सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश की मेहरबानी से सरकारी विद्यालय में अध्यापक, अधिवक्ता और गंभीर मुकदमों नामित तथाकथित पत्रकारों को राज्य मुख्यालय की प्रेस मान्यता

राघवेंद्र प्रताप सिंह हिंदी मासिक पत्रिका द इंडियन व्यू के स्वामी, प्रकाशक मुद्रक के साथ साथ स्वयं को स्टेट हेड नेटवर्क 10 बताते है और राज्य मुख्यालय मान्यता किन नियमो से दी गयी है जबकि थाना हुसैनगंज में मुक़दमा अपराध संख्या 0029 दिनांक 03.03. 2024 में मुख्य अभियुक्त के रूप में नामित है l यह गंभीर जांच का विषय है ।

सेवा में,
मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश शासन ,
लोक भवन लखनऊ ।

विषय :- उत्तर प्रदेश के राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार, स्वतंत्र पत्रकार, वरिष्ठ पत्रकार एवं आदि मान्यता प्राप्त पत्रकार की पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराकर अति शीघ्र मान्यता समाप्त करके कानूनी कार्यवाही करने के सम्बन्ध में l

महोदय / महोदया,
सादर अवगत कराना है कि प्रार्थी सामाजिक, नैतिक, दायित्वों, कर्तव्यों को पूरा कराने एवं देश के संविधान व कानून का पालन कराने और समाज के उत्थान के लिये कार्य करता हैं ।

प्रार्थी भारत देश के सजग नागरिक होने के नाते जनहित में खेदपूर्वक आपके संज्ञान में लाना चाहता है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक एवं सूचना विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत करके मानकों के विपरीत आपराधिक प्रवृत्ति के कथित पत्रकारों को मान्यता दी गई है जिसकी कई लोगों के द्वारा शिकायत की जा चुकी है परन्तु सूचना निदेशक एवं सूचना विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के सांठ गाँठ की वजह से उन सभी शिकायतों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है l और निदेशक सूचना द्वारा पिछले 5 वर्षों में सभी मानकों को ताख पर रखकर अयोग्य पत्रकारों व आपराधिक प्रवृत्ति के कथित पत्रकारों को राज्य प्रेस मान्यताएं ,वरिष्ठ पत्रकार मान्यताएं व स्वतंत्र पत्रकार मान्यताएं दी जा रही हैं जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नही है और इनका मानकों के विपरीत नवीनीकरण भी किया जा रहा हैं । यहाँ तक कि इस वर्ष 2024 में डी ए वी पी द्वारा अखबारों की प्रसार संख्या का सत्यापन करके विज्ञापन दर निर्धारित करके रेट कार्ड जारी होने से पहले ही सभी मानकों को ताख पर रखकर कुछ पत्रकार नेताओं के दबाव में आकर मान्यताओं का नवीनीकरण किया जा रहा है जो कि मानकों के विपरीत निम्न हैं :-

1. हेमंत तिवारी को नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर स्वतंत्र पत्रकार की प्रेस मान्यता दी गयी है और हेमंत तिवारी द्वारा फर्जी शपथ पत्र के आधार पर सरकारी आवास को हथियाया गया है जबकि उनके नाम से सरकार द्वारा रियायती दरों पर भूखंड लेने के उपरांत गोमती नगर में आलीशान भवन का निर्माण कराया गया है लेकिन फर्जी शपथ पत्र राज संपति विभाग को देने का अपराध कारित किया गया है जिसके संबंध में राज संपति विभाग से जानकारी की जा सकती है एवं उनके सरकारी आवास की बकाया धनराशि जो लगभग 18 से 20 लाख रुपए है के तमाम साक्ष्य उपलब्ध हो जाएंगे। बिना किसी नौकरी चाकरी के हेमंत तिवारी द्वारा ज्यादा वक्त मुंबई जैसे शहर में विलासता भरी जिंदगी किस आधार पर गुजारी जा रही है यह गंभीर जांच का विषय है। लखनऊ की अदालत से एक आपराधिक मामले में जमानत पर रिया होने के बाद हेमंत तिवारी द्वारा अभी हाल ही में बड़े जी शानू शौकत और वैभव से अपने पुत्र का ब्याह रचाया है उसको देखकर उनके राशिफल का अंदाजा लगाया जा सकता है लेकिन महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि जमानत पर रिया होने के उपरांत आखिर हेमंत तिवारी किस आधार पर राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं जबकि इससे पूर्व भी एक पुलिस अधिकारी से बदजुबानी की चर्चा पूरे शहर में रही है। जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

