‘फ्री इनसाइक्लोपीडिया’ पर उपलब्ध जानकारी सच नहीं, खुद विकिमीडिया फाउंडेशन की पूर्व CEO ने समझाया
कैथरीन मेहर ने अगस्त 2021 में अपने एक TED टॉक में यह स्वीकार किया कि विकिपीडिया पर दी गई जानकारी सच्चाई पर आधारित नहीं है। उन्होंने दावा किया कि विकिपीडिया का फोकस 'जो अभी सही लग सकता है' पर है, न कि सत्य पर।
बीते साल यानी नवंबर 2024 में मोदी सरकार ने Wikipedia को एक नोटिस भेजा, जिसमें इस कथित ‘फ्री इनसाइक्लोपीडिया’ द्वारा प्रकाशित भ्रामक और पक्षपाती जानकारी पर सवाल पूछे गए।
यह नोटिस केंद्र सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B) द्वारा जारी किया गया। इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि Wikipedia की सामग्री पर एक छोटे समूह के संपादकों का नियंत्रण है, जो इसमें हेरफेर करने में सक्षम होते हैं और एकपक्षीय जानकारियाँ उपलब्ध कराते हैं।
सरकार ने Wikipedia से पूछा है कि उसे मध्यस्थ (Intermediary) की बजाय एक प्रकाशक (Publisher) क्यों न माना जाए। बता दें कि ऑपइंडिया ने 9 सितंबर 2024 को प्रकाशित किए अपने 187 पन्नों के डोजियर में भी इस मुद्दे को उठाया था।
इस पूरे मामले को समझने के लिए Wikimedia Foundation की पूर्व CEO कैथरीन माहेर के दो मुख्य भाषणों और Wikipedia के प्रोपेगैंडा टूल के रूप में काम करने के तरीके की पड़ताल करते हैं।
कैथरीन माहेर ने गलती से खोली थी विकिपीडिया की पोलअगस्त 2021 में कैथरीन माहेर ने एक TED टॉक में अनजाने में यह खुलासा किया कि Wikipedia के माध्यम से फैलाई गई जानकारी सत्य पर आधारित नहीं होती।
कैथरीन माहेर ने अपने TED टॉक में कहा कि भले ही मीडिया और विज्ञान पर जनता का भरोसा कम हो, लेकिन लोग Wikipedia पर विश्वास करते हैं। उन्होंने इसे ‘सामान्य लोगों’ द्वारा ‘स्वैच्छिक’ रूप से किए गए संपादन(एडिटिंग) का नतीजा बताया।
हालाँकि, ऑपइंडिया अपने डोजियर में यह साबित कर चुका है कि कैसे Wikipedia पर कुछ गिने-चुने लोगों (एडिटरों) का कंट्रोल होता है। यही लोग तय करते हैं कि कौन-सी जानकारी प्रकाशित की जाए और कौन सी नहीं। अगर कोई लेख इनके प्रोपेगेंडा की पोल खोल सकता है, तो उसे तुरंत हटा दिया जाता है।
विकिपीडिया के इन एडिटर्स यानी मुट्ठी भर लोगों के पास एडिटिंग पर बैन लगाने, एडिटर्स को बैन करने, विवाद सुलझाने, पेज हटाने, पेज लॉक करने और सामग्री को ओवरराइड करने की ताकत होती है। दुनिया भर में केवल 435 सक्रिय एडमिनिस्ट्रेटर्स हैं, जो Wikipedia पर व्यापक नियंत्रण रखते हैं। ये 435 लोग चाहें तो विकिपीडिया पर मौजूद किसी भी जानकारी को तुरंत बदल सकते हैं और इन्हें कोई चुनौती भी नहीं दी जा सकती, क्योंकि वो उसे खुद ही खारिज कर देंगे।
कैथरीन माहेर ने अपने TED टॉक में दावा किया कि Wikipedia की जानकारी इस पर आधारित है कि “ज्यादातर लोग क्या उचित और सही मानते हैं।” लेकिन OpIndia इसे गलत ठहराते हुए बता चुका है कि Wikipedia की कार्यप्रणाली पारदर्शी होने के बजाय एक ठोस व्यवस्था के तहत चलती है, जो किसी भी पब्लिशिंग हाउस की तरह ही सख्त एडिटोरियल नियंत्रण और अनुशासन के साथ काम करती है।
अपने टेडटॉक में माहेर ने यह भी स्वीकार किया कि Wikipedia का उद्देश्य सत्य की खोज या दूसरों को सत्य के लिए राज़ी करना नहीं है। उन्होंने इसे ‘ध्यान भटकाने वाला’ बताया।
