIR, समाचार व्यवसायी नावेद शिकोह पर कसता कानून का शिकंजा

भड़ास द्वारा तथाकथित व्यवसायी नावेद द्वारा पत्रकारिता का चोला धारण करने के संबंध में समाचार प्रकाशित किया गया था, उससे बौखला कर, धमकाने वाले अंदाज में अनेक वक्तव्य दिए गए और धमकियों से समाचारों का सिलसिला नहीं रोका गया तो कानूनी नोटिस जारी करके अपना दमखम दिखाने की कोशिश की गई लेकिन कानूनी नोटिस का जवाब तथ्यों, साक्ष्यों को संलग्न करके जवाब दिया गया तो बोलती बंद हो गई।

राजधानी लखनऊ मे राधवेन्द्र प्रताप सिंह,नावेद शिकोह, शारिब, ए त्रिपाठी आदि पत्रकारो पर एक महिला द्वारा थाना हुसेनगंज में धारा 506,67 प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है।

भड़ास द्वारा खबरों की सत्यता को बिना जांचे परखे किसी भी समाचार का प्रकाशन नही किया जाता है और न ही उसको वायरल किया जाता है। पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों पर ऐसे पत्रकार जिन्होंने पूरी पत्रकारिता जगत की छवि को धूमिल करने का कार्य किया है उनके संबंध में तथ्यों, साक्ष्यों तथ्य सही खबरों का विश्लेषण कर समाचार प्रकाशित किया जाता है और ऐसे ग्रहनित कार्य करने वाले लोगों को पत्रकारिता जगत से समूल नाश करने के लिए कार्यरत है।
भड़ास द्वारा तथाकथित व्यवसायी नावेद द्वारा पत्रकारिता का चोला धारण करने के संबंध में समाचार प्रकाशित किया गया था, उससे बौखला कर, धमकाने वाले अंदाज में अनेक वक्तव्य दिए गए और धमकियों से समाचारों का सिलसिला नहीं रोका गया तो कानूनी नोटिस जारी करके अपना दमखम दिखाने की कोशिश की गई लेकिन कानूनी नोटिस का जवाब तथ्यों, साक्ष्यों को संलग्न करके जवाब दिया गया तो बोलती बंद हो गई। नावेद शिकोह के समाचार पत्रों के व्यवसाय के संबंध में भारत सरकार के समाचार पत्र के पंजीयन कार्यालय, डीएवीपी या जिलाधिकारी कार्यालय लखनऊ से जानकारियां एकत्रित की गई तो यह पाया गया कि लाखों करोड़ों का व्यापार करने वाला नावेद शिकोह ने अपनी स्वतंत्र पत्रकार की मान्यता के लिए न सिर्फ फर्जी शपथ पत्र दाखिल किया है बल्कि समाजवादी सरकार में इन्हीं अखबारों के दम पर लाखों, करोड़ों रुपए का विज्ञापन लेकर सरकारी आवास पर भी कब्जा जमाया गया है जिसके संबंध में अनेक शिकायती पत्रों को प्रशासनिक स्तर पर प्रेषित करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
नावेद के विरुद्ध भड़ास का अभियान रंग ला रहा है और इसकी दहशत से लोग बाहर निकल कर अपराधों का लेखा जोखा सामने ला रहे है और इसी का परिणाम है कि थाना हुसैनगंज में दर्ज मुक़दमे में राघवेंद्र सिंह के साथ नावेद और शारिब की भूमिका सामने आई है जिसकी जांच में संभवतः दोषियों को उचित सज़ा मिलेगी।

FIR की कापी ………………

 

 

 

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