रवि भारती के परिवार को तीस लाख मुआवजा
मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्रिब्युनल (एमएसीटी) ने साल 2012 में सड़क हादसे में मारे गए एक पत्रकार के परिवारवालों को 30 लाख से ज्यादा का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एक्सिडेंट लापरवाही से चलाए जा रहे एक टेम्पो की वजह से हुआ था।
एमएसीटी के प्रीसाइडिंग ऑफिसर रवींद्र बेदी ने हादसे में शामिल टेंपो का इंश्योरेंस कवर करने वाली न्यू इंडिया इंश्योंरेंस कंपनी लिमिटेड को निर्देश दिया कि वह मृतक रवि भारती की पत्नी, नाबालिग बेटे और पैरंट्स को 30 लाख, 77 हजार और 788 रुपये का मुआवजा दे। याचिका के मुताबिक 21 नवंबर, 2012 को लापरवाही से चलाए जा रहे एक टेम्पो ने भारती को उस वक्त टक्कर मार दी थी जब वह शांति वन से होते हुए आनंद विहार की ओर जा रहे थे। टक्कर जबरदस्त होने की वजह से भारती नीचे गिर पड़े और बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। भारती के परिवारवालों ने ट्रिब्युनल से एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि भारती सालाना 10 लाख रुपये तक कमा लेते थे, हालांकि रिकॉर्ड के मुताबिक उनकी इनकम 5 लाख ही पता चली। सुनवाई के दौरान टेम्पो ड्राइवर और मालिक ने लापरवाही के आरोप से इनकार किया और याचिका में किए गए सभी दावों को झूठा करार दिया था।