पत्रकारों पर मुख्यमंत्री ने की अपमानजनक टिप्पणी, अमर उजाला लगा रहा चरणबंदना में
शुक्रवार को अमर उजाला द्वारा चयनित प्रदेश के तमाम मेधावी छात्रों के चयन के बाद उनको मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठïान में एक जोरदार कार्यक्रम आयोजित करके लैपटॉप वितरण का कार्य किया गया। यह खबर फिलवक्त सुनने में जितनी अच्छी लग रही है उसके बाद की लाइन उतनी ही अधिक चोट पहुंचाने वाली रही है। एक तरफ जहां बड़ा मीडिया घराना अमर उजाला सरकार को सहयोग दे रहा है वितरण में वहीं उसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों को बेइज्जत करने का मन बना रखा था। लैपटॉप वितरण के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंच से जब बच्चों को संबोधित कर रहे थे तो उस संबोधन से उन्होंने पत्रकारों को जूता भिगा कर मारा। मंच से ही अखिलेश यादव ने बच्चों को हिदायत देते हुए कहा कि पढऩे लिखने में मन लगाना क्योंकि नकल करके आईएएस तो नहीं बन सकते सिवाय पत्रकार बनने के। अखिलेश यादव का बयान मीडिया जगत पर करारा तमाचा है। यह जानते हुए कि मीडिया जगत शैक्षिक वर्ग को ही प्रस्तुत करता है। क्या खबरें नकल करके लिखी जा सकती हैं। क्या खबरों का संकलन नकल करने वाला व्यक्ति कर सकता है। मीडिया का काम बुरे से बुरे खबर को भी अच्छे शब्दों की चासनी में डुबोकर जनता तक पहुंचाने का रहा है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री अखिलेश का यह बयान बेहद ही शर्मनाक रहा। अखिलेश यादव शुरू से सरकार बनने के बाद मीडिया को टारगेट करते रहे हैं लेकिन अब तो हद ही कर दी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बावजूद भी अमर उजाला ने उस कार्यक्रम और माननीय मुख्यमंत्री की चरणबंदना में पूरे पेज को रंग डाला। आखिर अखिलेश यादव मीडिया से क्या उम्मीद कर रहे हैं। मीडिया खबर दिखाती है, खबर सुनाती है, खबर लिखती है न कि अखिलेश यादव क्या चाहते हैं। यह दिखाए, यह सुनाए या उसे ही लिखे। शायद यही कारण है कि अखिलेश यादव अब तक अपने राजनैतिक कॅरियर की झुंझलाहट लगातार मीडिया पर निकाल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अमर उजाला के कानपुर एडिशन में लेबर कमिश्नर का छापा पड़ा था और उनके एचआर हेड ने सारी फाइलें लेबर कमिश्नर को सौंप दी थी जिसके चलते अमर उजाला लेबर कमिश्नर के राडार पर आ गया था। मुख्यमंत्री की चरण बंदना लेबर कमिश्नर के कोप से बचने का ही तोड़ माना जा रहा है। वर्तमान में अमर उजाला बड़े संकटों से गुजरता दिखाई दे रहा है। कुछ दिनों पहले नोएडा के अमर उजाला के कारपोरेट एचआर हेड वैभव वशिष्टï ने इस्तीफा दे दिया और इस्तीफे के जो कारण उन्होंने गिनाए उससे तो यह साफ है कि अमर उजाला पर कानूनी हथौड़ा जो चलने वाला था उससे वह बचाना चाहते थे लेकिन मालिकान कुछ चाटुकार टाइप के व्यक्तियों के झांसे में कई गैर कानूनी कदम उठा रहा है। अब यह गैर कानूनी कदम क्या हैं यह तो मिस्टर वशिष्ठï ही जानते होंगे लेकिन उनकी मानें तो अमर उजाला के मालिक संभवत: जेल भी जा सकते हैं।