उपमन्‍यु केस: पीड़िता को कोर्ट भेजकर IO गायब

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मथुरा। पत्रकार कमलकांत उपमन्‍यु पर एमबीए की एक छात्रा से बलात्‍कार किये जाने संबंधी आरोपों को लेकर एसएसपी मंजिल सैनी का रवैया अब भी उपमन्‍यु के प्रति ही सहानुभूति दर्शा रहा है न कि पीड़िता के प्रति।

महिला एसएसपी की पत्रकार उपमन्‍यु के प्रति सहानुभूति का अंदाज आज उस समय और स्‍पष्‍ट हो गया जब रेप पीड़िता उनके कार्यालय में 161 के बयान कराने पहुंची।
सुबह करीब साढ़े ग्‍यारह बजे उनके ऑफिस पहुंची पीड़िता से स्‍वयं एसएसपी ने कई ऐसे प्रश्‍न किये जो न केवल अवांछित थे बल्‍कि पीड़िता को मानसिक रूप से विचलित करने वाले भी थे।
जब एसएसपी को उनके इस व्‍यवहार के लिए पीड़िता के अधिवक्‍ता प्रदीप राजपूत ने टोका तब जाकर एसएसपी ने महिला थाने की प्रभारी सहित इस केस की जांच अधिकारी सब इंस्‍पेक्‍टर रीना को बुलवाकर पीड़िता के बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई।
इसके बाद पीड़िता को एक महिला सिपाही के साथ पीड़िता के भाई की ही स्‍कूटी पर मेडीकल कराने के लिए महर्षि दयानंद सरस्‍वती जिला चकित्‍सालय भेज दिया।
मेडीकल के बाद जब पीड़िता के भाई ने पुलिस से पूछा कि क्‍या आप कोर्ट में 164 के बयान आज नहीं करायेंगे तो उससे कहा कि आप इसे कोर्ट लेकर चलें, हम आईओ को लेकर पहुंचते हैं।
पीड़िता संबंधित कोर्ट एसीजेएम फोर्थ के यहां जाकर बैठ गई लेकिन कोर्ट का समय बीत जाने तक न कोई पुलिसकर्मी वहां पहुंचा और न आईओ।
पीड़िता के अधिवक्‍ता प्रदीप राजपूत ने बताया कि उनके द्वारा जांच अधिकारी सब इंस्‍पेक्‍टर रीना को फोन किये जाने पर उसने बात सुनने के बावजूद बिना कोई जवाब दिये फोन काट दिया। बलात्‍कार जैसे गंभीर मामले में आईओ का यह रवैया चौंकाने वाला तो है ही, साथ ही पुलिस की मंशा को भी स्‍पष्‍ट कर रहा है।
अधिवक्‍ता प्रदीप राजपूत ने बताया कि दरअसल आईओ के इस व्‍यवहार के पीछे एसएसपी की मंशा ही काम कर रही है। एसएसपी अभी आरोपी को और मौका दे रही हैं जिससे वह पीड़िता व उसके परिवार पर नाजायज दबाव बना सके और किसी तरह ऐसा कुछ हो जाए कि पीड़िता के 161 में बयान फिर से रिकॉर्ड कराये जाएं क्‍योंकि आज के बयानों से उपमन्‍यु पर लगाये गये आरोपों की पूरी तरह पुष्‍टि हो रही है।
अधिवक्‍ता प्रदीप राजपूत ने बताया कि सुबह ही जब हमने एसएसपी से इस आशय का अनुरोध किया था कि वह आज ही पीड़िता के कोर्ट में 164 के बयान भी करवा दें जिससे केस की कार्यवाही आगे बढ़े, तो एसएसपी ने कहा कि 164 के बयान वह दो तीन बाद करायेंगी।
अधिवक्‍ता द्वारा बार-बार अनुरोध किये जाने पर उन्‍होंने आईओ से आज ही 164 के बयान कराने को कह जरूर दिया पर उनकी मंशा साफ नहीं थी और यही कारण है कि आईओ पीड़िता को कोर्ट भिजवाकर खुद गायब हो गईं जबकि यह बेहद गंभीर मामला है।
रेप के मामले में इससे पहले शायद ही कभी ऐसा देखने या सुनने में मिला हो कि पीड़िता तो कोर्ट में जाकर बैठ गई लेकिन आईओ कोर्ट पहुंची ही नहीं।
उन्‍होंने कहा कि आज के पूरे घटनाक्रम से एकबार फिर यह बात स्‍पष्‍ट हो जाती है कि एसएसपी मंजिल सैनी ही आरोपी पत्रकार कमलकांत उपमन्‍यु को पीड़िता व उसके परिजनों पर दबाव बनाने तथा आरोपी को बचने के अवसर दे रही हैं।
प्रदीप राजपूत ने कहा कि ऐसे में यदि पीड़िता अथवा उसके परिवार के साथ कोई घटना-दुर्घटना हो जाती है तो उसके लिए एसएसपी ही पूरी तरह जिम्‍मेदार होंगी।

सभार लीजेण्ड न्यूज

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