दो साल पुराने मामले में दैनिक जागरण के खिलाफ कोर्ट ने दिया जांच का आदेश, संजय गुप्ता भी हैं आरोपी

पीड़ित का आरोप है कि दैनिक जागरण एक ताकतवर संस्थान है, इसलिए पुलिस दबाव में है। इस संबंध में थाना काकादेव इंस्पेक्टर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनको कोर्ट का आदेश अभी नहीं मिला है। उन्होंने आदेश मिलते ही जांच रिपोर्ट कोर्ट भेजने की बात कही।

कानपुर। दैनिक जागरण कानपुर से एक बड़ी खबर आ रही है। जागरण के मालिकों में विवाद के चलते पहले ही मामला कोर्ट में पहुंच चुका है। कानपुर ऑफिस में 2021 में उत्पीड़न के मामले में एक कर्मचारी कोर्ट गया था। उसने बिना नोटिस नौकरी से निकालने और मजीठिया का केस लेबर कोर्ट में किया है। पीएफ ऑफिस में पीएफ न देने का और जिला न्यायालय में उत्पीड़न का केस किया है।

दो साल बाद माननीय कोर्ट ने उत्पीड़न के केस में पुलिस को मामले की जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने नियत तिथि से पूर्व पुलिस को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने उस डेट को जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत नहीं की।

पीड़ित का आरोप है कि दैनिक जागरण एक ताकतवर संस्थान है, इसलिए पुलिस दबाव में है। इस संबंध में थाना काकादेव इंस्पेक्टर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनको कोर्ट का आदेश अभी नहीं मिला है। उन्होंने आदेश मिलते ही जांच रिपोर्ट कोर्ट भेजने की बात कही।

पीड़ित का आरोप है कि काकादेव इंस्पेक्टर झूठ बोल रहे हैं। 11 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को जांच का आदेश दिया था। 22 अगस्त को काकादेव थाने में कोर्ट का आदेश रिसीव करा दिया गया था। आरोप है कि केस में प्रधान संपादक संजय गुप्ता भी आरोपी हैं, इसलिए दैनिक जागरण के अन्य 8 आरोपी अधिकारी बचाव की मुद्रा में हैं। दूसरी ओर इसी पीड़ित को पीएफ न देने के मामले में भी 7ए की कार्रवाई शुरू हो गई है।

ताकतवर लोग नहीं करते कानून का सम्मान

हाल ही में एक अन्य मामले में कानपुर नगर के नगरायुक्त को कोर्ट में तलब किया गया था, लेकिन मामला बड़े अफसर का होने के कारण पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट दी कि नगरायुक्त के न मिलने के कारण कोर्ट का आदेश रिसीव नहीं हो सका। इससे नाराज कोर्ट ने नगरायुक्त को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।

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