मीडिया पर हमले के खिलाफ लखनऊ में पत्रकारों का प्रदर्शन, एसएसपी हटाए गए

उत्तर प्रदेश के खननं मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ  मीडिया पर हमला किये जाने की घटना को लेकर आज लखनऊ के सैकड़ो पत्रकारों ने हजरत गंज स्थित गांधी प्रतिमा पर एकत्र होकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया। पत्रकारों ने साधना न्यूज़ चैनल के रिपोर्टरों और छायाकारों से मारपीट, उनका कैमरा तोड़े जाने के विरोध में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम अपना ज्ञापन  सिटी मजिस्ट्रेट को सौपते हुए प्रजापति की  बरखास्तगी की मांग की। इस बीच पता चला है कि हमलावरों पर तुरंत एफआईआर दर्ज न करने पर लखनऊ के एसएसपी को हटा दिया गया है।
लखनऊ में मीडिया पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन करते पत्रकार
विरोध प्रदर्शनकारियों की मांग  है कि कैबिनेट मंत्री के  गुर्गो  विकास वर्मा और पिंटू सिंह पर मारपीट और जान से मरने की धमकी की धाराओ में मुकदमा पंजीकृत कर जल्द गिरफ्तारी की जाए। इस दौरान साधना न्यूज़ के चैनल हेड बृजमोहन सिंह  और उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी भी मौजूद रहे। हेमंत तिवारी ने कहा की प्रदेश में इस तरह के मंत्री सूबे की समाजवादी पार्टी की छवि को बिगाड़ने में लगातार लगे हैं। मुख्यमंत्री को ऐसे मंत्रियों को हटा देना चाहिए।
बृजमोहन सिंह ने कहा कि अब तो सच कहना और लिखना बहुत ही मुश्किल हो गया है। ये कोई पहली घटना नहीं जिसमे रसूखदारों ने मीडिया को अपना निशाना बनाया हो। पिछले माह गोमतीनगर में मधुरिमा स्वीटस में कवरेज करने गए पत्रकारों से मारपीट और उनके खिलाफ मुकदमा, कुछ दिन पहले सच को दिखाने गए एक पत्रकार को क्लार्क  होटल में पिटाई के मामले के बाद अब पत्रकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अब न्यूज चैनल्स के पत्रकारों पर मारपीट कर फर्जी मुकदमे में फंसाये जाने की घटना इन रसूकदारो के लिए आम हो गयी है। हम सभी मीडिया कर्मी सूबे के इस मंत्री को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से हटाये जाने की मांग करते हैं ताकि ये अन्य लोगो के लिए सीख रहे और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की गरिमा भी बनी रहे।
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