चीन में आखिरी भारतीय पत्रकार को देश छोड़ने का फरमान, मीडिया से घबराए शी जिनपिंग या कोई और बात?

चीन में आखिरी भारतीय पत्रकार को देश छोड़ने का फरमान जारी हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के रिपोर्टर को इसी महीने देश छोड़ने का निर्देश दिया है। दरअसल, चीन ने भारत पर चीनी पत्रकारों के साथ अनुचित बर्ताव का आरोप लगाया है। बीजिंग की ओर से कहा गया कि इसके जवाब में ही उसने यह कदम उठाया है। अब इस भारतीय रिपोर्टर के चले जाने से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से भारत की मीडिया उपस्थिति समाप्त हो जाएगी। बीजिंग के इस फैसले को एशियाई आर्थिक महाशक्तियों के बीच गहराती दरार के तौर पर देखा जा रहा है।

‘मुश्किलों के साथ काम कर रहे थे भारतीय पत्रकार’
इसी महीने की शुरुआत में भारत की ओर से उम्मीद जताई गई कि चीनी अधिकारी भारतीय पत्रकारों की मौजूदगी सुनिश्चित कराएंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘चीनी पत्रकार समेत सभी विदेशी पत्रकार भारत में रिपोर्टिंग या मीडिया कवरेज में बिना किसी कठिनाई के काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि चीनी अधिकारी चीन से रिपोर्टिंग कर रहे और वहां काम कर रहे भारतीय पत्रकारों की सतत मौजूदगी सुनिश्चित कराएंगे। दोनों पक्ष इस मुद्दे पर संपर्क में बने हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि चीन में भारतीय पत्रकार कुछ मुश्किलों के साथ काम कर रहे हैं। जैसे कि उन्हें स्थानीय लोगों को संवाददाता या पत्रकार नियुक्त करने की इजाजत नहीं है।’

अरिंदम बागची ने कहा था, ‘जैसा कि आप जानते हैं, विदेशी मीडिया भारत में अपने ब्यूरो में काम करने के लिए आजादी से स्थानीय पत्रकारों की नियुक्ति कर सकता है और करता है। वहीं स्थानीय स्तर पर यात्रा करते समय स्थानीय पत्रकारों को भी अनेक पाबंदियों का सामना करना पड़ता है।’ प्रवक्ता ने कहा कि भारत विदेशी पत्रकारों का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय पक्ष भारत में विदेशी पत्रकारों का समर्थन करता है और उन्हें सुविधा प्रदान कराता है। मुझे विश्वास है कि आप इस पर मुहर लगा सकते हैं। साथ ही, सामान्य पत्रकारीय व्यवहार या गतिविधियों से या पत्रकार वीजा से जुड़े प्रावधानों से विचलन नहीं होना चाहिए।’

हायरिंग को लेकर शुरू हुआ पूरा विवाद
इस मामले के जानकार भारतीय अधिकारियों के अनुसार, वीजा को लेकर यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब चीन में रिपोर्टिंग में मदद करने के लिए भारतीय पत्रकार असिस्टेंट हायर करने लगे। उन्होंने कहा कि बीजिंग की ओर से एक समय में तीन लोगों को ही हायर करने की इजाजत है। साथ ही उन्हें चीनी अधिकारियों की निगरानी से होकर गुजरना भी जरूरी था। भारतीय अधिकारी ने अपनी पहचान सार्वजनिक न करने की शर्त पर यह जानकारी दी। दूसरी ओर, भारत में हायरिंग को लेकर इस तरह की कोई पाबंदी नहीं है। मालूम हो कि 2020 में गलवान झड़प के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारत का कहना है कि सीमा विवाद के सुलझने तक रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते हैं।

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