आतंकवादी हैं अल जजीरा के 6 पत्रकार, हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद से हैं जुड़े: इजरायली सेना के हाथ लगे दस्तावेजों से खुली असली पहचान

इन आतंकी पत्रकारों की पहचान अनस जमाल महमूद अल-शरीफ, अला अब्दुल अजीज मुहम्मद सलामा, होसम बसल अब्दुल करीम शबात, अशरफ सामी अहसूर सराज, इस्माइल फरीद मुहम्मद अबू अमर और तलाल महमूद अब्दुल रहमान अरुकी के तौर पर हुई है।

अल जजीराइजरायल ने खुलासा किया है कि क़तर के पैसे से चलें वाले अल जजीरा के 6 पत्रकार असल में आतंकी हैं। इजरायल ने बताया है कि यह 6 पत्रकार इस्लामी आतंकी संगठन हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ) के आतंकी है। इजरायल को इससे जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।

इजरायली सुरक्षा बल (IDF) ने बुधवार को एक्स (पहले ट्विटर) पर यह जानकारी दी है। IDF ने बताया, “IDF ने गाजा में मिली खुफिया जानकारी और अनेक दस्तावेजों का खुलासा किया है कि अल जजीरा के छह पत्रकार हमास और इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं। उनके टेबलेट्स, आतंकी ट्रेनिंग कोर्स और उनकी तनख्वाह के कागज इसकी पुष्टि करते हैं।”

IDF ने आगे बताया, “ये दस्तावेज कतरी अल जजीरा मीडिया नेटवर्क के हमास आतंकियों के साथ गठजोड़ का सबूत हैं। IDF ने हमास की हथियारबंद गतिविधियों में शामिल होने वाले कई पत्रकारों को उजागर किया है, ये लोग गाजा में हमास का प्रचार करते घूमते हैं।”

IDF ने कहा कि उसके दस्तावेज साफ तौर पर साबित करते हैं कि यह पत्रकार हमास और इस्लामिक जिहाद के संबंधित हथियारबंद विंग के सदस्य थे। इन आतंकी पत्रकारों की पहचान अनस जमाल महमूद अल-शरीफ, अला अब्दुल अजीज मुहम्मद सलामा, होसम बसल अब्दुल करीम शबात, अशरफ सामी अहसूर सराज, इस्माइल फरीद मुहम्मद अबू अमर और तलाल महमूद अब्दुल रहमान अरुकी के तौर पर हुई है।

अबू अमर खान यूनिस बटालियन में ट्रेनिंग कंपनी कमांडर के तौर पर काम करता था। एक और पत्रकार अब्दुल रहमान अरुकी हमास की नुसीरत बटालियन में टीम कमांडर था। अल जजीरा का ही पत्रकार इस्माइल अबू अमर इस साल फरवरी में गाजा में इजरायली ऑपरेशन में घायल हो गया था।

इजरायल के ऑपरेशन में घायल होने पर अल जजीरा ने दावा किया था कि उसके पत्रकार का आंतकी संगठनों से कोई संबंध नहीं है। लेकिन अब IDF को इस बारे में दस्तावेज मिले हैं। अल जजीरा लगातार इजरायल को लेकर दुष्प्रचार करता रहा है।

अल जजीरा इस साल मई में बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने हमास का प्रोपेगेंडा चलाने के कारण इजरायल के भीतर अल जजीरा को बंद कर दिया था। सितम्बर, 2024 में इजरायल सरकार ने वेस्ट बैंक के रामल्लाह में अल जजीरा ब्यूरो को भी बंद कर दिया था।

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