जी न्यूज से जाने वाली है सुधीर चौधरी की नौकरी!

bhadas4journalist-logoजी न्यूज में जबसे सुधीर चौधरी आए, कंपनी और चैनल की ऐसी तैसी हो गई. चौधरी खुद भी तिहाड़ हो आए और जी न्यूज पर उगाही के गंभीर आरोप लगे. चौधरी ने जी न्यूज को भाजपा परस्त चैनल बना दिया जिसके कारण एक बड़ी आबादी इस चैनल से घृणा करने लगी. चैनल की टीआरपी लगातार गिरती गई और यह छह नंबर का चैनल बन गया. अब देर से ही सही, जी न्यूज प्रबंधन जगा है. माना जा रहा है कि सुधीर चौधरी की विदाई की तैयारी शुरू कर दी गई है. कई ऐसे घटनाक्रम पिछले दिनों जी न्यूज में हुए जिससे यह संकेत मिल रहा है कि जी न्यूज में सुधीर चौधरी के दिन थोड़े ही शेष हैं.

चर्चा यह भी है कि प्रबंधन का रुख देखकर सुधीर चौधरी ने खुद अपना और अपनी टीम का इस्तीफा सौंपने का प्रस्ताव किया लेकिन प्रबंधन ने मना कर दिया है. ऐसा समझा जा रहा है कि प्रबंधन सुधीर चौधरी को सीधे दुखी नहीं करना चाहता क्योंकि उगाही वाले केस में सुधीर चौधरी पार्टी हैं और कहीं सरकारी गवाह बन गए तो सुभाष चंद्रा को लेने के देने पड़ जाएंगे.

पिछले दिनों जी न्यूज के कर्मियों की एक मीटिंग फिल्म सिटी के जी न्यूज आफिस में बुलाई गई. मीटिंग में सभी कर्मियों को मौजूद रहने के लिए कहा गया था. बाहर के ब्यूरो को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक का हिस्सा बनने के लिए कहा गया. ऐसी बैठकों को खुद चेयरमैन डा. सुभाष चंद्रा संबोधित करते थे. लेकिन इस बार उनके विश्वसनीय अमित जैन ने बैठक ली. अमित जैन तभी सीन में आते हैं जब उन्हें प्रबंधन की तरफ से कोई बड़ा काम दिया जाता है. और, अक्सर यह काम चैनल के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की कवायद करना होता है. बैठक में अमित जैन ने सख्त संदेश दिया कि सुधीर चौधरी भी कंपनी के उपर नहीं हैं और जरूरत पड़ी तो उनका इस्तीफा लिया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक सुभाष चंद्रा राज्यसभा जाने के बाद चैनल की गिरती विश्वसनीयता के ढेर सारे सवालों से दो चार हुए और उन्हें भी अब महसूस होने लगा है कि उनके चैनल की छवि का काफी नुकसान हो चुका है.

बैठक में अमित जैन ने समीर अहलूवालिया पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर किसी को यह लगता है कि वह जिंदल केस में शामिल है इसलिए प्रबंधन उनकी छुट्टी नहीं कर सकता तो वह गलतफहमी में है. अमित जैन ने साफ संदेश दिया कि जल्द ही प्रबंधन चैनल के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव कर सकता है. बैठक में सुधीर चौधरी ने बोलने की अनुमति मांगी और फिर कहा कि वे अपना और अपने साथियों का इस्तीफा सौंपने के लिए तैयार हैं. जैन ने चौधरी के प्रस्ताव को इगनोर कर दिया.

बैठक के अगले दिन फिर एक मेल जी के कर्मियों को भेजा गया जिसमें अमित जैन ने लिखा कि वह एचआर में बैठे हैं और कोई भी उनसे मिलकर चैनल के शीर्ष नेतृत्व की शिकायतों के संबंध में खुल कर अपनी बात कह सकता है. कहा जा रहा है कि तीन दिनों में सैकड़ों लोग जैन से मिले और चैनल की हालत को लेकर अपने दुख दर्द को बयान किया. सबने चैनल की संपादकीय नीति और गिरती विश्वसनीयता पर अपना पक्ष रखा और चैनल के संपादकीय नेतृत्व की शिकायत की.

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