यादव सिंह की पत्नी ने लगाया है चैनल में काली कमाई
हजार करोड़ की काली कमाई में फंसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के इंजीनियर इन चीफ यादव सिंह पर मनी लांड्रिंग का शिकंजा कस सकता है। खबर है कि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) यादव सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज करने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि यादव सिंह अपनी पत्नी के माध्यम से अपनी काली कमाई के एक हिस्से को जहां रियल स्टेट में लगाया है वहीं उसकी एक बड़ी कमाई कुछ ही समय पहले लांच हुआ और इस समय टाप टेन में शामिल चैनल में लगा है। बताया जा रहा है यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता इस चैनल में निदेशक हैं और यादव सिंह ने जानबूझ कर इस चैनल में अपनी पत्नी को डायरेक्टर बनवाया जिससे मीडिया की नजरों से वह बचा रहे पर अब उसकी पोल खुल चुकी है और उसकी पत्नी से भी पूछताछ शुरू हो गई है इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि देरसवेर इस चैनल पर भी छापेमारी हो सकती है क्योंकि यहां भी कई कालेकुबरे अपनी काली कमाई को खपा रखा है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग के अनुरोध पर वित्त मंत्रालय ने ईडी को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया। दरअसल आयकर कानून के तहत यादव सिंह की न तो गिरफ्तारी हो सकती है और न ही उनके खिलाफ आपराधिक केस चलाकर सजा दी जा सकती है। इसके तहत केवल आरोपी से बकाया आयकर दंड के साथ वसूल किया जा सकता है। जबकि पीएमएलए के तहत ईडी न सिर्फ यादव को गिरफ्तार कर अवैध कमाई करने की आपराधिक साजिश की जांच कर सकती है, बल्कि अवैध कमाई से बनाई गई सारी संपत्तियों को जब्त भी कर सकती है। ईडी की जांच में सबसे बड़ी समस्या यह थी कि आयकर कानून का उल्लंघन पीएमएलए के दायरे में नहीं आता है। इसके लिए वर्ष 2012 में यादव सिंह के खिलाफ दर्ज केस को जरिया बनाया जा सकता है। इस मामले में जांच उत्तर प्रदेश की सीबीसीआईडी कर रही है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सीबीसीआईडी की एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी यादव सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस आसानी से दर्ज कर सकती है। इसके लिए ईडी की लखनऊ शाखा को सीबीसीआईडी की एफआईआर की प्रति हासिल करने के लिए कह दिया गया है। यादव सिंह के खिलाफ आयकर विभाग के छापे में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का पता चला है। इसमें 10 करोड़ रुपये तो उनके घर के बाहर खड़ी एसयूवी की डिग्गी में रखे थे। वैसे तो आयकर विभाग के अधिकारी यादव सिंह से करोड़ रुपये की संपत्तियों का हिसाब मांग रहे हैं, लेकिन असली जांच मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद शुरू होगी, जब ईडी हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी।