अविजीत रॉय की बांग्‍लादेश में मांस काटने वाले चाकू से गोद गोद कर हत्‍या

hatya

कट्रटरवादियों के खिलाफ लगातार अपने ब्‍लॉग के जरिये आवाज उठाने वाले अविजीत रॉय की बांग्‍लादेश में मांस काटने वाले चाकू से गोद गोद कर सरेराह हत्‍या कर दी गईा इस हमले में उनकी पत्‍नी रफीदा अहमद बान्‍ना भी गंभीर रूप से घायल हैं, उनका ब्‍लॉग बांग्‍ला में है http://www.mukto-mona.com/ लेकिन केवल विरोध दर्ज करवाने को इसे देखें जरूर, वैचारिक असहिष्‍णुता सारी दुनिया के सामने संकट है, कभी कोई कार्टूनिसट मारा जाता है तो कभी चित्रकार देश से निकाला जाता हौ तो कभी पत्रकार को नौकरी से बाहर कर दिया जाता है, सारी दुनिया में धर्म की रक्षा के नाम पर बढ रही यह अंधभक्ति एक तार्किक व वैज्ञानिक समाज के निर्माण में सबसे बडा खतरा है, जो लोग धर्म व आस्‍था के नाम पर गरीब, अनपढों को ठगते हैं, अविजीत जैसे लोगो के विचार उनके लिए खतरा होते हैं

हमले में रफीदा भी घायल हैंा अविजीत बांग्‍लादेश के मूल निवासी थे और उन्‍हें अमेरिका की नागरिकता मिल गई थी वे अपनी दो किताबों के विमोचन के सिलसिले में 17 फरवरी को ढाका पुस्‍तक मेला में आए थे एक कट्रटर मुल्‍लों व इस्‍लाम तथा मानवता के दुश्‍मन ‘अंसार बांग्‍ला” नामक लफंगों के समूह ने इस हमले की जिम्‍मेदारी ली है व ढाका यूनिवर्सिटी में इसके पोस्‍टर लगा कर खुशी का इजहार किया है एक बेहतरीन दुनिया बनाने के लिए आईए इस हमले की निंदा करें, केवल फेसबुक पर नहीं, अपने परिवार, पडोस को इस हादसे की जानकारी दें व बताएं कि कट्रटरपंथ व असहिष्‍णुता किस तरह विकास, शांति, शिक्षा की दुश्‍मन है, जरूरी नहीं कि कोई सभा करें, याद करें कि कितने दशको ंपहले स्‍वामी दयानंद ने मंदिर में चूहे को घूमता देखकर कह दिया था कि जो प्रतिमा अपनी रक्षा एक चूहे से नहीं कर सकती, वह इंसान को क्‍या बचाएगी, उनकी विचारधारा भी देश में जीवतं है, उनके अनुयायी हैं व हिंदू कहलाते हैं हमारी असल संस्‍क़ति यही है विरोधी विचारों को सहेजने व समझने की

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