‘द हिंदू’ के पत्रकार ने दफ्तर खरीदने के लिए कारोबारी से लिए ₹23 लाख, बीवी की जन्मदिन की पार्टी के नाम पर भी ₹5 लाख झटके: महेश लांगा के खिलाफ 3 FIR, जानिए डिटेल

कारोबारी के अपने ₹28.68 लाख वापस माँगने पर महेश लांगा ने राजनीतिक रसूख दिखाते हुए धमकी देना चालू कर दिया। महेश लांगा ने कहा कि अगर कारोबारी पुलिस के पहुँचा तो उसके खिलाफ पेपर में खराब खबरें छपवाई जाएँगी।

महेश लांगागुजरात पुलिस की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के ‘पत्रकार’ महेश लांगा के खिलाफ तीसरी FIR दर्ज की है । लांगा पर एक व्यापारी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपना राजनीतिक रसूख दिखाते हुए उससे ₹28 लाख की ठगी कर ली। महेश लांगा के खिलाफ यह मामला अहमदाबाद में एड एजेंसी कंपनी चलाने वाले एक कारोबारी की शिकायत के बाद दर्ज किया गया है। GST फर्जीवाड़े से शिंकजे में आने वाला महेश लांगा जेल में बंद है।

अहमदाबाद में एक एड एजेंसी के मालिक ने महेश लांगा के खिलाफ यह शिकायत मंगलवार (29 अक्टूबर, 2024) को दर्ज करवाई है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(2), 318(4) के तहत FIR दर्ज की है। FIR की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है। व्यापारी का आरोप है कि महेश लांगा ने उससे अलग-अलग मौके पर मिलाकर कुल ₹28 लाख की धोखाधड़ी की।

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शिकायत के अनुसार, कारोबारी खुद वर्षों से विज्ञापन का काम कर रहा है और इसके चलते वह अक्सर अखबारों में विज्ञापन देता रहता है। कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात एक कैफे में महेश लांगा से हुई थी। महेश लांगा ने कारोबारी से यह कहकर दोस्ती बढ़ाई कि उसकी बड़े लोगों तक पहुँच है। उसने अपने राजनीतिक रसूख की भी धौंस दिखा और कारोबारी ओ बताया कि उसकी उसके कई अख़बारों में भी अच्छे संबंध हैं। महेश लांगा ने उसकी एड एजेंसी का काम करने को भी हामी भर दी।

कारोबारी की शिकायत में बताया गया कि कुछ समय पहले महेश लांगा ने उसे को फोन किया और अपनी पत्नी और भाई के नाम पर शुरू की गई कंपनी ‘डीए एंटरप्राइजेज’ के बारे में बताया। महेश लांगा ने कारोबारी को बताया कि वह एक अन्य कंपनी ‘निसर्ग एंटरप्राइजेज’ के लिए ऑफिस खोज रहा है। इसके बाद महेश लांगा ने कारोबारी से कहा कि उसने एक ऑफिस देखा है। महेश लांगा ने इसके बाद कारोबारी से बैंक में पैसे लेने की माँग की और कहा कि वह इसके बदले नकद रूपए देगा।

ऑफिस के नाम पर पैसे हड़पने के 2 महीने बाद, सितंबर 2024 में महेश लांगा लंगा ने कारोबारी को बताया कि उसकी पत्नी कविता लांगा का 27 सितंबर को जन्मदिन था और उसे दोस्तों को पार्टी देने के लिए एक बैंक्वेट हॉल की जरूरत है। इसके बाद कारोबारी से महेश लांगा ने कोई हॉल तलाशने को कहा।

जब व्यापारी ने महेश लांगा को ‘जे बैंक्वेट हॉल’ की जानकारी दी, तो महेश ने उनसे ही पैसे का भुगतान करने को कहा और वादा किया यह पैसा कारोबारी को जन्मदिन के दिन मिल जाएगा।कारोबारी ने महेश लांगा पर भरोसा करते हुए ₹5.18 लाख का भुगतान कर दिया। कारोबारी ने सजावट के लिए अलग से ₹50 हजार दिए। महेश लांगा ने यह पैसे भी वापस नहीं दिए।

जब पैसे देने के कुछ दिनों बाद कारोबारी ने अपना पैसा वापस माँगा तो महेश लांगा गुंडागर्दी पर उतर आया। कारोबारी के अपने ₹28.68 लाख वापस माँगने पर महेश लांगा ने राजनीतिक रसूख दिखाते हुए धमकी देना चालू कर दिया। महेश लांगा ने कहा कि अगर कारोबारी पुलिस के पहुँचा तो उसके खिलाफ पेपर में खराब खबरें छपवाई जाएँगी।

