पाण्डेयजी बड़े पत्रकार के भाई हैं, डायन भी 5 घर छोड़ती है

हिंदी दैनिक ‘जनसत्ता’ के डिजिटल पोर्टल पर पत्रकार ऋचा रितेश की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई, जिसमें बताया गया है कि कैसे कांग्रेसी नेता को बचाने के लिए इस केस के जांचकर्ता पुलिस अधिकारी पर ऊपर से भारी दबाव बनाया जा रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट, जिसमें बताया गया किस तरह से फोन के जरिए इस मामले के जांच अधिकारी पर ब्रजेश पांडे का नाम इस केस से हटाने का दबाव बनाया जा रहा है-

मिनरल वाटर पी-पी करके हर मोड़ व चौराहे पर महागठबधंन के जिम्मेवार नेतागण दावा करते हैं कि ‘नीतीश कुमार की सरकार न तो किसी को फंसाती है और न ही किसी को बचाती है’ लेकिन खबर सोलह आने पक्की है कि सेक्स रैकट में बुरी तरह उलझे राज्य के एक कद्दावर कांग्रेसी नेता तथा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडे (पांडे ने मंगलवार को इस्तीफा दिया) को बचाने के लिए इस नाजुक केस के जांचकर्ता पुलिस अधिकारी पर ऊपर से भारी दबाव है। इस अधिकारी को फरवरी 21 को दोपहर 3 बजे ‘साहब’ के दाहिने अंग का फोन आया, ‘अरे भाई, ऐसा है कि पांडे जी देश के एक बहुत भारी कलमजीवी के भाई हैं, डायन भी पांच घर बचाती है। मतलब तो आप समझ गए होगे कुमार साहब।’

जोशीले स्वभाव वाले कुमार साहब को मानो जैसे काठ मार गया हो। उन्होंने वहां अपने चैम्बर में बैठे अपने समकक्ष अधिकारी से इसको शेयर किया। सुझाव मिला ‘आपको इस संवेदनशील और राजनीतिक गर्माहट भरे मुदे पर ‘साहब’ से ही डायरेक्ट बात कर लेनी चाहिए। हमलोगों के पास पुख्ता सबुत है कि ब्रजेश पांडे इस रैकेट में शामिल हैं। लड़की का काल डिटेल्स तथा टेक्स्ट मैसेज भी तो हमलोगों के पास है।’ लेकिन मित्र का सुझाव कुमार साहब के सिर के उपर से निकल गया। वैसे ये मित्र भी इस केस केा सह-जांचकर्ता के रूप में जुड़े हुए हैं। मित्र की सलाह पर कुमार साहब बोले, ‘मैं तो दोषियों को किसी भी सूरत में छोड़ने वाला नहीं हूं चाहे भगवान भी मेरे को क्यूं न फोन करें, उन तीनों ने उस दलित लड़की के साथ लगातार कई दिनों तक रेप करके जघन्य अपराध किया है।’ मगर कुमार साहब खुद ‘साहब’ के दाहिने अंग की ताकत से कई बार रू-ब-रू हो चुके हैं।

22 दिसम्बर 2016 को पटना के एससी-एसटी थाने में राज्य के एक पूर्व मंत्री की नाबालिग बेटी ने नामजद एफआइआर करके तीन लोगों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसके साथ लगातार कई दिनों तक बलात्कार किया। प्रथम आरोपी निखिल प्रियदर्शी झारखंड कैडर के एक रिटायर हो चुके आईएएस का बेटा है। निखिल अभी तक फरार है। पूछताछ के क्रम में नाबालिग पीड़िता ने बताया कि बिहार कांग्रेस के उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडे ने भी कई बार उसका दैहिक शोषण किया है।

जांच में शामिल एक पुलिस अफसर ने जनसत्ता ऑनलाइन को बताया, ‘भुक्तभोगी बच्ची ने हमें बताया है कि निखिल प्रियदर्शी और ब्रजेश पांडे साथ मिलकर एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाते हैं जिसमें बॉलीवुड तथा टॉलीवुड के अलावा भोजपुरी फिल्म में काम करने वाली कई महिलायें जुड़ी हैं।’ वैसे कमजोर वर्ग के पुलिस महानिरीक्षक अनिल कुमार यादव ने भी पत्रकारों को बताया है कि लड़की ने काफी विस्फोटक बयान दिया है जो प्रथम दृष्या सही प्रतीत हो रहा है। मुख्य आरोपी निखिल ने पटना सिविल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अनुसंधानकर्ता से केस डायरी की मांग की जिसमें ब्रजेश पांडे, निखिल प्रियदर्शी तथा संजीत कुमार शर्मा द्वारा सेक्स रैकेट चलाने की बात लिखी गई है।

बहरहाल, हैरानी की बात ये है कि दो महीना बीत जाने के बावजूद भी इस घिनौने कांड में शामिल किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बीजेपी के नेता इस कांड को सामने रखकर महागठबधंन सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेसी नेताओं को मानो सांप सूंघ गया है। राजद व जनता दल यू के लोग इस मसले पर मौनी बाबा बने रहने में ही अपना अपना राजनीतिक लाभ देख रहे हैं। वहीं ब्रजेश पांडे ने फोन करके कुछ मीडियाकर्मियों को बताया है कि बीजेपी राजनीतिक कारणों से उन्हें बदनाम करना चाहती है। पांडे नवम्बर 2015 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी चंपारण के गोबिंदगंज क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

(साभार: जनसत्ता डॉट कॉम)

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