पत्रकारों पर होगी कानूनी कार्यवाही और निरस्त होगी राज्य मुख्यालय मान्यता

शासन के पत्रांक संख्या 38 दिनांक 1 अगस्त 2022 का संज्ञान लेते हुए पत्रकारों से ₹100 के शपथ पत्र पर किसी भी समाचार पत्र के संपादक स्वामी प्रकाशक होने अथवा ना होने के अतिरिक्त इस आशय का शपथ पत्र मांगा गया कि पत्रकारिता के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य नहीं किया जाता और यदि किसी पत्रकार द्वारा उर्दू समाचार पत्र या उर्दू चैनल से मान्यता ली गई है तो उसे उर्दू भाषा की जानकारी से संबंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने हेतु 16 अगस्त 2022 की जो समय सीमा निर्धारित की गई थी

उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के लिए मान्यता नवीनकरण आसान नहीं दिखता, जिनको लिखना भी नहीं आता और जिनकी खबरों को कभी कहीं देखा भी नहीं जाता उनके द्वारा राज्य मुख्यालय की मान्यता प्राप्त कर जिस तरह अति सुरक्षित भवनों में सेंध मारी की जा सकती है उनके लिए नियम और मानक के चलते अब सेल्फीबाज़ी आसान नहीं होगी।
शासन के पत्रांक संख्या 38 दिनांक 1 अगस्त 2022 का संज्ञान लेते हुए पत्रकारों से ₹100 के शपथ पत्र पर किसी भी समाचार पत्र के संपादक स्वामी प्रकाशक होने अथवा ना होने के अतिरिक्त इस आशय का शपथ पत्र मांगा गया कि पत्रकारिता के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य नहीं किया जाता और यदि किसी पत्रकार द्वारा उर्दू समाचार पत्र या उर्दू चैनल से मान्यता ली गई है तो उसे उर्दू भाषा की जानकारी से संबंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने हेतु 16 अगस्त 2022 की जो समय सीमा निर्धारित की गई थी उससे संबंधित सभी अभिलेख मान्यता नवीनीकरण करने से पूर्व जांच कराया जाना अनिवार्य प्रतीत होता है जिससे आसामाजिक तत्वों द्वारा नियम और मानकों के विपरीत जो मान्यता ली गई है उसका नवीनीकरण न करते हुए ऐसी मान्यताओं पर रोक लगाई जा सके और जिन पत्रकारों ने 100 रुपये के शपथ पत्र के माध्यम से गलत सूचना दी है उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे अन्य पत्रकार झूठा शपथपत्र देने से डरें और कानून का सम्मान कर सकें।

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