2. अजय कुमार सेठ एक अधिवक्ता है और उच्च न्यायालय हाई कोर्ट,सिविल कोर्ट न्यायालय आदि में प्रैक्टिस करते हैं फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

3. सुरेश बहादुर सिंह को पत्रकारों को मान्यता देने के लिए बनाई गई प्रेस मान्यता समिति – 2023 में वरीयता क्रम में प्रथम संख्या पर विवादित संगठन IFWJ के प्रीतिनिधि के रूप में चयनित सुरेश बहादुर सिंह जो माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ एवं थाना विभूति खंड, गोमती नगर, लखनऊ के अभिलेखों में जन संदेश टाइम्स के पत्रकार है उनकी राज्य मुख्यालय स्वतंत्र पत्रकार की मान्यता फर्जी दी गई है जबकि जन संदेश मे कार्यरत रहने के प्रमाण उपलब्ध है । और श्री सुरेश बहादुर सिंह की शासन, जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. में अच्छी पकड़ होने की वजह से गलत व फर्जी रिपोर्ट लगवा कर राज्य मुख्यालय मान्यता कराई गई है और सुरेश बहादुर सिंह जो कि वर्ष 1999-2000 में फिरौती के मामले में एसटीएफ द्वारा गहन विवेचना में नामित किए गए थे और उनके साथ अजय कुमार सिंह जिनको राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का दर्जा मिला है वह भी इसी मामले में नामित हुए थे उनसे गहनता से पूछताछ किया जाना अति महत्वपूर्ण है । सुरेश बहादुर सिंह की पहले भी मान्यता निरस्त की गई है और इनके सचिवालय प्रवेश पर पाबंदी क्यों लगी थी इसकी जांच किया जाना भी उचित होगा। अपने इसी कृत्य के चलते सुरेश बहादुर सिंह को सचिव, प्रेसक्लब के पद से निष्कासित किया गया था जिसके संबंध में वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव से जानकारी प्राप्त की जा सकती है एवं धनंजय सिंह का साथ देने पर न्यायालय द्वारा एक अन्य मामले में तलबी आदेश जारी किया गया है । इसके साथ ही सुरेश बहादुर सिंह द्वारा सरकारी आवास का दुरुपयोग करते हुए 42 राज भवन कॉलोनी से एक समाचार पत्र रिफत प्रकाशित किया जाता है जिसके संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है जिसकी जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त किया जाना उचित होगा l जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

4. दिलीप सिन्हा एक अधिवक्ता है और उच्च न्यायालय हाई कोर्ट,सिविल कोर्ट न्यायालय आदि में प्रैक्टिस करते हैं फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