माहेर ने जोर देकर कहा, “हो सकता है कि हमारे सबसे कठिन मतभेदों के लिए, सत्य की खोज और दूसरों को सत्य के लिए मनाने की कोशिश सही जगह न हो। वास्तव में सत्य के प्रति हमारा सम्मान, साझा आधार खोजने और चीजों को पूरा करने में बाधा बन सकता है।”
विकिपीडिया ‘सत्य’ की बजाय ‘लोगों के लिए उपयुक्त जानकारी’ का साधन
कैथरीन माहेर ने अपने TED टॉक और अन्य सार्वजनिक भाषणों में स्पष्ट किया कि विकिपीडिया पर लिखने वाले लेखक ‘सत्य’ पर ध्यान केंद्रित नहीं करते। उन्होंने कहा, “जो लोग इन लेखों को लिखते हैं, वे सत्य पर नहीं, बल्कि वर्तमान समय में जो सबसे अच्छा संभव ज्ञान है, उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं।”
उन्होंने सुझाव दिया कि साझा समझ के लिए, ‘एक सत्य’ को आधार बनाने की बजाय ‘न्यूनतम व्यवहार्य सत्य’ (Minimum Viable Truth) को अपनाना चाहिए। माहेर के अनुसार, “न्यूनतम व्यवहार्य सत्य का मतलब है इतनी सटीक जानकारी देना, जो पर्याप्त समय तक पर्याप्त लोगों के लिए उपयोगी हो।”
कैथरीन माहेर ने स्वीकार किया कि विकिपीडिया में ‘वास्तविकता के सही और अंतिम रूप’ की खोज का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकिपीडिया की कार्यप्रणाली एक प्रकाशित सत्य की बजाय ज्ञान को वितरित करने के माध्यम के रूप में काम करती है।
उन्होंने कहा, “विकिपीडिया सत्य का प्रतिनिधित्व नहीं करता। यह ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ सत्य को विकसित, अस्थिर और परिवर्तनीय (बदलता) माना जाता है। यह प्लेटफ़ॉर्म इंसानों की दुनिया को समझने की प्रक्रिया को दर्शाता है, जो जटिल और समय के साथ बदलने वाली होती है।”
उन्होंने गैलीलियो, कोपरनिकस और मार्टिन लूथर जैसे ऐतिहासिक उदाहरणों का हवाला देकर यह समझाने की कोशिश की कि सत्य समय के साथ विकसित होता है और इसकी खोज हमेशा आसान या परिणाम रहित नहीं होती।
विकिपीडिया में संपादकीय नियंत्रण
माहेर ने यह भी स्वीकार किया कि विकिपीडिया में पक्षपात और गलतियाँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “मेरे विकिपीडिया के प्रति प्रेम के बावजूद, मैं इसकी पूर्णता का दावा नहीं करती। यह बहुत बार सही हो सकता है, लेकिन यह त्रुटिपूर्ण और अधूरा भी हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह उतना ही पक्षपाती है, जितना हम सभी हैं।”
कैथरीन माहेर ने यह भी कहा कि शुरुआत में विकिपीडिया पर पश्चिमी गोरे मर्दों(श्वेत पुरुषों) का दबदबा था, जिसके लेखन में कई महत्वपूर्ण पूर्वाग्रह और खामियाँ थीं। माहेर ने जोर देकर कहा कि इस व्यवस्था को बदलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि अधिक विविध आवाजें शामिल हो सकें।
उन्होंने कहा, “हमने महसूस किया कि विकिपीडिया में लेखन के तरीके और लेखों की दिशा पर गोरे पुरुषों का प्रभाव था। इसे सुधारने और इसे और अधिक समावेशी बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।”
विकिपीडिया एकदम ‘सच’ नहीं है: कैथरीन माहेर
