नितिन गडकरी ने की ‘सुपारी पत्रकारों’ की आलोचना, RTI के दुरुपयोग को किया उजागर

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया व पत्रकारों के एक वर्ग को आईना दिखाया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया व पत्रकारों के एक वर्ग को आईना दिखाया है। नागपुर प्रेस क्लब में आयोजित स्वर्गीय अनिल कुमार पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में गडकरी ने कहा कि कुछ पत्रकार राइट टू इनफॉरमेशन (RTI) का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आजकल RTI के नाम पर कई पत्रकार मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियां तक खरीद रहे हैं।’

गडकरी ने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, लेकिन कुछ पत्रकारों की वजह से इसकी छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने “सुपारी पत्रकारों” की कमी नहीं होने की बात कही और आरोप लगाया कि ऐसे पत्रकार ब्लैकमेलिंग जैसे अनैतिक कार्यों में लिप्त हैं।

ब्लैकमेलिंग का सुनाया किस्सा

गडकरी ने एक पुराने वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे मंत्री थे, तब एक पत्रकार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को ब्लैकमेल करता था। उन्होंने अधिकारियों को उस पत्रकार से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया था। गडकरी ने कहा, “मैंने कहा कि जब वह ऑफिस आए, तो उसे दरवाजे के अंदर बंद करके उसे सबक सिखाओ, लेकिन ध्यान रखना कि खून न निकले। इसके बाद उसका अखबार बंद हो गया।”

गडकरी ने यह भी बताया कि कई पत्रकार सरकारी अधिकारियों से बार-बार एडवर्टाइजमेंट की मांग करते हैं। उन्होंने मराठवाड़ा का एक उदाहरण देते हुए कहा कि ‘मराठवाड़ा में एक पत्रकार ऐसा था कि मेरा अधिकारी वहां पर डरता था। मैं गेस्ट हाउस गया तो उसे मेरे अधिकारी ने कहा कि उसकी यहां से बदली कर दो, यहां पर पत्रकार ऐडवर्टाइजमेंट मांगते हैं। एक बार दो बार दिया। हर बार में कहां से दूं।’

पत्रकार संगठनों को चेतावनी   

गडकरी ने कहा कि पत्रकारों के संगठनों को यह समझना चाहिए कि वे अपने अथॉरिटी कार्ड किसे देते हैं और किसे नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि इमरजेंसी के दौरान कुछ पत्रकारों ने अपनी ईमानदारी और आदर्शों को कायम रखा, जिनकी तारीफ की जानी चाहिए, लेकिन आज के दौर में कुछ पत्रकार इन मूल्यों को भूलकर गलत रास्ते पर चल रहे हैं।

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