5. राजेंद्र गौतम का विवादों से अक्सर गहरा नाता रहा है और कम समय में चिनहट क्षेत्र में जिस भूमि पर प्रिंटिंग प्रेस लगाई गई है वहां से 70000 समाचार का प्रतिदिन प्रकाशित किया जाना यह भी जांच का विषय है आखिर 70000 प्रकाशन प्रतिदिन एवं 30000 साप्ताहिक प्रकाशन पर होने वाले आए व्यय का लेखा-जोखा किस तरह से किया जाता है यह गंभीर जांच का विषय है, जिस भूमि पर प्रिंटिंग प्रेस लगाई गई है उस पर थाना वजीरगंज में समाचार पत्र की संपादिका रेखा गौतम एवं अन्य के विरुद्ध थाना वजीरगंज में संगीन धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120B में दिनांक 24.7.2023 में मुकदमा दर्ज किया गया है। हेमंत तिवारी ने राजेंद्र गौतम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जिसके कुछ दिन बाद राजेंद्र गौतम ने हेमंत तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। रेखा गौतम के समाचार पत्र ने हेमंत तिवारी के संबंध में जो खुलासा किया गया है उसकी प्रति संलग्न की जा रही है जिसके संबंध में जांच किया जाना अति आवश्यक है एवं ग्रन्ड्यूर अपार्टमेंट, डालीबाग कॉलोनी जहां राजेंद्र गौतम द्वारा कार्यालय बनाया गया है उस कार्यालय के कागजात एवं किराए संबंधी सभी दस्तावेज की छानबीन किया जाना अति आवश्यक है । जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

6. मुदित माथुर एक अधिवक्ता है और उच्च न्यायालय हाई कोर्ट,सिविल कोर्ट न्यायालय आदि में प्रैक्टिस करते हैं फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

7. अरुण त्रिपाठी एक अधिवक्ता है और उच्च न्यायालय हाई कोर्ट,सिविल कोर्ट न्यायालय आदि में प्रैक्टिस करते हैं और दैनिक समाचार पत्र अरुण संकल्प के स्वामी, प्रकाशक मुद्रक भी है फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

8. सैयद रजा रिजवी एक अधिवक्ता है और उच्च न्यायालय हाई कोर्ट,सिविल कोर्ट न्यायालय आदि में प्रैक्टिस करते हैं फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

9. प्रणय विक्रम सिंह राठौर को रोजाना अखबार से राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी हैं जबकि प्रणय विक्रम सिंह राठौर मुख्य मंत्री मीडिया सेल में कार्यरत हैं और सरकारी वेतन ले रहे हैं । जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

10. सुमन गुप्ता जनमोर्चा अखबार में संपादक हैं। फिर भी इनको राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

11. आरती त्रिपाठी ऊर्जा टाइम्स से ब्यूरो हैं और अखबार की मालिक भी है फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है l जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

12. शिव शरण सिंह गाँव देश समाचार पत्र के प्रबंध सम्पादक हैं फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है l जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

13. नीलम सिंह गाँव देश समाचार पत्र की संपादक हैं फिर भी इनको नियम विरुद्ध राज्य मुख्यालय पर प्रेस मान्यता दी गयी है l जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

14. हेमंत कृष्णा को नियम विरुद्ध व मानकों के विपरीत स्वतंत्र पत्रकार की मान्यता दी गई है जबकि हेमंत कृष्णा के नाम से एक मकान 6B/195 गोपेश कुंज, वृंदावन योजना, तेलीबाग रायबरेली रोड लखनऊ में है जिसपर आलीशान भवन का निर्माण कराया गया है बिना किसी नौकरी चाकरी के के हेमंत द्वारा ज्यादा वक्त लखनऊ जैसे शहर में विलासता भरी जिंदगी किस आधार पर गुजारी जा रही है यह गंभीर जांच का विषय है । जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

15. राघवेंद्र प्रताप सिंह हिंदी मासिक पत्रिका द इंडियन व्यू के स्वामी, प्रकाशक मुद्रक के साथ साथ स्वयं को स्टेट हेड नेटवर्क 10 बताते है और राज्य मुख्यालय मान्यता किन नियमो से दी गयी है जबकि थाना हुसैनगंज में मुक़दमा अपराध संख्या 0029 दिनांक 03.03. 2024 में मुख्य अभियुक्त के रूप में नामित है l यह गंभीर जांच का विषय है । जो मानकों के विपरीत है और मान्यता के आधार पर दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,निशुल्क परिवहन विभाग की सुविधा ,रियाती रेल पास की सुविधा समेत अन्य सरकारी सुविधायें सचिवालय,लोक भवन आदि शासकीय भवनों में प्रवेश बिना जाचं के दिया जाता है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है जिससे उपरोक्त भवनों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभावित होने की हर समय शंका व्याप्त रहती है l जिसकी पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराना जनहित में अतिआवश्यक है l

