दागी पत्रकारों की मान्यता निरस्त किये जाने पर सूचना निदेशक शिशिर सिंह की सराहनीय पहल
दागी पत्रकारो के बड़ा खुलासा सामने आने के बाद शासन प्रशासन इनकी मान्यता नवीनीकरण न करने का फैसला करती है या दागी पत्रकारो जो खुली छूट प्रदान करेगी ये आने वाला वक़्त बताएगा। फिलहाल सर्दी के मौसम में दागी पत्रकारो के पसीने छूट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक शिशिर सिंह द्वारा दागी पत्रकारों की मान्यता नवीनीकरण न किए जाने के फैसले पर चौतरफा सराहना हो रही है पत्रकारों को मान्यता निर्गत किए जाने के उपरांत मिलने वाला पहचान पत्र सिर्फ पत्रकारिता की पहचान नहीं होती बल्कि अति संवेदनशील और सुरक्षित भावनाओं में बिना रोक रोक के आने-जाने का गेट पास माना जाता है मुख्यमंत्री कार्यालय हो या प्रशासनिक भवन मान्यता कार्ड दिखाकर, रौब दिखाते हुए पत्रकार बिना किसी रोक-टोक के प्रवेश पा जाते हैं।
अभी हाल ही में दिल्ली के संसद भवन में जिस तरीके से एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गयी उसको देखते हुए शिशिर सिंह द्वारा दागी पत्रकारों की मान्यता नवीनीकरण न किए जाने का फैसला सराहनीय है ।
अभी हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को आपराधिक केस में आरोपित किसी भी व्यक्ति को वकालत का लाइसेंस देने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है उसी तर्ज पर मान्यता नवीनीकरण पर पत्रकारों को मान्यता नहीं देना चाहिए और पत्रकारों को मान्यता देने वाले फार्म में दर्ज अपराध के खुलासों की प्रक्रिया भी अपनाई जानी चाहिए। मान्यता नवीनीकरण करने से पहले पुलिस से रिपोर्ट ली जाएं और अगर यदि किसी पत्रकार द्वारा आपराधिक मामले को छुपा कर मान्यता ली गई हो तो उसके आवेदन को तत्काल निरस्त कर देना चाहिए।
आर टी आई एक्टिविस्ट के पत्रों से दागी पत्रकारो के बड़ा खुलासा सामने आने के बाद शासन प्रशासन इनकी मान्यता नवीनीकरण न करने का फैसला करती है या दागी पत्रकारो जो खुली छूट प्रदान करेगी ये आने वाला वक़्त बताएगा। फिलहाल सर्दी के मौसम में दागी पत्रकारो के पसीने छूट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग से मान्यता प्राप्त निम्नलिखित पत्रकारों की निम्नानुसार अपराधिक पृष्ठभूमि है जो सरकारी मान्यता कार्ड के साथ-साथ मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दी जाने वाली सरकारी आवास की सुविधा ,परिवहन विभाग की सुविधा ,रेल पास की सुविधा समेत अन्य विभिन्न सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग विभिन्न प्रकार से किया जा रहा है जिनमें विधान सभा, सचिवालय, लोक भवन, एनेक्सी मैं बैठकर दलाली आदि करना मुख्य है :
1) श्री हेमंत तिवारी मा. न्यायालय मुख्य दंडाधिकारी, लखनऊ के सम्मुख लंबित आपराधिक मुकदमे में जमानत पर रिहा हैं l
इसके अतिरिक्त श्री हेमंत तिवारी के खिलाफ लखनऊ के थाना हजरतगंज में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0277 / 2022 धारा 504,506 IPC एवं अनुसूचित जानी एवं अनुसूचित जनजाति ( नृशंसता निवारण ) अघिनियम 1989 ( संशोधन 2015 ) की धारा 3(1)(ध) और धारा 3(2)(va) दर्ज है और साथ ही साथ जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से इनकी गोपनीय जांच कराया जाना आवश्यक है l
2) श्री सुरेश बहादुर सिंह और श्री धनञ्जय सिंह के खिलाफ निम्नलिखित मुकदमा लखनऊ के थाना विभूतिखंड में दर्ज है :
और साथ ही साथ जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से इनकी गोपनीय जांच कराया जाना आवश्यक है l
3) श्री नावेद शिकोह एवं अन्य सैकड़ों पत्रकारों के खिलाफ नई दिल्ली के पुलिस थाना Economic Offences Wing, New Delhi में FIR सं. 0090 दिनांक 19.04.2018 धारा 420,468,471, 120 बी दर्ज है l
इसके अतिरिक्त माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कस्टम लखनऊ में मुकदमा अपराध संख्या 2290/2023 धारा 500,501,502 के अंर्तगत गैर जमानती अधिपत्र जारी किया गया है और साथ ही साथ जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से इनकी गोपनीय जांच कराया जाना आवश्यक है l
