संवाददाता समिति का चुनाव अगस्त माह के अंतिम सप्ताह या सितंबर के प्रथम सप्ताह में संभव

चुनाव आयोग करेगा चुनाव तारीख की घोषणा

एस. पण्डित

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने निर्णय लिया है कि सितंबर के प्रथम सप्ताह तक समिति की कार्यकारिणी का निर्वाचन संपन्न होगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा निर्वाचन आयोग करेगा।
आज एनेक्सी सचिवालय में हुई बैठक की अध्यक्षता हेमंत तिवारी ने की। बैठक में चुनाव कराने समय से चुनाव कराने और चुनाव निष्पक्ष कराने को लेकर चर्चा की गई । बैठक में उपस्थित सदस्यों ने अपनी अपनी बातें रखी । जिनमें सर्वसम्मति से यह तय किया गया की चुनाव करने के लिए चुनाव अधिकारी का चयन यह कमेटी करेगी । साथ ही इसको लेकर के अगली बैठक की 13 जुलाई को एनेक्सी सचिवालय में रखी गई है। सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की कमेटी का चुनाव अगस्त माह के अंतिम सप्ताह से लेकर सितंबर के प्रथम सप्ताह में किया जाएगा। चुनाव के दौरान सभी सदस्यों से सदस्यता शुल्क के रूप में ₹100 ही लिए जाएं और यह प्रक्रिया मतदान के एक दिन पहले तक करने का प्रस्ताव चुनाव आयोग के सामने रखा जाएगा। चुनाव में किसी पर प्रकार की धांधली या कोई आरोप प्रत्यारोप ना लगे। इसके लिए चुनाव आयोग से यह निवेदन किया जाएगा कि एक ऐसी आचार संहिता बनाएं जिसका सभी पालन करें।
बैठक में समिति के सचिव शिवशरण सिंह, उपाध्यक्ष जफर इरशाद ,आशीष कुमार सिंह ,आकाश शर्मा , कोषाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी , संयुक्त सचिव सुरेश यादव , विजय कुमार त्रिपाठी एवं सदस्य गण में प्रेम शंकर अवस्थी, दिलीप सिन्हा ,मोहम्मद जुबेर अहमद ,धीरेंद्र बहादुर श्रीवास्तव, रितेश सिंह ,रेनू निगम ,प्रभप्रीत सिंह , राघवेंद प्रताप सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

  अन्य पत्रकारों ने क्या कहा…………….

