भाजपा ने चुनाव आयोग से बीएमसी चुनाव के मद्देनजर ‘सामना’ अखबार पर बैन लगाने की की मांग

बीएमसी चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना में तकरार एक नए स्तर पर पहुंच गई है। भाजपा ने चुनाव आयोग से बीएमसी चुनाव के मद्देनजर ‘सामना’ अखबार पर बैन लगाने की मांग की है। भाजपा का कहना है कि अखबार के जरिए चुनाव आचार संहिता का उलघंन हो सकता है, लिहाजा इसको बंद करना बहुत ही जरूरी है।

महाराष्ट्र बीजेपी की राज्य इकाई की प्रवक्ता श्वेता शालिनी ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के प्रकाशन को तीन दिन तक प्रतिबंधित करने की मांग की है। बीजेपी का कहना है कि 16, 20 और 21 फरवरी को निष्पक्ष चुनाव के लिए ‘सामना’ के प्रकाशन पर रोक लगाना जरूरी है क्योंकि शिवसेना के इस मुखपत्र प्रकाशन चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा।  वहीं बीजेपी ने यह भी दावा किया है कि नगर निकाय चुनाव में प्रचार खत्म होने के बाद भी यह मतदाताओं को प्रभावित करेगा।

श्वेता शालिनी ने एसईसी को पत्र लिखकर कहा कि चुनाव से दो दिन पहले (पार्टियों और प्रत्याशियों की) सामग्री प्रकाशित करने या प्रचार करने पर रोक होती है। हालांकि ‘सामना’ इसका उल्लंघन कर रहा है।

वहीं अपनी प्रतिक्रिया में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘सामना को बंद करना कभी संभव नहीं है।’ उद्धव ने शाम को पुणे में एक प्रचार रैली में इस स्थिति की तुलना आपातकाल से की। उन्होंने कहा ‘मुझे संदेश मिला है कि बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत कर सामना का तीन दिन प्रकाशन बंद करने की मांग की है। मेरा सवाल है कि क्या आप आपातकाल लागू करने के लिए इंदिरा गांधी पर आरोप लगाते हैं, क्या यह आपातकाल नहीं है?’

उन्होंने कहा ‘मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री प्रचार के लिए चुनाव वाले इलाकों में क्यों जाते हैं। जब तक आदर्श आचार संहिता लागू है तब तक मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को प्रचार की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’

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