4) श्री शशी नाथ दुबे के खिलाफ लखनऊ के पुलिस थाना इंदिरा नगर में मुकदमा अपराध संख्या 0132 / 2022 अंतर्गत धारा 504, 506 व 507 दर्ज है जिसमें आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित है और साथ ही साथ जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से इनकी गोपनीय जांच कराया जाना आवश्यक है l
5) श्री मनीष पाण्डे के खिलाफ लखनऊ के पुलिस थाना हजरतगंज में मुकदमा अपराध संख्या 0110/2023 दर्ज है और साथ ही साथ जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से इनकी गोपनीय जांच कराया जाना आवश्यक है l
6) श्रीमती रेखा गौतम पत्नी श्री राजेंद्र गौतम एवं श्री निर्भय राज के खिलाफ लखनऊ के पुलिस थाना हजरतगंज में मुकदमा अपराध संख्या मुकदमा अपराध संख्या 0249/2022 निम्नलिखित धाराओं में दर्ज है और साथ ही साथ जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से इनकी गोपनीय जांच कराया जाना आवश्यक है l
7) मोहम्मद कतील शेख के खिलाफ लखनऊ के पुलिस थाना में मुकदमा अपराध संख्या दर्ज है और साथ ही साथ जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से इनकी गोपनीय जांच कराया जाना आवश्यक है l
इसके अतिरिक्त सूचना विभाग से मान्यता प्राप्त लगभग 950 पत्रकारों में से अधिकतर पत्रकार अपने खुद के अखबार और आवास होते हुए भी झूंठा शपथ-पत्र देकर सरकारी आवास अवैधानिक रूप से हथियाए हुए हैं और अन्य अख़बारों से सरकारी मान्यता अवैधानिक रूप से लेकर अपने स्वयं के अखबारों पर प्रतिमाह मोटी धनराशि सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से अवैधानिक रूप से हथिया रहे हैं जिसकी गहराई से जांच आवश्यक है l
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पत्रकारो को निर्गत की जाने वाली पत्रकार मान्यता के संदर्भ में नियमावली में मान्यता देने के प्रावधानों को दरकिनार करते हुये जिसको मान लिया अपना या जिसने रख दिया नोटों की थैली उसको मान्यता मिल जाती है फिर चाहे जमानत पर हो हो संगीन धाराओं में मुदकमा ही क्यों न दर्ज हो ।
श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी के कुशल संचालन में लगता है ऐसी मान्यताओं को अब पूर्ण विराम लगेगा और गुलदस्ता पत्रकारों के दिन बहुरेंगे और जिन पत्रकारों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज हो या न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन हों उनकी मान्यता समाप्त की जायेगी जिससे पत्रकारों को दी जाने वाली मान्यता की गरिमा बनी रहें साथ ही श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा सर्वप्रथम प्रेस प्रभाग में वर्षों से कुर्सी पर जमे लोगों की सम्प्पति और उनके आय व्यय के लेखा जोखा की जाँच कराएं तो पूरा प्रकरण और भ्रष्टाचार की जड़े साफ साफ दिखायी देने लगेंगी ।
आप द्वारा सराहनीय कार्य करते हुये पूर्व में भी मुकदमा दर्ज होने पर मान्यता समाप्त करने के उपरांत उनको आवंटित सरकारी आवास भी खाली कराया गया है। ऐसे उपरोक्त पत्रकारों की सूची आपके सम्मुख प्रेषित है जिनकी मान्यता समाप्त करने के उपरांत उनका सरकारी आवास खाली कराया जाना आदि न्यायासंगत प्रतीत होता है ।
आपराधिक पृष्ठभूमि के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के आपराधिक मामलों की जांच जिला प्रशासन,पुलिस महकमे और एल.आई.यू. के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सभी थानों से गोपनीय जांच कराकर जांच रिपोर्ट के आधार पर मान्यता कार्ड निरस्त करने और इन मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दी जा रही सरकारी आवास की सुविधा ,परिवहन विभाग की सुविधा ,रेल पास की सुविधा समेत अन्य सभी सरकारी सुविधायें बापस किये जाने की कार्यवाही तत्काल कराने की कृपा करें । जो जनहित में अति आवश्यक है l
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