कैथरीन माहेर नवंबर 2021 में हाउस ऑफ ब्यूटीफुल बिजनेस ‘कंक्रीट लव’ में भी शामिल हुईं थी और उन्होंने विकिपीडिया के कामकाज को व्यापक तरीके से समझाने की कोशिश की थी। माहेर ने एक और महत्वपूर्ण बिंदु उठाया कि विकिपीडिया की जानकारी ‘वर्तमान समय के सबसे अच्छे संभव ज्ञान’ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि विकिपीडिया के लेखों को लिखने वाले सत्य की खोज में नहीं हैं, बल्कि लोगों के लिए उपयोगी और प्रासंगिक जानकारी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे विवाद आमतौर पर इस बात पर होते हैं कि किसी मुद्दे का सत्य क्या है। विकिपीडिया पर भी राजनीति और धर्म पर चर्चा कठिन होती है। लेकिन विकिपीडिया के लेखक इन विषयों पर किसी अंतिम सत्य को खोजने के बजाय वर्तमान में सबसे अच्छी जानकारी देने का प्रयास करते हैं।”
कैथरीन माहेर के भाषणों से यह स्पष्ट होता है कि विकिपीडिया का प्राथमिक उद्देश्य सत्य को परिभाषित करना नहीं, बल्कि जनता के लिए सुविधाजनक और उपयोगी जानकारी प्रदान करना है। उनके शब्दों में, “विकिपीडिया चीजों को सही करने का प्रयास करता है, लेकिन यह यह दावा नहीं करता कि वह सत्य का प्रतिनिधित्व करता है।”
कैथरीन माहेर ने अपने भाषण में सत्य को “एक अस्थिर और व्यक्तिगत अवधारणा” बताया। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि आप में से प्रत्येक के लिए सत्य मौजूद है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि आपके बगल में बैठे व्यक्ति के लिए वही सत्य हो।”
माहेर ने दावा किया कि सत्य व्यक्तिगत होता है और इसका उपयोग सामूहिक रूप से काम करने और एक मध्य मार्ग तक पहुंचने के लिए किया जाना चाहिए, भले ही वह सत्य का पूर्ण प्रतिनिधित्व न करे। उन्होंने कहा, “अगर हम यह तय करने लगें कि किसका सत्य सबसे अच्छा है, तो हम शुरुआत से अधिक दूरियाँ बना लेंगे। यह हमें मूल्यों और पहचान के सवालों में उलझा देगा और असहमति पर ध्यान केंद्रित करेगा, बजाय इसके कि हमें क्या जोड़ता है।”
माहेर ने कहा कि विकिपीडिया संपादकों के बीच सहयोग, जो अलग-अलग दृष्टिकोण रखते हैं, वास्तविक सत्य के प्रचार से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “सहयोगपूर्ण अस्तित्व, सहमति और कार्रवाई के लिए हमें एक सत्य की आवश्यकता है।” उन्होंने आगे कहा, “हमें एकीकृत सत्य पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, पर्याप्त सहमति खोजने की आवश्यकता है ताकि हम आगे बढ़ सकें। विकिपीडिया में हमारा उद्देश्य सब कुछ हल करना नहीं था, बल्कि अधिकांश लोगों के लिए इतनी सटीकता प्राप्त करना था कि यह उपयोगी हो सके।”
माहेर ने विकिपीडिया पर तटस्थता की अवधारणा पर भी बात की। उन्होंने कहा, “विकिपीडिया यह मानता है कि हम सभी में पूर्वाग्रह होते हैं। यही कारण है कि आपको अपने बारे में लेख लिखने की अनुमति नहीं है, क्योंकि आपके लिए खुद को निष्पक्ष दिखाना मुश्किल होगा।” हालाँकि, विकिपीडिया के सह-संस्थापक लैरी सेंगर सहित अन्य शोधों ने विकिपीडिया की स्पष्ट वैचारिक पक्षपात को उजागर किया है।
जून 2024 में डेविड रोज़ाडो द्वारा मैनहट्टन इंस्टीट्यूट के शोध के अनुसार, विकिपीडिया का झुकाव वामपंथ की ओर अधिक है। ‘द क्रिटिक’ नाम के रिसर्च ने इसके लिए विकिपीडिया की दो नीतियों – ‘न्यूट्रल पॉइंट ऑफ व्यू’ और ‘रिलायबिलिटी’ पर ध्यान केंद्रित किया।
1- शोध ने निष्कर्ष निकाला कि विकिपीडिया पर कौन से स्रोत विश्वसनीय हैं, यह संपादकों द्वारा तय किया जाता है। वामपंथी स्रोतों को विश्वसनीय माना जाता है, जबकि दक्षिणपंथी स्रोतों को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है।