जब महेश लंगा के खिलाफ कार्रवाई चालू हुई और अहमदाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो कारोबारी की भी हिम्मत बढ़ी और उन्होंने खुद पुलिस को सम्पर्क करके सारी जानकारी दी और मामला दर्ज करवाया। पुलिस को महेश के घर से ₹20 लाख नकद मिले थे। कारोबारी ने ऑपइंडिया से इस बारे में कहा, “महेश के पास नकदी थी। वे चाहते तो इसे मुझे दे सकते थे। लेकिन मुझे पैसे नहीं मिले। यह विश्वासघात और धोखाधड़ी का मामला है। इसीलिए हमने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया।”

पुलिस ने बताया- 17 को पकड़ा

अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर GS मलिक ने लांगा पर मुकदमों की जानकारी दी है। उन्होंने बताया, “हम द हिंदू के पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ एक और FIR दर्ज करने जा रहे हैं। हमें 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी की एक और शिकायत मिली है। लांगा के खिलाफ सबसे पहले 7 अक्टूबर, 2024 को GST विभाग ने एक FIR दर्ज करवाई थी। इसके बाद महेश लांगा और कुछ साथियों को गिरफ्तार किया गया था। महेश के घर में तलाशी के दौरान ₹20 लाख और फर्जी कम्पनियों की जानकारी मिली थी।”

पुलिस ने बताया कि FIR में लांगा की 222 कम्पनियों का जिक्र है। इनमें से एक फर्जी कंपनी ध्रुवी एंटरप्राइज थी। महेश लांगा ने 2023 में अपने भाई की पत्नी नैना लांगा के नाम से भी एक कंपनी शुरू की थी। इस कम्पनी के लेनदेन की जाँच भी चल रही है। पुलिस अब महेश लांगा और उनकी पत्नी की कमाई और उनके खर्चों को लेकर जाँच कर रही है।

मीडिया संगठनों की प्रतिक्रियाएं
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इन घटनाक्रमों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि, “अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले पत्रकारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई चिंताजनक है. संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारों को अक्सर अपने काम के हिस्से के रूप में संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंच की आवश्यकता होती है. EGI ने लांगा के खिलाफ आरोपों के संबंध में गुजरात पुलिस से पारदर्शिता की मांग की है.”

इसके अलावा मीडिया संगठनों के भीतर कुछ आवाजें यह भी तर्क देती हैं कि पत्रकारों को उनकी पेशेवर जिम्मेदारियों से संबंधित कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. द हिंदू की पूर्व अध्यक्ष मालिनी पार्थसारथी ने कहा कि, “पत्रकारों को जवाबदेही से बचाना पत्रकारिता की अखंडता को कमजोर करता है.”

 

इस मामले को लेकर पत्रकार संघों ने एक संयुक्त बयान में एफआईआर की निंदा की है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी इस घटना को लेकर चर्चा का मैदान बन गए हैं. कुछ समाचार आउटलेट्स ने अधिवक्ताओं के हवाले से लिखा है कि- “प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना लोकतंत्र और जवाबदेही के लिए आवश्यक है.”

 

महेश लांगा पर FIR की वरिष्ठ पत्रकारों ने की निंदा

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के संपादक महेश लांगा के खिलाफ लगातार दूसरी एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकारों में नाराजगी है. इसे लेकर तमाम वरिष्ठ पत्रकारों और लांगा के सहयोगियों ने कार्रवाई की निंदा की है.

पत्रकारों की तरफ से कहा गया कि, मीडियाकर्मियों का काम गोपनीय और संवेदनशील जानकारी एवं दस्तावेजों से दिनभर पड़ता है. ऐसे में उन्हें इसके लिए निशाना बनाना सही नहीं है.

हिंदू के एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार सुरेश नंबथ ने भी इसे लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि, “हम दोहराना चाहेंगे कि पत्रकारों को अपने काम के दौरान गोपनीय प्रकृति के दस्तावेजों सहित अन्य दस्तावेज हासिल करना आवश्यक है. वे आधिकारिक या गोपनीय दस्तावेजों को पढ़ने में व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं.”

बता दें कि लांगा के खिलाफ कथित जीएसटी धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किया गया था. वह 8 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में हैं. इस दौरान 22 अक्टूबर को एक एफआईआर और दर्ज की गई. यह एफआईआर गांधीनगर के सेक्टर 7 पुलिस स्टेशन में गुजरात मैरीटाइम बोर्ड से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को रखने पर दर्ज की गई है.

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