कानपुर में डिजिटल अरेस्ट कर महिला से 90 लाख की ठगी…तस्करी में फंसाने का दिखाया डर

बिठूर की रहने वाली पीड़िता, साइबर थाने में एफआईआर

कानपुर में डिजिटल अरेस्ट कर महिला से 90 लाख की ठगी...तस्करी में फंसाने का दिखाया डरशहर के लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस लगातार अभियान चलाकर जागरूकता फैला रही है। इसके बाद भी लोग इनके नए-नए ठगी के पैतरों के शिकार होकर लाखों गवां रहे हैं। साइबर सेल का दावा है, कि केवल जागरूकता ही इससे बचने का सबसे बड़ा साधन है।

इन दिनों सबसे ज्यादा लोग फ्रॉड कॉल और डिजिटल अरेस्ट के मामले में फंस रहे हैं। ताजा मामला बिठूर में रहने वाली महिला का है, जहां पीड़िता को तस्करी में आरोपी बताया। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया। महिला को छोड़ने के नाम पर 90 लाख रुपये ठग लिए। मामले में पीड़िता ने साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

रूद्र ग्रीन बिठूर निवासी मीना चावला ने दर्ज एफआईआर में बताया कि उन्हें 17, 18 और 19 मई 2024 को मोबाइल नंबर पर फोन आया। फोन करने वालों ने स्काइप आईडी से कॉल किया। खुद को दिल्ली साइबर क्राइम से होने की बात कही। उन्हें स्काइप आईडी पर धमकी दी कि उनका तस्करी के केस में नाम आया है।

इसकी जांच ईडी द्वारा की जा रही है। फोन करने वालों ने उन्हें एक कोर्ट केस का समन भी भेजा। उन्हें डरा धमकाकर कई बार में 90 लाख रुपये वसूल लिए।

दर्ज एफआईआर में पीड़िता मीना चावला ने बताया कि उनके एक मोबाइल नंबर पर 8 नंबरों और दूसरे मोबाइल नंबर पर 7 अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आई। आरोपियों ने उन्हें एक ही जगह पर बैठे रहने को कहा। फिर उन्हें इस केस से बचाने के नाम पर रुपये वसूले। उन्होंने भारत सरकार की साइबर फ्रॉड कंप्लेंट वेबसाइट पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई।

रहे जागरूक बचने के ये हैं तरीके 

जब फोन पर कोई व्यक्ति पुलिस या वीडियो कॉल पर वर्दी पहने खुद को पुलिस या किसी जांच और सुरक्षा एजेंसी का अधिकारी बताए। ऐसे में सबसे पहले फोन नंबर के साथ आए नाम को गूगल पर सर्च करें। वह खुद को जिस विभाग का अधिकारी या पुलिस बता रहा हो, उस डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाएं और पोस्टेड अफसरों की लिस्ट देखें।

कॉल पर या वॉट्सएप कॉल पर कोई भी जानकारी साझा करने से पहले मौजूद हेल्पलाइन पर पता करें। गूगल सर्च से उस डिपार्टमेंट की वेबसाइट से हेल्पलाइन नंबर लेकर उस पर कॉल करें। किसी भी विभाग का हेल्पलाइन नंबर डालकर गूगल या इस जैसे किसी भी सर्च इंजन पर सर्च न करें। अगर फोन पर कोई कानूनी कार्रवाई की धमकी देता है तो इस स्थिति में डरें बिल्कुल नहीं।

ऐसा कुछ होने पर अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें। कॉल या वॉट्सएप ऑडियो-वीडियो कॉल पर कोई कहता है कि आपके अकाउंट में हवाला या मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा आया है, तो इस पर विश्वास ना करें। पुलिस या कोई भी सरकारी संस्था ऐसी जानकारी फोन के माध्यम से नहीं देती।

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