पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्यारे दोषी करार, लूट के लिए दिल्ली में हुआ था सनसनीखेज कत्ल

2008 में दिल्ली में हुई पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के केस में सभी आरोपी दोषी करार दिए गए हैं। साकेत कोर्ट ने रवि कपूर, बलजीत सिंह मलिक, अमित शुक्ला, अजय कुमार को 302 और मकोका के तहत दोषी ठहराया है। आरोपी अजय सेठी को 311 और मकोका के तहत दोषी पाया गया। अदालत ने सजा के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की है।

पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्यारे दोषी करार, लूट के लिए दिल्ली में हुआ था सनसनीखेज कत्ल2008 में दिल्ली में हुई पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के केस में सभी आरोपी दोषी करार दिए गए हैं। साकेत कोर्ट ने रवि कपूर, बलजीत सिंह मलिक, अमित शुक्ला, अजय कुमार को 302 और मकोका के तहत दोषी ठहराया है। आरोपी अजय सेठी को 311 और मकोका के तहत दोषी पाया गया। अदालत ने सजा के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की है।

जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर लगे दोष को संदेश से परे साबित किया। विश्वनाथन की हत्या राजधानी दिल्ली में 30 सितंबर 2008 को कर दी गई थी। एक टीवी चैनल में काम करने वाली विश्वनाथन तड़के 3:30 बजे ऑफिस से घर लौट रही थीं। पुलिस ने जांच के बाद खुलासा किया कि हत्या के पूछे लूट का इरादा था। हत्या के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मार्च 2009 से ही वे सभी जेल में हैं।

6 महीने बाद हुआ था मामले का खुलासा

दिल्ली की साकेत अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडेय ने आरोपियों को दोषी करार दिया। सौम्या विश्वनाथन के पिता एमके विश्वनाथन और मां माधवी विश्वनाथन भी दिल्ली में ही मौजूद हैं। इस मर्डर केस की खास बात ये रही कि इसका खुलासा करने में पुलिस को 6 महीने लग गए थे।

चलती गाड़ी में मारी गई थी गोली

सौम्या विश्वनाथन की हत्या तड़के 3.30 बजे उस वक्त की गई थी जब वह अपनी गाड़ी से दफ्तर से वापस घर लौट रही थी। सौम्या को चलती गाड़ी में गोली मारी गई थी। पुलिस के मुताबिक हत्या का मकसद लूटपाट करना था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया था।

16 नवंबर 2010 से शुरू हुई थी केस की सुनवाई

मार्च 2009 में बीपीओ कर्मचारी जिगिशा घोष की हत्या के मामले में गिरफ्तार रवि कपूर और अमित शुक्ला ने पूछताछ में सौम्या की हत्या की बात कबूल की। इस हत्याकांड की सुनवाई 16 नवंबर 2010 को दिल्ली के साकेत कोर्ट में शुरू हुई।

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