आज कॉन्ग्रेस हमलावर है, कभी एक बाहुबली ने अर्नब गोस्वामी को कर लिया था ‘अगवा’
रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की कार पर बुधवार की रात मुंबई में कॉन्ग्रेस के गुंडों ने हमला किया था। पूरी पार्टी उनके पीछे पड़ी है। इसी तरह करीब ढाई दशक पहले उनके पीछे बिहार का एक बाहुबली नेता लग गया था। उस नेता का नाम पप्पू यादव है।
पॉंच बार सांसद रहे पप्पू यादव ने 1996 में अर्नब गोस्वामी को कथित तौर पर ‘अगवा’ कर लिया था। तब वे एक सामान्य पत्रकार हुआ करते थे। बकौल अर्नब वह उनका पहला इलेक्शन कवरेज था।
इस घटना के बारे में कुछ साल पहले अर्नब ने खुद एक कार्यक्रम के दौरान बताया था। उन्होंने कहा था कि इंटरव्यू समाप्त कर जब वे जाने लगे तो उन्हें पप्पू यादव के एक आदमी ने रोक लिया। उनसे कहा कि बिना पप्पू यादव की इजाजत के वे नहीं जा सकते।
अर्नब ने बताया कि उन्होंने जाने की इजाजत मॉंगी तो कहा गया कि वे नहीं जा सकते। उन्होंने अपने कैमरामैन की तरफ देखा और पूछा कि ये क्या हो रहा। उसने उन्हें बताया कि वे अगवा किए जा चुके हैं। यह सुन अर्नब को झटका लगा क्योंकि उन्होंने अगवा किए जाने की कई डरावनी कहानियों के बारे में सुन रखा था।
अर्नब के अनुसार वे करीब डेढ़ दिन तक पप्पू यादव के कब्जे में रहे थे। इस दौरान पप्पू जहॉं भी जाते उन्हें अपने साथ ले जाते। वे छोटी-छोटी सभाएँ करते। उन सभाओं के दौरान पप्पू खुद चारपाई पर बैठते और उन्हें सुनने वाले नीचे।
अगवा किए जाने की उस घटना के बारे में अर्नब गोस्वामी बताते हैं, “पप्पू यादव ने लोगों से कहा ये जो लड़का इधर मेरे साथ है, पता है ये कहाँ का है। आसपास बैठे सभी लोग कहते नहीं पता। पप्पू यादव कहते ये बीबीसी का है। मुझे झटका लगा, क्योंकि मैंने कभी बीबीसी में नौकरी नहीं की। मैं चुप रहा और सभी लोगों चुपचाप मुझे देख रहे थे।”
इसके बाद पप्पू यादव ने कहा, “आपको पता है कि बीबीसी ने क्या बोला है। बीबीसी ने बोला है कि पूर्णिया से इस बार पप्पू यादव जीतेगा।” बकौल अर्नब यह कहने के बाद पप्पू यादव उनकी ओर देखने लगते और वे समझ नहीं पाते थे कि कोई आपके सामने कैसे इस तरह झूठ बोल सकता है।
पप्पू यादव फिलहाल जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष हैं। उनकी पत्नी कॉन्ग्रेस में हैं। पति-पत्नी दोनों को 2019 के लोकसभा चुनाव में हार झेलनी पड़ी थी। ताजा घटना के बाद कॉन्ग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए पप्पू यादव ने ट्वीट कर अर्नब पर हमला किया है।
अर्नब आप पत्रकार से चाटुकार बने!
अब अवसादग्रस्त मनोरोगी बन गए हैं।
आपकी जगह न्यूज़रूम में नहीं,
रांची कांके स्थित मेंटल एसायलम में होनी चाहिए।पूरी पत्रकारिता बिरादरी को मिलकर
इनका श्राद्ध कर देना चाहिए।
अब यह कलंक के अतिरिक्त कुछ नहीं हैं।