2- इसी तरह से ‘न्यूट्रल पॉइंट ऑफ व्यू’ का मतलब केवल ‘विश्वसनीय स्रोतों’ का प्रतिनिधित्व करना होता है, न कि सभी दृष्टिकोणों को शामिल करना।
विकिपीडिया का असली चेहरा : इन शोधों और माहेर के भाषणों से यह स्पष्ट होता है कि विकिपीडिया की ‘तटस्थता’ और ‘सत्य’ की धारणा केवल दिखावा है। इसका वास्तविक उद्देश्य ऐसी जानकारी प्रदान करना है, जो संपादकों के विचारों के अनुरूप हो और जो बहुसंख्यक लोगों को ‘उपयुक्त’ लगे।
लैरी सेंगर भी खोल चुके हैं पोल: विकिपीडिया के सह-संस्थापक लैरी सेंगर मंच पर वामपंथी झुकाव, अविश्वसनीयता और पूर्वाग्रह होने का आरोप लगा चुके हैं। सेंगर का मानना है कि विकिपीडिया तटस्थ ज्ञान का स्रोत होने के बजाय वैचारिक एजेंडा के लिए एक मशीनरी बन चुका है।
ऑपइंडिया की डोजियर में विकिपीडिया और Wikimedia Foundation का पर्दाफाश
सितंबर 2024 में ऑपइंडिया अपने डोजियर में विकिपीडिया और Wikimedia Foundation का पर्दाफाश कर चुका है। ऑपइंडिया ने अपने रिसर्च में पाया है कि विकिपीडिया न तो मुफ्त(फ्री) है और न ही ये वैचारिक हस्तक्षेप से मुक्त है। विकिपीडिया भारत में मुफ्त सामग्री देने के नाम पर डोनेशन लेता है और फिर भारत के खिलाफ ही उसे इस्तेमाल करता है। हालाँकि वो बताता है कि वो अपने एडिटरों यानी संपादकों को कोई पैसा नहीं देता। विकिपीडिया से जुड़े कुछ अहम रहस्यों को इस तरह से जान सकते हैं –
Wikimedia और Tides Foundation का गठजोड़: Wikimedia Foundation का वित्तीय संबंध Tides Foundation से है, जिस पर अमेरिका में हमास समर्थक विरोध प्रदर्शनों और जॉर्ज सोरोस से जुड़े संगठनों को वित्तीय सहायता देने के आरोप हैं। Tides Foundation और Wikimedia Foundation ने कई संगठनों को वित्तीय सहायता दी है जो भारत के हितों के खिलाफ काम करते हैं, जैसे Hindus For Human Rights, Equality Labs, आर्ट+फेमिनिज्म, एक्सेस नाउ, भारतीय उद्योगपतियों के खिलाफ हिंडेनबर्ग जैसे संगठनों की वो मदद करता है।
भारत में Wikimedia की भूमिका: Wikimedia Foundation की भारत में 2019 से कोई औपचारिक उपस्थिति नहीं है। इसके बावजूद, यह भारत से भारी मात्रा में डोनेशन पाता है और इसे वो उन एनजीओ में बाँटता है, तो भारत में Wikimedia Foundation के व्यावसायिक हितों को बढ़ावा देते हैं।
विकिपीडिया में एडिटिंग एकतरफा: शोध में पाया गया कि भारत से जुड़े विषयों पर विकिपीडिया के लेख सीमित संपादकों और प्रशासकों के एक ग्रुप द्वारा कंट्रोल किए जाते हैं। विकिपीडिया के इन संपादकों में से एक को मणिपुर राज्य में वैमनस्य फैलाने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।
विकिपीडिया का स्पष्ट वैचारिक झुकाव: विकिपीडिया के लेखों में हिंदू विरोधी और भारत विरोधी पूर्वाग्रह स्पष्ट रूप से दिखते हैं। यह पक्षपात Google और Wikimedia Foundation के साझेदारी के कारण और बढ़ता है, जो विषयों को परिभाषित करने में एकतरफा दृष्टिकोण अपनाते हैं।
विकिपीडिया और Wikimedia Foundation का दावा है कि वो तटस्थ है और अपने कामकाज में पारदर्शिता बरतता है, वो पूरी तरह से भ्रामक है और सच्चाई से कोसों दूर है। क्योंकि विकिपीडिया के संचालन और कंटेंट में इसका वामपंथी झुकाव, वैचारिक पक्षपात और भारत विरोधी रुख गहराई तक साफ तौर पर दिखता है।