देवरिया के पत्रकार की मान्यता रद्द करने को लेकर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, देखिये क्या कहा हाईकोर्ट ने…

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने प्रेमशंकर मणि त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने विपक्षी पक्षकारों से याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही याची से उसके बाद दो सप्ताह में प्रत्युत्तर शपथ दाखिल करने को कहा है।

खबरों को लेकर अधिकारियों की अलग-अलग राय हो सकती है लेकिन ये कभी भी मान्यता रद्द करने का आधार नहीं हो सकते

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक के पत्रकार प्रेम शंकर मणि त्रिपाठी की प्रेस न्यूज रिपोर्टर की मान्यता रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने प्रेमशंकर मणि त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने विपक्षी पक्षकारों से याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही याची से उसके बाद दो सप्ताह में प्रत्युत्तर शपथ दाखिल करने को कहा है।

याचिका के अनुसार गत 26 फरवरी को एकपक्षीय संचार द्वारा, याची की मान्यता रद्द कर दी गई। कहा गया कि रद्द करने के कारण याची द्वारा मान्यता के दुरुपयोग का मामला नहीं है, न ही जबरन वसूली या ब्लैकमेल करने का कोई आरोप है।

याची की खबरों के तथ्यों पर अधिकारियों की अलग-अलग राय हो सकती है लेकिन ये कभी भी मान्यता रद्द करने का आधार नहीं हो सकते। मान्यता रद्द करके याची के मौलिक अधिकार के प्रयोग में बाधा पहुंचाई गई है।

 

सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रेस न्यूज रिपोर्टर की मान्यता रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी।
देखें अदालत का आदेश…

 

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