क्या राजदीप सरदेसाई को इंडिया टुडे ने नौकरी से निकाला, विदाई भी नहीं दी? सोशल मीडिया में लग रहे कयास, कहा था- पाकिस्तान को दे दो PoK
अगर सरदेसाई को बाहर निकाले जाने की बात सच साबित होती है तो वह ऐसे ही लोगों की एक लम्बी लाइन में शामिल हो जाएँगे। इससे पहले कई को हस्तियों पत्रकारिता की आड़ में दुष्प्रचार करने के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
अंग्रेजी समाचार TV चैनल इंडिया टुडे से पत्रकार राजदीप सरदेसाई को निकाले जाने की खबरें सोशल मीडिया पर लगातार तैर रही हैं। सोशल मीडिया पर लोग एक कड़ी से दूसरी कड़ी जोड़ कर राजदीप की विदाई को लेकर चर्चाएँ कर रहे हैं।
राजदीप सरदेसाई को लेकर इन चर्चाओं को और भी बल तब मिला जब ABP न्यूज की पत्रकार मेघा प्रसाद ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “मीडिया के एक बड़े और ताकतवर व्यक्ति को बाहर निकाल दिया गया… आपके कर्म लौट कर आपको वापस मिलते हैं।”
So a high and mighty in the media just got booted out….so unceremoniously…so sad. But karma comes back to bite, right ? That's what we have been taught 😊
— Megha Prasad (@MeghaSPrasad) May 27, 2025
इस ट्वीट में मेघा ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन लोग तुरंत ही कयास लगाने लगे। कई लोगों ने दावा किया कि यह इशारा इंडिया टुडे के एंकर राजदीप सरदेसाई की तरफ है, जिन्होंने हाल ही में PoK पर एक विवादित टिप्पणी की थी।
इस आग में घी डालने का काम एक्स पर की गई कई और पोस्टों ने किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सरदेसाई को उनके विवादास्पद रवैये और हितों के टकराव के कारण चैनल से बिना कोई सम्मानजनक विदाई दिए हटा दिया गया है।
PoK पाकिस्तान को सौंपने की दी थी सलाह
इंडिया टुडे के डिबेट शो में उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान को सौंप देना चाहिए और नियंत्रण रेखा (एलओसी) को अंतरराष्ट्रीय सीमा मान लेना चाहिए। सरदेसाई ने इसे कश्मीर समस्या का ‘स्थायी समाधान’ बताया था।
राजदीप ने कहा कि आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मुद्दों पर चर्चा जरूरी है, लेकिन पीओके वापस लेना संभव नहीं। इसको लेकर राजदीप को काफी विरोध झेलना पडा था और उनकी सोशल मीडिया पर आलोचना हुई थी।
पहले भी फैला चुके झूठ
यह पहली बार नहीं है जब राजदीप सरदेसाई से जुड़ा कोई विवाद सामने आया हो। इससे पहले जनवरी 2021 में, किसान प्रदर्शन के दौरान गलत सूचना फैलाने के कारण उन्हें इंडिया टुडे ने दो सप्ताह के लिए ऑफ एयर कर दिया था और एक महीने का वेतन काट लिया था।
सरदेसाई ने ट्वीट किया था कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान मरने वाले एक प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई थी। बाद में पुष्टि हुई थी कि उसकी मौत ट्रैक्टर के पलटने से हुई थी। इसके बाद इंडिया टुडे को उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
अब आगे सरदेसाई के साथ क्या होगा?
अगर सरदेसाई को बाहर निकाले जाने की बात आगर सच साबित होती है तो वह ऐसे ही लोगों की एक लम्बी लाइन में शामिल हो जाएँगे। इससे पहले कई को हस्तियों पत्रकारिता की आड़ में दुष्प्रचार करने के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
इसके बाद वह रवीश कुमार, अभिसार शर्मा, अजीत अंजुम की तरह पीड़ित होने का नाटक कर सकते हैं और दावा कर सकते हैं कि उन्हें ‘असहज सवाल’ पूछने के लिए बर्खास्त कर दिया गया था और बस यूट्यूब पर चले जाएँ। यहाँ वह अपना प्रोपेगेंडा खुल कर चला सकते हैं।
नोट: यह आर्टिकल सोशल मीडिया में चल रही अपुष्ट कनफुस्कियों और कयासों पर आधारित है। खबर लिखे जाने तक इंडिया टुडे या राजदीप सरदेसाई की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
