रवीश कुमार के प्राइम टाइम के बाद बोले वैंकेया नायडु- बैन पर राजनीति करना गलत

ndtv-banनई दिल्ली। एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगाने को लेकर आलोचना करने वालों पर सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने हमला बोला है। नायडू ने कहा कि ‘देरी से हो रही आलोचना’ स्पष्ट रूप से एक विवाद पैदा करने के लिए ‘आधी अधूरी सूचना और राजनीति से प्रेरित’ है। उन्होंने चेन्नै में पत्रकारों से कहा कि इस साल जनवरी में पठानकोट में सुरक्षा बल के आतंकवाद विरोधी अभियानों का लाइव कवरेज करने के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर एनडीटीवी के खिलाफ प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर देरी से हो रही आलोचना स्पष्ट रूप से आधी अधूरी सूचना और राजनीति से प्रेरित है।
इसमें उन्होंने यूपीए के कार्यकाल में चैनलों के बैन का उदाहरण देते हुए कहा कि, ‘तीन नवंबर 2016 को सरकार के निर्णय के सार्वजनिक होने के एक दिन बाद ऐसी प्रतिक्रियाएं सामने आई जो स्पष्ट रूप से बिना बात विवाद पैदा करने की भावना से प्रेरित है।’ जबकि लोगों को जानना चाहिए कि 2005-14 के दौरान यूपीए सरकार ने 21 मामलों में कई टीवी चैनलों को बंद करने का आदेश दिया था। एक दिन से दो महीने की समयावधि के दौरान ‘एडल्ट’ प्रमाणपत्र वाली फिल्म दिखाए जाने वाले 13 मामले थे। उन्होंने कहा कि एक स्टिंग ऑपरेशन दिखाने पर एक चैनल को 30 दिनों के लिए बंद कर दिया गया था।

 

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एनडीटीवी के प्रसारण पर एक दिन का बैन लगाने के फैसले की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया एक जिम्मेदार संगठन है, लेकिन उसने जवाब देने में पूरा एक दिन लगाया। उन्हें समझना चाहिए कि केबल टीवी नेटवर्क्स रेग्युलेशन ऐक्ट 1995 के तहत केंद्र सरकार किसी भी चैनल या प्रोग्राम के प्रसारण को रोक सकती है अगर उनसे देश की एकता, अखंडता या संप्रभुता को खतरा हो।

 

गौरतलब है कि एनडीटीवी इंडिया पर लगे बैन का विरोध करने के लिए पत्रकार रवीश कुमार ने शुक्रवार (4 नवंबर) को अपने प्राइम टाइम में इस बार कुछ अलग किया। हर बार जहां रवीश अपने शो में गंभीर किस्म के मुद्दों को लेकर बहस करते नजर आते थे वहीं इस बार उन्होंने दो मूक कलाकारों को बुलाकार मूक अभिनय करवाया। पूरे शो में रवीश ही बोलते हैं और दोनों मूक कलाकार अपने मूक अभिनय का प्रदर्शन करते रहते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में रवीश दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण का जिक्र करते हैं। उसके बाद वह बात को घुमा-फिराकर उनके चैनल पर लगे बैन पर ले आते हैं। प्राइम टाइम की शुरुआत में रवीश बोलते हैं, ‘

“जब हम सवाल नहीं पूछ पाएंगे, तो क्या करेंगे” कहते हैं। दिल्ली में सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया है। गुड़गांव के भी कुछ स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया है। हवा ही कुछ ऐसी है कि अब जाने क्या क्या बंद करने का फैसला किया जाएगा। हम जागरूक हैं। हम जानते भी हैं। आज बच्चा बच्चा पीएम के साथ साथ पीएम 2.5 के बारे में जानने लगा है। मगर हो क्या रहा है। इस सवाल को ऐसे भी पूछिये कि हो क्या सकता है। अभी अभी तो रिपोर्ट आई थी कि कार्बन का भाई डाई आक्साईड का हौसला इतना बढ़ गया है कि अब वो कभी पीछे नहीं हटेगा। दिल्ली की हवा आने वाले साल में खराब नहीं होगी बल्कि हो चुकी है। अब जो हो रहा है वो ये कि ये हवा पहले से ज्यादा खराब होती जा रही है। दरअसल जवाब तो तब मिलेगा जब सवाल पूछा जाएगा, सवाल तो तब पूछा जाएगा जब नोटिस लिया जाएगा, नोटिस दिया नहीं जाएगा।’

इसके बाद रवीश ने नचिकेता की कहानी का जिक्र किया जिसके पिता उसे ज्यादा सवाल पूछने की वजह से यमराज को दान कर देते हैं। शो के अंत में रवीश ने कहा, ‘जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहा’ रवीश कुमार के इस प्राइम टाइम की काफी सराहना हो रही है। इसे लोगों ने सरकार को करारा जवाब बताया है। एनडीटीवी के एक दिन के बैन के बाद सरकार लगातार लोगों के निशाने पर है। लालू प्रसाद यादव, मायावती, नीतीश कुमार सहित सभी प्रमुख नेताओं ने इसकी आलोचना की है।

 

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