युवा मीडिया मालिक उमेश कुमार ने भंडारा लगाया… चतुर नौकरशाह नवनीत सहगल ने प्रसाद बांटा…

लखनऊ में पत्रकारिता का कितना बुरा हाल है, यह किसी से छिपा नहीं है. सत्ता के कई किस्म के प्रलोभनों के आगे मीडिया मालिक से लेकर संपादक-पत्रकार तक नतमस्तक हैं. अभी हाल में ही एक नया रीजनल न्यूज चैनल ‘समाचार प्लस’ उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना. इनके मालिक कोई उमेश कुमार हैं. इन्होंने ‘मिड डे एक्टिविस्ट’ नाम से दोपहर का अखबार लांच किया. देखते ही देखते उमेश कुमार सत्ता के गलियारे के सबसे खास मीडिया वाला बन गए. अखिलेश यादव के साथ इनकी बैठक हुई और इन्होंने तस्वीरें फेसबुक पर डालीं.

अखिलेश यादव सरकार के सबसे बड़े लायजनर आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल से उमेश कुमार की नजदीकी बनी. पिछले दिनों उमेश कुमार के अखबार मिडडे एक्टिविस्ट और न्यूज चैनल समाचार प्लस की तरफ से लखनऊ में बड़े मंगल पर भंडारा आयोजित किया गया. इसमें प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल शामिल हुए और प्रसाद वितरण का कार्य किया. इसे कहते हैं बड़े पापियों द्वारा छोटे मोटे पुण्य कार्य कर प्रायश्चित करना. अगर वाकई पुण्य का काम करना है तो उमेश कुमार को चाहिए कि वह सत्ता के दोगले चरित्र, गड़बड़ियों, जनविरोधी नीतियों का अपने मीडिया माध्यमों से पर्दाफाश करें और नवनीत सहगल को चाहिए कि वह बतौर आईएएस जनहित को ध्यान में रखते हुए सत्ता के अवैध कुकृत्यों को आगे बढ़ाने से इनकार कर दें. पर जहां सत्ता लाभ, पावर में घुसपैठ, पैसा प्राप्ति, प्रशासनिक संरक्षण, शीर्षस्थ पद आदि के लाभ प्रलोभन मौजूद हों वहां कोई कैसे अपने जमीर की सुने, कोई कैसे अपने प्रोफेशन की गरिमा को बचाए रखे. ये सब क्यों लिख रहा हूं, नहीं पता. यह भी नहीं पता कि यह सब कुछ भड़ास पर छपेगा या नहीं. लेकिन अपना फर्ज है लिखकर मेल करना. अब आप के उपर है कि आप इसे छापें या न छापें.

लखनऊ से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित

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