ऑल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन (आईना )के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय सलाहकार को कलमवीर चक्र से सम्मानित किया गया
43 वां राष्ट्रीय कलमवीर दिवस साहित्यकारों,लेखकों, कवियित्रियों, पत्रकारों, शायरों रचनाकारों को सम्मानित कर मनाया गया।
‘43वें राष्ट्रीय कलमवीर दिवस’ समारोह का आयोजन नवसृजन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, अ. भा. अगीत परिषद, अवध साहित्य अकादमी एवं मीडिया फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में विभिन्न भाषाओं 56 से अधिक महत्वपूर्ण पुस्तको के लेखक एवम कलमकवीरो को निराला सभागार, उ.प्र. हिन्दी संस्थान में किया गया सम्मानित । वाणी वंदना डॉ. शिव मंगल सिंह मंगल ने प्रस्तुत की, जहां डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की सराहना की गयी, इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की मूर्धन्य हस्तियों को क़लमवीर चक्र सम्मान-2023 एवं कलमवीर रत्न सम्मान- 2023 से नवाज़ा गया।
समारोह की अध्यक्षता प्रो. (डा.) वी.जी. गोस्वामी, पूर्व अधिष्ठाता, विधि संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय ने करते हुए कहा कि डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी जी ने हिन्दी,उर्दू एवं अंग्रेजी़ में साठ से अधिक महत्वपूर्ण पुस्तको का लेखन करके साहित्य पर उपकार किया है वह एक प्रखर वक्ता और नेक इंसान के रूप में जाने जाते हैं, जबकि स्वगताध्यक्ष, वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ समारोह में आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आज के साहित्य एवं पत्रकारिता की सराहना की। मुख्य अतिथि डॉ. अम्मार रिज़वी ने “साहित्य एवं शायरी कल और आज” पर बोलते हुए कहा कि साहित्य व अदब का स्वर्णिम इतिहास रहा है जिसे बचाने की ज़िम्मेदारी आज के अदीबों, शायरों की है, जिसे वह किसी हद निभा भी रहें हैं, डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व समाज का दर्पण है, अतिविशिष्ट अतिथि श्री पवन सिंह चौहान सदस्य विधान परिषद ने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी के समाजिक सेवाओं का ज़िक्र करते हुए उन्हें राष्ट्रीय एकता की प्रतिमूर्ति बताया, प्रोफेसर उषा सिन्हा, पूर्व अध्यक्ष भाषा विज्ञान विभाग ल.वि.वि ने कहा कि मैंने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी की सभी पुस्तकों को पढ़ा है एवं अनेक पुस्तकों पर अपनी भूमिका लिखी है जिसे देखकर मैं कह सकती हूं कि वह एक महान लेखक हैं इनकी निस्वार्थ सेवाओं सेमाज लाभान्वित हो रहा है।
श्री महेश चन्द्र द्विवेदी पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश ने कहा किसी साहित्यकार के जन्मोत्सव राष्ट्रीय क़लमवीर दिवस के रूप में साहित्यकारों द्वारा मनाया जाना इनकी लोकप्रियता को दर्शाता है, एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री हेमन्त तिवारी ने कहा कि डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी की निष्पक्ष, निर्भीक एवं ईमानदार पत्रकारिता समाज के लिए एक मिसाल है इन्होंने कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया इसीलिए यह लोकप्रियता के शिखर पर हैं।इस सम्मान समारोह में कलमवीर चक्र सम्माान2023 से सम्मानित होने वालों में श्री उदय प्रताप सिंह, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, उ.प्र. हिन्दी संस्थान, प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित, पूर्व विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, श्री जय शंकर मिश्र, पूर्व आई.ए.एस एवं कुलाधिपति सुशांत विश्वविद्यालय, प्रो. अब्बास अली मेंहदी, कुलपति, इरा मेडिकल विश्वविद्यालय, डा.अनिल कुमार मिश्र, पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी, वरिष्ठ साहित्यकार, प्रो. खान मोहम्मद आतिफ, पूर्व विभागाध्यक्ष, फारसी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, श्री वासिफ फारुकी, अन्तर्राष्ट्रीय शायर, डा. हरिओम, आई.ए.एस. एवं शायर, प्रो. अब्बास रजा नैय्यर, विभागाध्याक्ष, उर्दू, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो. हरि शंकर मिश्र, पूर्व आचार्य, हिन्दी एवं भाषा, लखनऊ विश्वविद्यालय प्रमुख हैं। इसके अलावा, कलमवीर रत्न सम्मान2023 से नवाज जाने वालों में डा. दिनेश चंद्र अवस्थी, वरिष्ठ साहित्यकार, आचार्य ओम नीरव, वरिष्ठ साहित्यकार, श्री सुशील दुबे, समाजसेवी, श्री प्रदीप कपूर, वरिष्ठ पत्रकार, डा. रीमा सिन्हा, ब्यूरो चीफ कंट्री आफ इंडिया, कवियत्री, सुश्री मंजू सक्सेना, वरिष्ठ साहित्यकार, डा. सुधा मिश्रा, कवियत्री, श्री रिजवान फारूकी, शायर एवं वरिष्ठ पत्रकार, सुश्री नीमा पंत, मिसेज़ युनिवर्स, वरिष्ठ पत्रकार अजय वर्मा एवं श्री आरिफ मुकीम फोटो जर्नलिस्ट प्रमुख हैं। इसके अलावा डा. एम.आई.एच. फारूकी, पूर्व सहायक निदेशक, एनबीआरआई, को प्रो. मोहम्मद मुजम्मिल स्मृति सम्मान2024 से, श्री महेन्द्र प्रताप अवस्थी ‘भीष्म’, रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय को डा. रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’ स्मृति सम्मान से एवं श्री अज़ीज़ सिद्दीकी, वरिष्ठ फोटोग्राफर को श्री एस.एम. पारी स्मृति सम्मान से नवाज़ा गया मशहूर ग़ज़ल गायक इदरीस निज़ामी, मुम्बई व कोटा राजस्थान से आयी रिंकी रविकांत, खा़नखा़-ए-वारसी देंवा के अध्यक्ष अरशद मुर्तज़ा वारसी, बिशप डॉ. आर. सी. सेत आदि सभी ने डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी की साहित्यिक एवं समाजिक सेवाओं की सराहना की इस अवसर पर डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी की ग़ज़लों को श्री मिथलेश लखनवी की सुन्दर प्रस्तुती ने मंगमूध कर दिया, इस मौके पर डॉ. सिफत-उज़ ज़ोहरा की पुस्तक मज़ामिने सिफ़त का लोकार्पण भी हुआ ।