अखिलेश यादव पर दर्ज मुकदमे के बाद पत्रकारों पर भी मामला दर्ज,

कानून मंत्री, बृजेश पाठक ने कानून की बंद आंखों को खोला

डॉ. मोहम्मद कामरान 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के लिए सुखद खबर है कि विधि व न्याय मंत्री ने सालों से बंद पड़ी आंखे खोल ली है और लोकतंत्र के चौथे खंभे पर हो रहे हमले की निंदा करते हुए बताया कि लाल टोपी वालों से रहें सतर्क।
भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद में एक पत्रकार के साथ घटना घटते ही प्रदेश के विधि व न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक को चारों तरफ लाल रंग ही नजर आने लगा लेकिन कानून मंत्री ये देखना भूल गए कि ये कोई पहली घटना तो है नहीं, उत्तर प्रदेश में सरकार किसी की भी रही हो लेकिन पत्रकारों को धमकाने पीटने और हत्या के मामलों में हर साल बढ़ोतरी ही हुई है।
अभी तक आँखों पर पट्टी बंधी थी, अब खुल गयी तो चारों तरफ लाल ही लाल नज़र आ रहा है। उत्तर प्रदेश में पिछले 1 साल में कम से कम 24 ऐसी बड़ी घटनाएं हुई हैं जिनमें पत्रकारों के खिलाफ खबर लिखने पर धमकाने, मारने के अलावा अपराधिक मुकदमे दर्ज करने के प्रमाण उपलब्ध है।
कहने को तो कलम बहुत ताकतवर है लेकिन प्रशासन, पुलिस और अपराधी इस कलम को तोड़ने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं और जो कलम टूट नहीं रही है, उस पर आरोप-प्रत्यारोप करके अपराधिक मुकदमों में फंसा दिया जा रहा है ।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक वरिष्ठ पत्रकार पर शासकीय अधिनियम की गुप्त धारा में मुकदमा दर्ज किया जाता है लेकिन कानून मंत्री की आंखें नही देख पाती। वहीं सीतापुर के रविंद्र सक्सेना, वाराणसी में सुप्रिया शर्मा, मिर्जापुर में पंकज जयसवाल, बिजनौर में वाल्मीकि परिवार के पलायन के मामले में पांच पत्रकार के खिलाफ f.i.r. और लखनऊ में मोहर्रम के दौरान शांति भंग करने का आरोप लगाकर वरिष्ठ पत्रकार असद रिजवी को नोटिस जारी कर दिया जाता है लेकिन न्याय मंत्री खामोश रहते है।
मुरादाबाद के अलावा भी ऐसे अनेक मामले है जहां पत्रकारों का उत्पीड़न हो रहा है लेकिन मंत्रीजी उन मामलों पर कोई मार्मिक संदेश नहीं जारी हुआ लेकिन जब जागों तब सवेरा, अब आंखें खुल गयी है तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बृजेश पाठक ने स्पष्ट संदेश दिया है की भाजपा सरकार पत्रकारों के साथ खड़ी है और किसी भी हमले की घोर निंदा करती है। निंदा कर दी गयी है, लोकतंत्र जाग रहा है, अब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कोई खतरा नही है, पत्रकार स्वतंत्रता से काम करें क्योंकि कानून की आंखें खुल गयी है, सब दिख रहा है और देखते देखते एबीपी न्यूज़ के उबैद उर रहमान, न्यूज़ 18 के पत्रकार फ़रीद शम्सी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज हो गया है।
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