बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री को भेजे गए एक वकील का शिकायती पत्र इंटरनेट पर वायरल

इस वायरल पत्र को लेकर मंत्री की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं आया और न इस पर अभी कोई जांच शुरू हुई है। इसके पहले हरदोई के दागी और विवादित बीएसए विजय प्रताप सिंह के तबादले का भी स्कैंडल खुल चुका है। हरदोई से हटने के 18 दिन के भीतर उसी बीएसए को वापिस हरदोई में तैनात कर दिया गया।

भारत समाचार ने अपना ट्वीट डिलीट क्यों किया

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री को भेजे गए एक वकील का शिकायती पत्र इंटरनेट पर वायरल है।

 

मंत्री संदीप सिंह और सचिवालय सेवा के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं और कुछ उल्लेखनीय तथ्य भी दिए गए हैं।

 

बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले का है, जहां बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह पर 20 लाख रुपये के हिसाब से वसूली करवा कर बेसिक शिक्षा अधिकारी (B.S.A) बनाने का आरोप लगा है। इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा गया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

 

वायरल पत्र में आरोप

 

वायरल हो रहे पत्र में लिखा गया है कि बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने B.S.A की पोस्टिंग के लिए वसूली की है। इस काम में उनका साथ देने वालों में सेवानिवृत्त समीक्षा अधिकारी अवधेश शुक्ला और आशीष गौड़ शामिल हैं। अवधेश शुक्ला बाराबंकी के निवासी हैं और उन पर अत्यधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। उन्होंने हाल ही में लॉ कॉलेज और इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थापना की है। इससे पहले वे डिग्री कॉलेज और गैस एजेंसी चला रहे थे।

स्थानांतरण नीति की धज्जियां
पत्र में आगे लिखा गया है कि जहां स्थानांतरण नीति के तहत 20% स्थानांतरण होना था, वहां 32 B.S.A का स्थानांतरण कर दिया गया, जो 40% से भी अधिक है। पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “जीरो टॉलरेंस” नीति का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मंत्री किस तरह से तबादला पोस्टिंग में संलिप्त हैं।

 

हालांकि इस वायरल पत्र को लेकर मंत्री की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं आया और न इस पर अभी कोई जांच शुरू हुई है।

 

इसके पहले हरदोई के दागी और विवादित बीएसए विजय प्रताप सिंह के तबादले का भी स्कैंडल खुल चुका है। हरदोई से हटने के 18 दिन के भीतर उसी बीएसए को वापिस हरदोई में तैनात कर दिया गया।

 

नीचे देखें ट्वीट में डाला गया पत्र और उसके बाद डिलीट ट्वीट का स्क्रीनशॉट..

 

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