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक एवं सूचना विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत के इस कदम से अयोग्य व आपराधिक प्रवृति के पत्रकारों की राज्य प्रेस मान्यताओं का नवीनीकरण हो जाने से उनका सचिवालय, लोक भवन व अन्य प्रशासनिक वी आई पी स्थानों पर आना जाना होने के कारण मा0 मुख्यमंत्री की सुरक्षा को खतरा हो सकता है ।

पारदर्शिता के नाम पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट पर न तो मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध रहती है और न ही पत्रकारों को जारी सचिवालय, वाहन पास आदि के संबंध में कोई जानकारी दी जाती है । यही नहीं मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर कोई शिकायत भी नही दर्ज हो सकती क्योंकि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का नाम जनसुनवाई पोर्टल के विभागों की फ़ेहरिस्त में दिखाई ही नही देता है ।

डीएवीपी की वेबसाइट से मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए निर्धारित मानकों को बड़ी आसानी के साथ मिलान करने से प्रमाणित हो जाएगा कि अनेक व्यवसायियों को पत्रकार मान्यता दे कर श्रमिक बनाने का काम सूचना विभाग द्वारा किया गया है। यही नहीं अनेक क्षेत्रीय चैनल जो डीएवीपी के पैनल में नहीं दिखते उनको करोड़ों रुपयों का भुगतान भी कर दिया गया है ।

उत्तर प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं एवं भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीतियों के प्रचार प्रसार की समस्त जिम्मेदारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा नहीं निभाई जाती है l

आपसे अपेक्षा है कि उपरोक्त सभी पत्रकार जिनके द्वारा कहीं भी कभी कोई नौकरी नहीं की गई है लेकिन इतनी बड़ी संपत्ति और विलासता भरी जिंदगी कैसे की जा रही है, इस संबंध में जांच किया जाना अति आवश्यक है ।

प्रार्थी द्वारा अपने नैतिक दायित्वों के चलते जो जानकारियां प्राप्त हैं वह आप तक पहुंचाई जा रही हैं और आगे भविष्य में यदि कोई जानकारी प्राप्त होगी तो उपलब्ध कराई जाएगी एवं आपसे अपेक्षा है कि प्रार्थी के संबंध में कोई भी सूचना उपरोक्त नामित व्यक्तियों को दिए जाने से प्रार्थी व प्रार्थी के परिवार की जानमाल का खतरा है ।

अतः महोदय से अनुरोध है कि उपरोक्त प्रकरण में उत्तर प्रदेश के राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार, स्वतंत्र पत्रकार, वरिष्ठ पत्रकार एवं आदि मान्यता प्राप्त पत्रकार की पुरे उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन, अधिसूचना इकाई ( LIU ) , खुफिया इकाइयाँ / विभाग एवं सतर्कता विभाग से गोपनीय जांच कराकर अति शीघ्र मान्यता समाप्त करके उन पर कानूनी कार्यवाही व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक एवं सूचना विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत की भी गोपनीय जांच कराकर उन सभी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किये जाने का भी आदेश देने की भी कृपा करें । और कृत कार्यवाही से मुझे भी अवगत कराएं l जोकि जनहित व न्याय हित में अति आवश्यक है l
अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित l धन्यवाद l
स्थान : लखनऊ
दिनांक : 17-03-2023

भवदीय

( शमीम अहमद )
पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट
12 / 23 पुराना किला ,कैंट रोड, थाना हुसैनगंज ,
लखनऊ,उत्तर प्रदेश-226001
मो० 9307691188

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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