संस्थान के कर्मचारियों का पीएफ का पैसा भी दबाए बैठें हैं जीएम विनीत मौर्या

jansandeshजनसंदेश टाइम्स जबसे अस्तित्व में आया है तबसे तमाम उठापटक की स्थितियों से उबरते हुए आगे बढ़ रहा है, लेकिन संस्थान के एचआर और जीएम की कारगुजारियां दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। नया मामला है वर्तमान और पूर्व में कार्य कर रहे कर्मचारियों के पीएफ का। संस्थान ने जहां इन कर्मचारियों के वेतन से पीएफ का पैसा तो काटा लेकिन न वो पैसा पीएफ एकाउंट में जमा किया गया और न ही कंपनी की तरफ से ही पीएफ का पैसा जमा किया। नतीजतन संस्थान के पीएफ एकाउंट में कोई पैसा नहीं डाला गया। जिन कर्मचारियों ने दो साल तक कार्य करने के बाद संस्थान को किन्हीं कारणों से अलविदा कह दिया उन कर्मचारियों का भी आज तक पीएफ का पैसा नहीं मिला है। जब पीएफ विभाग में जानकारी करने जाते हैं तो वहां से बस एक ही बात कही जाती है कि आपके संस्थान में बैठे जीएम महोदय बार-बार पत्र भेजने के बावजूद न कोई जवाब दे रहे हैं और न ही पैसा जमा करा रहे हैं। पीएफ कार्यालय के एक वरिष्ठï कर्मचारी ने यहां तक कह डाला कि आप लोग एचआर हेड और संस्थान के वरिष्ठï कर्मी अर्थात जीएम के खिलाफ अगर हमारे पास लिखित शिकायत करेंगे तो हम उचित और तेजी से कार्य कर सकने की स्थिति में होंगे। पीएफ आफिस से यह कहा गया कि बार-बार जीएम के नाम से पत्र भेजा जा रहा है लेकिन वह पैसा भी नहीं जमा कर रहे और तो और किसी भी पत्र का जवाब नहीं दे रहे। सूत्रों की मानें तो गत्ï तीन वर्षों का लखनऊ एडीशन का पीएफ लगभग 11 लाख रुपए का है। जिसे जीएम महोदय जानबूझकर नहीं जमा करा रहे और संस्थान के पूर्व और वर्तमान कर्मचारी हताश और परेशान होने लगे हैं। अब तो उन्हें बस एक ही रास्ता दिख रहा है कि संस्थान के खिलाफ पुलिसिया कार्यवाही करके अपने मेहनत की कमाई को पाने का जतन किया जाए। पीएफ विभाग भी यही एक मात्र रास्ता सुझा रहा है। ऐसा नहीं है कि संस्थान में पैसे नहीं हैं लेकिन मालिकान को हर मुद्दे पर गुमराह करके संस्थान की मुसीबतें बढ़ाई जा रही हैं। जब एक कर्मचारी ने जीएम से पीएफ के मुद्दे पर बात करना चाहा तो जीएम विनीत मौर्या उसपे नाराज हुए और साथ ही संस्थान में दोबारा न घुसने की चेतावनी दे डाली। मैं जीएम साहब से जानना चाहूंगा कि उनका यह रवैया क्या संस्थान हित में है। क्या वह पीएफ का पैसा डकार सकते हैं। बेहतर होगा संस्थान की मुसीबतें बढ़ाने के बजाय जीएम महोदय और एचआर हेड पीएफ के पैसे की व्यवस्था कर डालें। वरना सारे पूर्व कर्मचारी और वर्तमान कर्मचारी एक साथ कोर्ट की शरण में होंगे।

आने वाले समय में इन मुद्दों पर भी होंगे खुलासे

1. मार्केटिंग विभाग में भी विनीत मौर्या की चल रही धांधली।

2. सैलरी बांटने में अपनों का रखते हैं विशेष ध्यान बाकी रहते परेशान।

3. एक ही नंबर के बनते हैं कई सारे बिल और उनके भुगतान में होता है खेल

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