नूपुर शर्मा के बाद अब अमृतांशु गुप्ता! मोहम्मद ज़ुबैर ने एक और निर्दोष को इस्लामी कट्टरपंथियों के सामने झोंका

सहवाग-वेंकटेश से खार खाए गिरोह ने खोजा नया ‘शिकार’

मोहम्मद ज़ुबैर, अमृतांशु गुप्ताफेक न्यूज की फैक्ट्री मोहम्मद जुबैर ने अब पीआर मैनेजर अमृतांशु गुप्ता को निशाना बनाने की ठानी है। जुबैर ने अमृतांशु की डिटेल्स सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, ताकि उसकी ट्रोल आर्मी अमृतांशु को अपना शिकार बना सके। ये ठीक उसी तरह का पैटर्न है, जिसकी शिकार बीजेपी नेता नुपूर शर्मा बनी थी। इसके लिए मोहम्मद जुबैर ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद के ट्विटर हैंडल को मैनेज करने वाले डिजिटल स्ट्रेटजिस्ट और सलाहकार अमृतांशु गुप्ता पर अपनी ट्रोल सेना उतार दी।

मोहम्मद जुबैर ने अपने ट्वीट में कहा कि वेंकटेश प्रसाद के हैंडल से जो ट्वीट उसे एक्सपोज करने के लिए किए गए थे, वो अमृतांशु ने किए थे, क्योंकि वही वेंकटेश प्रसाद का सोशल मीडिया मैनेज करते हैं। चूँकि वेंकटेश प्रसाद के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में ट्वीट किए गए थे, जो जुबैर को नागवार गुजरे थे। जुबैर ने अमृतांशु की डिटेल्स शेयर करते हुए लिखा, “यही व्यक्ति वेंकटेश प्रसाद से लेकर वीरेंद्र सहवाग के ट्विटर/इंस्टा हैंडल मैनेज करता है। स्मृति ईरानी का ऑपइंडिया वेबसाइट के लिए इंटरव्यू करता है।”

जुबैर का ट्वीट

जुबैर ने आशीष नेहरा के साथ गौरव कपूर के 2017 के साक्षात्कार का एक वीडियो भी साझा करते हुए लिखा कि अमृतांशु गुप्ता ने भुगतान किए गए ट्वीट के लिए पूर्व क्रिकेटर से संपर्क किया होगा। हालाँकि, वीडियो में आशीष नेहरा ने कहीं भी अमृतांशु का नाम नहीं लिया है।

जुबैर ने ‘आउटलुक’ मैगजीन का एक आर्टिकल भी शेयर किया और कहा, “सेलेब्स अपने सोशल मीडिया अकाउंट को मैनेज करने के लिए ‘प्रोफेशनल्स’ को हायर करते हैं जो उनके नाम से लिखते हैं।”

वेंकटेश प्रसाद ने लगाई थी जमकर लताड़

बता दें कि हाल ही में वेंकटेश प्रसाद को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कॉन्ग्रेस नेताओं, वामपंथियों और इस्लामवादियों के घनिष्ठ और शातिर लेफ्ट लॉबी ने निशाना बनाया था। लेकिन, जब जुबैर ने वेंकटेश प्रसाद को घेरने की कोशिश की, तो उन्होंने जुबैर को एक्सपोज कर दिया था।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने के लिए मोहम्मद जुबैर को जमकर लताड़ लगाई थी। इसके बस कॉन्ग्रेसी, वामपंथी और इस्लामवादी एकजुट होकर फर्जी फैक्ट-चेकर जुबैर के बचाव में उतर आए। दरअसल, वेंकटेश प्रसाद ने ‘भ्रष्ट और अहंकारी व्यक्ति द्वारा पूरे संस्थान को खराब करने’ को लेकर एक पोस्ट किया था। बाद में उन्होंने यह पोस्ट डिलीट कर दिया था। इसको लेकर फेक खबर फैलाने के लिए कुख्यात ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक जुबैर ने उन पर निशाना साधा था।

हालाँकि, जब वेंकटेश प्रसाद ने हटाए गए ट्वीट को दोबारा पोस्ट किया, तो संदिग्ध ‘फैक्ट चेकर’ को भी शर्मिंदा होना पड़ा, जिसका इस्तेमाल उन्होंने भारतीय क्रिकेटर को निशाना बनाने के लिए किया था। वेंकटेश प्रसाद के ट्वीट को गलत अर्थ में पेश करने में मोहम्मद ज़ुबैर सबसे आगे था, इसीलिए वेंटकेश प्रसाद ने उसे लताड़ लगाई थी।

जब वापसी का कोई रास्ता नहीं बचा तो जुबैर ने वेंकटेश प्रसाद के मीडिया मैनेजर अमृतांशु गुप्ता को ढूँढ लिया और अमृतांशु गुप्ता पर अपनी ट्रोल आर्मी उतार दी। यह उसकी पिछली हरकतों की तरह ही है, जिसमें वो ऑनलाइन लिंचिंग करता है।

बता दें कि भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा तब इस्लामी कट्टरपंथियों का निशाना बनी थीं, जब मोहम्मद जुबैर जैसे इस्लामिक कट्टरपंथियों ने पैगंबर मुहम्मद और इस्लाम पर अपने विचार रखने के लिए उन्हें धमकियाँ दिलवाई थी। इस मामले में काफी विवाद हुआ था। दरअसल, शर्मा ‘टाइम्स नाउ’ पर एक बहस पैनल का हिस्सा थी, जिसमें ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने और इस खोज के बाद हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने पर चर्चा हो रही थी।

इस कार्यक्रम के दौरान इस्लामवादियों ने दावा किया था कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के वुज़ुखाने के अंदर जो शिवलिंग मिला है, वह कोई शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आलोचकों ने बार-बार कहा था कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर पाया गया शिवलिंग एक फव्वारा था, न कि हिंदू भगवान की मूर्ति।

हिंदू देवी-देवताओं पर की गई अवमानना ​​और तिरस्कार के जवाब में, भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने उनसे हिंदू देवताओं का अपमान बंद करने को कहा और पैगंबर मुहम्मद और इस्लाम पर अपनी टिप्पणियों की पुष्टि के लिए इस्लामी धर्मग्रंथों और पवित्र कुरान का हवाला दिया। लेकिन, इसके बाद उनके वीडियो का एडिटेड हिस्सा जुबैर एंड कंपनी की तरफ से वायरल कर दिया गया था। उसी डिबेट में तस्लीम रहमानी ने क्या कहा, इसे छिपा लिया गया। इसके बाद कन्हैया लाल और उमेश कोल्हे हत्याकांड सामने आया था। नूपुर शर्मा के समर्थन के कारण दोनों को मार डाला गया था।

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