प्रभात त्रिपाठी  

अवगत हुआ कि मान्यता प्राप्त संवाददता समिति में क्या निर्णय हुआ। जानकर दुख हुआ साथियो।समित की एकता बनाये रखने के लिये कल बुलाई गई जीवीएम की वैठक मे लो प्रस्ताव पारित हुआ उसका सम्मान नहीं रखा गया।आज के निर्णय को पूरी तरह खारिज करते हुयेबड़ी विनम्रता से में कहना चाहता हूँ कि मेरे तमाम साथियो के निर्णय को आहत किया गया।जीवीएम जो कोरम पूरा करके अधिकृत हो गई है।कल की वैठक में लिये गये निर्णयों को पद में बने रहने की लालसा और महत्वकाक्षा ने पूरे जीवीएम के सम्मानित सदस्यो का अपमान किया है सबसे बड़ा अपमान आम सभा की वैठक की अध्यक्षता करने वाले अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह का हैं।वह तय करे कि उन्होंने जो प्रस्ताव पास कराया था और हस्ताक्षर करकेआम सभा के निर्णय नये चुनाव की चार तिथिया निर्वतमान कमेटी को दी थी जिस कमेटी ने उसे अप्रत्यक्ष रूप से सितम्बर में चुनाव की बात करके खारिज कर दी।अधिकृट जीवीएम का और पीठ का घोर अपमान है।इसके साथ पूर्व कमेटी के जो लोग जीवीएम में सभी आये सदस्यो से वायदा करके गये थे उस प्रस्ताव को आज की वैठक में अवश्यपारित करायेगें।पुनः वोट पाने के लिये जनाधार और जीवीएम में साथियो को अपनी ताकत वैठक में दिखाकर आज की वैठक में भीगीं बिल्ली बन गये।जीवीएम वैठक का व अपने साथियो के विश्वास से विश्वासघात किया है क्योकि प्रस्ताव में उनके प्रथम पृष्ठ पर हस्ताक्षर है।उन सभी पदाधिकारियो को अभी तुरन्त इस्तीफा दे देना चाहिये।दोहरा मापदण्ड नहीं चलेगा क्योकि जीवीएम में आये साथियों काअपमान है अगर वो एसा नहीं करते है तो उन्हे आगें चुनाव लड़ने के समय वोट की ताकत से सबक सिखाया जाये।अगर उन्हे कोई स्पस्टीकरण देना है तो सभी साथियो को बताना होगा कि आज की वैठक में उन्होंने कल जीवीएम के प्रस्ताव को स्वीकार क्यो नहीं कराया?
आज के ताज़ा हालातऔर निर्णय ने यह साबित कर दिया कि पद का लालच और अहकार अध्यक्षऔर सचिव का इतना है कि वैठक(आम सभा)में आये साथियो की भावना और वैठक की अध्यक्षता.कर रहे सुरेश बहादुर.सिंह के निर्णय पर भी अविस्वास कर दिया।स्वय सुरेश जी को भी निर्णय लेना होगा कि उनकी अध्यक्षता और निर्णय का अपमान किया है।
साथियो जीवीएम वैठक के अधिकार जिन्दा है गुरुवार 4 जुलाई को नया चुनाव आयोग और चुनाव तारीख जुलाई के अंत की घोषित साथियो से बात करके पाच सात लोग नये चुनाव का एलान कर देगे । जिससे जीवीएम का मान और ताकत बनी रहे।चुनाव जुलाई में होगा कोई रोक नही सकता कल कीवैठक का यही मकसद था।जीवीएम जिन्दा है और कमेटी का वजूद और ताकतवर होगा।जो दोहरा मापदण्ड अपना रहा है उसे खारिज करने का समय आ गया है।साथियो घन्यवाद।

मनोज मिश्रा

निवर्तमान मान्यता समिति का कार्यकाल 16 माह पहले ख़तम हो चूका है उन्हें आज कल की आम सभा की बैठक की 4 तिथियों मे कोई भी एक पर अपनी सहमति देनी थी जो नहीं हुआ चुनाव आयोग का गठन आम सभा करती है ना की पूर्व समिति के सदस्य इसलिए कल की आम सभा बैठक अपनी अगली कार्यवाही पर विचार करे.

एस. पण्डित

समिति का चुनाव आम सभा की बैठक में ही तय होता रहा है फिर ये नई तारीख का क्या मतलब हो सकता है जब समिति के कई सदस्य आम सभा मे।उपस्थित थे फिर ये नई बैठक की घोषणा वो भी 13 तारीख को क्यों ? तीन तेरह के गणित में उलझा रहेगा चुनावी कार्यक्रम!

विजय कुमार त्रिपाठी 

चुनाव होना तय हैं और चुनाव के लिए प्रक्रिया है उस प्रक्रिया में हम शामिल हो गए हैं और हा अगर कुछ साथियों या वरिष्ठ जनों को जल्दी है तो वह स्वतंत्र हैं कल हमने जो वादा किया था वह सिर्फ वादा नहीं था आज की कमेटी में हमने इसीलिए चुनाव के समय और प्रक्रिया का ऐलान कराया है जल्द ही चुनाव होंगे और हां जिन्हें बिना चुनाव के एक भी पल रहा नहीं जा रहा वह स्वतंत्र हैं… कल मीटिंग में यह भी कहा गया था कि समय का ऐलान जरूर होना चाहिए कि चुनाव कब होंगे अब जब चुनाव होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो जल्दबाजी किस बात की…

 

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