भारत में कुम्भ शुरूहोने के के पहले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से दिया इस्तीफा

जस्टिन ट्रूडो 11 सालों से लिबरल पार्टी के नेता और नौ वर्षों से प्रधानमंत्री थे. वह डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकियों से लेकर प्रमुख सहयोगियों के इस्तीफे और जनमत सर्वेक्षणों तक कई संकटों का सामना कर रहे थे.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अपनी सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच उन्होंने यह फैसला किया. देश को दिए अपने संबोधन में ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया.

जस्टिन ट्रूडोकनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अपनी सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच उन्होंने यह फैसला किया. देश को दिए अपने संबोधन में ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया. ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चयन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. ट्रूडो ने कहा कि संसद की कार्यवाही 24 मार्च तक स्थगित रहेगा, और वह तब तक कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे, जब तक कि नए नेता का चुनाव नहीं कर लिया जाता.

ट्रूडो तब तक कार्यवाहक क्षमता में प्रधानमंत्री बने रहेंगे जब तक कि कोई नया नेता नहीं चुना जाता.

जस्टिन ट्रूडो 11 सालों से लिबरल पार्टी के नेता और नौ वर्षों से प्रधानमंत्री थे. वह डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकियों से लेकर प्रमुख सहयोगियों के इस्तीफे और जनमत सर्वेक्षणों तक कई संकटों का सामना कर रहे थे.

जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, “यह देश अगले चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और यह मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता.”

ट्रूडो ने आगे कहा, “एक नया प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी का नेता अगले चुनाव में अपने मूल्यों और आदर्शों को लेकर जाएगा. मैं आने वाले महीनों में इस प्रक्रिया को देखने के लिए उत्साहित हूं.”

जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, “सच तो यह है कि इस पर काम करने के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, संसद महीनों से पंगु बनी हुई है. इसलिए आज सुबह मैंने गवर्नर-जनरल को सलाह दी कि हमें संसद का नया सत्र बुलाने की जरूरत है. उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और अब सदन 24 मार्च तक स्थगित रहेगा.”

गौरतलब है कि, कनाडाई संसद की कार्यवाही 27 जनवरी को फिर से शुरू होनी थी और विपक्षी दलों ने सरकार को जल्द से जल्द गिराने की कोशिश में थी. मसलन, विपक्षी पार्टियां ट्रूडो की लिबरल पार्टी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन अगर संसद 24 मार्च तक स्थगित रहता है तो विपक्षी पार्टियां मई महीने तक संसद में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. वहीं अक्टूबर महीने तक कनाडा में आम चुनाव हो सकते हैं.

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