रिपोर्टर बन आए फिदाइन ने 10 पत्रकारों को ही उड़ाया, पत्रकार जगत मे शोक

अफगानिस्तान की राजधानी काबूल में सोमवार को हुए दो आत्‍मघाती हमलों में 10 पत्रकारों समेत करीब 37 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि इसमें ‘BBC’ के एक संवाददाता, ‘AFP’ का एक फोटोग्राफर और स्थानीय टीवी चैनल का कैमरामैन सहित एक महिला पत्रकार भी शामिल है। एएफपी ने बताया कि समाचार एजेंसी के मुख्य फोटोग्राफर शाह मरई की विस्फोट में मौत हो गई। वहीं, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के निदेशक जेम्स आंगस ने एक बयान में अपने अफगान संवाददाता अहमद शाह की मौत की पुष्टि की है। हमले में सबसे ज्यादा ‘आजादी रेडियो’ के 3 पत्रकार मारे गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार शाम तक मारे गए सभी लोगों की पहचान नहीं हो पाई थी। एक बयान में आईएस समर्थित वेबसाइट में इस्लामिक स्टेट समूह ने काबुल में हुए दोनों हमलों की जिम्मेदारी ली है। काबुल पुलिस प्रवक्ता हशमत स्तानकजई ने बताया कि काबुल में हुए दोहरे आत्मघाती हमले में कम से कम 45 लोग घायल हो गए। बताया जाता है कि काबुल के शशदारक क्षेत्र में दूसरा धमाका तब हुआ, जब लोग पहले धमाके में हुए घायलों की मदद कर रहे थे। स्तानकजई ने बताया कि पहला आत्मघाती हमलावर मोटर बाईक पर सवार होकर आया था। दूसरा विस्फोट उन लोगों पर किया गया था, जो पहले हमले के बाद विस्फोट स्थल पर एकत्र हुए थे। उन्होंने बताया कि दूसरा हमलावर पैदल आया था। पहले हमले के बाद घटना की रिपोर्टिंग करने आये संवाददाताओं की भीड़ में उसने भी खुद के पत्रकार होने का दिखावा किया था। पत्रकारों के बीच ही उसने विस्फोट से खुद को उड़ा लिया।

इन फिदायीन हमलों की चारों ओर निंदा हो रही है। कई पत्रकारों ने टि्वटर के जरिये अपने सहकर्मियों और मित्रों को श्रद्धांजलि दी है।’द अफगानिस्तान फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट’ (एएफजे) और मीडिया संगठनों की ओर से जारी संयुक्त बयान में इस घटना की कड़ी निंदा की गई और इस आतंकी हमले को वॉर क्राइम करार दिया। मीडिया संगठन और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस आत्मघाती हमले की जांच की मांग की है। गौरतलब है कि पिछले 15 दिनों में अब तक अफगानिस्तान में छह हमले हो चुके हैं। एक हफ्ते पहले ही काबुल में हुए बम धमाके में 60 लोगों की मौत हो गई थी और 129 लोग घायल हुए थे।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने बताया कि 2016 से अफगानिस्तान में 34 पत्रकार मारे गए हैं. प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180 देशों में अफगानिस्तान 118 वें स्थान पर है। सोमवार के हमले से पहले हाल के वर्षों में मीडिया पर भीषण हमला 2016 में हुआ था। उस वक्त तालिबान के आत्मघाती हमले में टोलो टीवी चैनल के सात कर्मचारी मारे गए थे।

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