राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दरकिनार कर तथाकथितों को क्यों और कैसे मिला प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का पास

प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए अति संवेदनशील और सुरक्षित कार्यक्रम में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों द्वारा सभी नियम और मानकों को ताक पर रखकर ऐसे ऐसे कथित लोगों को मीडिया पास जारी करके इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के अंदर रील बनाने का मौका दिया जिसके लिए सोशल मीडिया का भार बढ़ गया और मीडिया कवरेज के नाम पर जिनको लिखना भी नहीं आता था उन लोगों द्वारा अनेक मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पीछे छोड़कर अपनी तस्वीरें और रंग-बिरंगे चश्मा लगाकर जिस तरह की अंतरराष्ट्रीय कवरेज करी वह न सिर्फ अति गंभीर कार्यक्रम का हास्परिहास का विषय बन गया बल्कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा अपनाई गई दोहरी नीतियों पर भी सवालिया निशान छोड़ गया है

सूचना विभाग के अधिकारी अज़ीज़ हो तो हसन, अख़्तर, इक़बाल भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का हिस्सा बनते है

उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UPGIS) 2023, के लिए अनेक राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों को कवरेज हेतु मीडिया पास नहीं निर्गत किया गया वहीं प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए अति संवेदनशील और सुरक्षित कार्यक्रम में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों द्वारा सभी नियम और मानकों को ताक पर रखकर ऐसे ऐसे कथित लोगों को मीडिया पास जारी करके इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के अंदर रील बनाने का मौका दिया जिसके लिए सोशल मीडिया का भार बढ़ गया और मीडिया कवरेज के नाम पर जिनको लिखना भी नहीं आता था उन लोगों द्वारा अनेक मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पीछे छोड़कर अपनी तस्वीरें और रंग-बिरंगे चश्मा लगाकर जिस तरह की अंतरराष्ट्रीय कवरेज करी वह न सिर्फ अति गंभीर कार्यक्रम का हास्परिहास का विषय बन गया बल्कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा अपनाई गई दोहरी नीतियों पर भी सवालिया निशान छोड़ गया है ।
अति महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि फोटो खिंचाव पत्रकार और सोशल मीडिया पर रील बनाने वाले पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर मीडिया पास निर्गत करके राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों को इससे वंचित किया जाना, यह एक बड़ी साजिश भी लगती है और लोग इस बात को भी कहते सुनते आ रहे हैं कि समाजवादी सरकार में जिन पत्रकारों का बोलबाला था भाजपा सरकार में भले ही योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर का डर मुख्तार और अतीक जैसे अपराधियों के इलाके में दिखाई देता है लेकिन सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों में आज भी अज़ीज़, अख्तर और हसन का बोलबाला है और उनके ही इशारों पर सूचना विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी डरते और खौफ खाते हैं जिसके चलते इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भी इनका बोलबाला देखा जा सकता है। अनेक शिकयायी पत्रों के माध्यम से परवेज़ अख्तर की मान्यता के सम्बंध में सूचना निदेशक को अवगत कराने के बाद भी नियम विरुद्ध दी गयी जिले की मान्यता पर कोई कार्यवाही नही हुई वहीं अनेक समाजवादी सरकार के चहेते पत्रकार आज भी गैर कानूनी रूप से सरकारी आवासों को कब्जाए अपने को बाहुबली दिखाए घूम रहे हैं। योगी योगी सरकार के बुलडोजर के आगे समाजवादी सरकार के

अल्पसंख्यक पत्रकारों की तादाद बहुसंख्यक मात्रा में राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों के आगे भारी भरकम दिखाई देती है और राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार इन पत्रकारों की रील और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखकर अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं

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