हरेप्रकाश और प्रधान संपादक सुभाष राय में वेतन को लेकर फेसबुक पर छिड़ा शीतयुध्द
जनसंदेश टाइम्स की ओर से मेरा बकाया वेतन 15 सितंबर से पहले देने का भरोसा दिलाया गया था, पर वह दिन भी गुजर गया। अब वहाँ के महाप्रबंधक विनित मौर्या ने फोन बंद कर लिया है या जो मेरे पास नंबर है, उसे बदल लिया है। एचआऱ का काम देखने वाला लड़का मेरा फोन नहीं उठा रहा। दफ्तर के बेसिक नंबर पर बात करने की कोशिश की, तो बहुत देर फोन होल्ड कराने के बाद कह दिया गया कि जीएम सीट पर नहीं हैं। एक अखबार चलाने वाली कंपनी इतनी नीचता पर उतर आएगी, आप कल्पना भी नहीं कर सकते। बताया जा रहा है कि यह सब कुछ संपादक सुभाष राय के इशारे पर हो रहा है। जिस दिन मैंने अखबार छोड़ा था, उस दिन विनित मौर्या ने कहा भी था कि संपादक के कहने के बाद आपका चेक बना दिया जाएगा। मुझे अब क्या करना चाहिये….
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