न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन ने की पत्रकार पर हमले की निंदा, उठाई ये मांग

NBF ने नागरिकों, सार्वजनिक हस्तियों और कानून प्रवर्तन से अपील की है कि वे समाज में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करें। फेडरेशन ने कहा, “सार्वजनिक चर्चाएं और असहमति सम्मानजनक तरीके से होनी चाहिए, जिसमें डराने-धमकाने या हिंसा का सहारा न लिया जाए।”

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (NBF) ने TV9 के वरिष्ठ संवाददाता एम. रंजीत कुमार पर तेलुगू अभिनेता मोहन बाबू द्वारा हैदराबाद के जलपल्ली में किए गए मौखिक और शारीरिक हमले की कड़ी निंदा की है।

NBF ने अपने बयान में कहा, “इस घृणित हिंसा ने पत्रकार रंजीत कुमार को गंभीर चोटें पहुंचाई हैं और यह घटना पत्रकारों को उनके कर्तव्यों के दौरान आने वाले खतरों की स्पष्ट याद दिलाती है। इस तरह के हमले न केवल व्यक्तियों पर हमला हैं बल्कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जनता के सूचना के अधिकार पर भी प्रहार करते हैं।”

फेडरेशन ने इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस हमले की पूरी जांच और दोषी पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। NBF ने यह भी कहा, “हम उन पुलिस अधिकारियों से भी जवाबदेही की मांग करते हैं, जो घटना स्थल पर मौजूद थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। यह घटना पत्रकार सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल सुधारों की आवश्यकता को उजागर करती है।”

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, NBF ने पत्रकारों और मीडिया पेशेवरों की सुरक्षा के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय कानून की आवश्यकता पर जोर दिया है। “इस कानून में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा, धमकी या उत्पीड़न के सभी रूपों को अपराध घोषित किया जाना चाहिए। साथ ही उन सार्वजनिक अधिकारियों और कानून प्रवर्तन कर्मियों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए जो ऐसी घटनाओं के सामने निष्क्रिय रहते हैं। इसके अलावा, पत्रकारों को बिना किसी डर के अपने कार्य करने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देश अनिवार्य किए जाने चाहिए।”

NBF ने नागरिकों, सार्वजनिक हस्तियों और कानून प्रवर्तन से अपील की है कि वे समाज में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करें। फेडरेशन ने कहा, “सार्वजनिक चर्चाएं और असहमति सम्मानजनक तरीके से होनी चाहिए, जिसमें डराने-धमकाने या हिंसा का सहारा न लिया जाए।”

तेलुगू अभिनेता मोहन बाबू के खिलाफ एक पत्रकार पर हमले का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी कि मोहन बाबू और उनके दोनों बेटों विष्णु एवं मनोज के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 126 के तहत संभावित रूप से शांति भंग होने को लेकर 11 दिसंबर को रचकोंडा पुलिस आयुक्त के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया, जिसके बाद मनोज पुलिस आयुक्त के समक्ष पेश हुए। इस मामले में आरोप है कि मोहन बाबू ने एक वीडियो पत्रकार पर हमला किया, जब वह उनके परिवार के विवाद को कवर करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे।

पत्रकार की शिकायत के मुताबिक, वह 10 दिसंबर को उजलपल्ली स्थित मोहन बाबू के घर पहुंचे, जब उन्होंने अभिनेता और उनके छोटे बेटे मनोज के बीच विवाद को कवर करने की कोशिश की, तो अभिनेता ने उन पर हमला कर दिया। पत्रकार का आरोप है कि मोहन बाबू ने उनका माइक्रोफोन छीन लिया, अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और उन पर शारीरिक हमला किया, जिससे उनके सिर में चोट आई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने पहाड़ीशरीफ थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 118 (1) के तहत मामला दर्ज किया है।

इस घटना की निंदा करते हुए मीडियाकर्मियों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन भी किया और मोहन बाबू से माफी की मांग की। वहीं, मोहन बाबू के बड़े बेटे विष्णु ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह पारिवारिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करेंगे और उम्मीद जताई कि मामला शांति से हल हो जाएगा। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि यह जानबूझकर नहीं हुआ।

मनोज ने भी पत्रकारों से माफी मांगी और कहा कि यह घटना उनके पिता और बड़े भाई की ओर से नहीं की गई थी। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वह इसे सनसनीखेज न बनाएं। इस बीच, मोहन बाबू को स्वास्थ्य समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मोहन बाबू के परिवार के भीतर मतभेद 9 दिसंबर को तब सार्वजनिक हो गए जब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई कि मनोज और उनकी पत्नी ने उनके घर पर कब्जा करने की योजना बनाई है। हालांकि, मनोज ने स्पष्ट किया कि उनका यह संघर्ष संपत्ति को लेकर नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और अपनी पत्नी व बच्चों की सुरक्षा के लिए था। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही अपने परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की थी।

Loading...
loading...

Related Articles

Back to top button