भ्रष्‍टाचार के मामले में फंसे ED अधिकारी ने की आत्‍महत्‍या, रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला शव

जानकारी के अनुसार, ED के सहायक निदेशक संदीप सिंह के साथ अपना नाम भ्रष्टाचार के केस में देख आलोक कुमार रंजन सदमे में थे. CBI द्वारा संदीप सिंह की गिरफ्तारी के बाद से वह काफी परेशान भी थे. इसीलिए यह शक है कि अपने ऊपर कार्रवाई के डर से उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी. हालांकि, अभी इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है.

दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) में तैनात एक अधिकारी आलोक कुमार रंजन ने आत्महत्या कर ली. आलोक कुमार रंजन का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला. बता दें, आलोक एक कथित भ्रष्टाचार मामले में ED और CBI की जांच के दायरे में थे. सात अगस्त को ED के एक सहायक निदेशक संदीप सिंह को 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में CBI ने गिरफ्तार किया था.

CBI ने दावा किया था कि एक शिकायतकर्ता ने कहा था कि ED के सहायक निदेशक संदीप सिंह ने उसके बेटे को गिरफ्तार नहीं करने के लिए 50 लाख रुपए की मांग की थी. CBI ने संदीप सिंह को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए दिल्ली के लाजपत नगर से गिरफ्तार किया था.

सहायक निदेशक संदीप सिंह मुंबई के एक ज्वेलर से पैसे ले रहा था. इसी ज्वेलर के यहां ED ने रेड की थी, तब संदीप सिंह उस टीम का हिस्सा था. FIR में संदीप सिंह को आरोपी बनाया गया था. साथ ही FIR में प्रवर्तन अधिकारी आलोक कुमार रंजन का नाम भी था. बाद में संदीप सिंह को निलंबित कर दिया गया. इसके बाद में ED ने CBI की FIR पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

जानकारी के अनुसार, ED के सहायक निदेशक संदीप सिंह के साथ अपना नाम भ्रष्टाचार के केस में देख आलोक कुमार रंजन सदमे में थे. CBI द्वारा संदीप सिंह की गिरफ्तारी के बाद से वह काफी परेशान भी थे. इसीलिए यह शक है कि अपने ऊपर कार्रवाई के डर से उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी. हालांकि, अभी इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है.

वहीं, बात अगर ED के सहायक निदेशक संदीप सिंह की करें तो वह पिछले साल मई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) में सहायक निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. उस समय संदीप सिंह के अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तहत काम करने वाले 30 अन्य अधिकारियों को भी ED में शामिल किया गया था.

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