मिल गया पत्रकारिता को कलंकित करता रावण ! ऐसा कोई सगा नहीं जिसको इसने डसा नहीं
हॉकर से पत्रकार कहलाने वाला राजेंद्र गौतम करोड़पति तो बन गया लेकिन अपने मूल चरित्र को नही छोड़ पाया, जिस तरह रावण विद्वान था लेकिन अपने राक्षसी स्वभाव के चलते उसकी बुद्धिमता पर ताले पढ गये थे वैसा ही कुछ हाल है राजेन्द्र गौतम के परिवार द्वारा संचालित समाचार पत्र तिजारत और निष्पक्ष दिव्य संदेश की काली स्याही के काले रंग का।
तिजारत समाचार पत्र की काली स्याही से बने काले साम्राज्य का काला सच ।
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वरिष्ठ पत्रकार, प्रशासनिक अधिकारी को काले शब्दों से अपमानित करने वाला रावण।
एस. पण्डित
हॉकर से पत्रकार कहलाने वाला राजेंद्र गौतम करोड़पति तो बन गया लेकिन अपने मूल चरित्र को नही छोड़ पाया, जिस तरह रावण विद्वान था लेकिन अपने राक्षसी स्वभाव के चलते उसकी बुद्धिमता पर ताले पढ गये थे वैसा ही कुछ हाल है राजेन्द्र गौतम के परिवार द्वारा संचालित समाचार पत्र तिजारत और निष्पक्ष दिव्य संदेश की काली स्याही के काले रंग का।
हॉकरिया पत्रकार राजेन्द्र गौतम का भी कुछ काले रंग का कारनामा दिखता है, जैसे रावण को भयानक दिखाने के लिए हमेशा काले रंग में या काली पोशाक में दिखाया जाता है – कुछ वैसा ही हाल रहा है समाचार पत्र निष्पक्ष दिव्य संदेश का। उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता में जिसने भी इसको सहारा दिया उसको ही इसने ठगने और डसने का काम किया है, अधिकारी हो या पत्रकार इसकी काली फ़ितरत ने किसी को नहीं छोड़ा और काली स्याही से काले-काले अक्षरों में वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव, हेमंत तिवारी, अनूप गुप्ता को कभी ठग तो कभी जालसाज जैसे गंदे शब्दो से समाचार लिख कर अपमानित किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव, हेमंत तिवारी द्वारा जब मुक़दमे की बात कही गयी तो इसकी हवा ख़राब हुई लेकिन अपने काले कारनामों और काली साजिश के तहत इसने हेमंत तिवारी और उनके परिवार के विरुद्ध ही जातिसूचक मुक़दमे दर्ज करा दिया, लेकिन हेमंत तिवारी ने जब इसकी काली कमाई की जांच हेतु विभिन्न विभागों के दरवाज़े खटखटाये तो रावण का दम्भ ज़मीन पर रेंगने लगा और ये बटलर पैलेस की चौखट पर आए दिन दिखने लगा। अपने काले धंधे की जांच के खुलासे से इसने आनन फानन में मुक़दमे में सुलहनामा लगा दिया जबकि इसके विरुद्ध फर्जी मुक़दमे दर्ज कराने का अपराध बनता था।
सिर्फ पत्रकार ही नही जिन प्रशासनिक अधिकारियों के रात दिन चापलूसी करते हुए राजेन्द्र गौतम को देखा जाता था उनके लंबे कद और लंबी मदद का भी इस पर कोई असर नहीं हुआ और खादी विभाग में।करोड़ो के।मास्क की हेरा फेरी की काली ख़बर को इसने पत्नी के।माध्यम से समाचार पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित करके लंबा हाथ मारा। कोरोना के दौर में।जब लोग आर्थिक परेशानियों से गुज़र रहे थे तब राजेन्द्र गौतम द्वारा करोड़ो की संपत्ति बनाई जा रही थी। यही नही प्रदेश सरकार के अति प्रभावशाली अधिकारी के विरुद्ध ग़लत खबर लिखकर लाखो के फर्जी विज्ञापन तिजारत और निष्पक्ष दिव्य संदेश में प्रकाशित किये गए जिसकी जांच में।मूल पत्रावली ही गायब बतायी रही है।
जालसाजी, फर्जीवाड़े की बुनियाद पर टिका है नटवरलाल व हॉकर…
दिव्य संदेश और तिजारत के अखबार के अघोषित मालिक नटवरलाल…
समाजवाद सरकार में तिजारत का शीर्षक उर्दू भाषा मे दिखाकर काली स्याही के काले कारनामो का बड़ा खेल बनाने वाले राजेन्द्र गौतम जिनके पूरे परिवार को उर्दू क्या हिंदी भाषा का भी समुचित ज्ञान नही है अब सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यको के हितों की बात करते दिखाई देता है। हॉकरिया राजेन्द्र गौतम अपनी फ़ितरत से नही बाज़ आ सकता, सूचना विभाग के प्रभावशाली अधिकारियों सहगल, अवस्थी को काली स्याही से रंगने वाला अब सूचना निदेशक शिशिर सिंह को हटाने की बात करता दिखता है जबकि लाखों का विज्ञापन भाजपा सरकार में लेकर मलाई रबड़ी राजेन्द्र गौतम को खिलाने वाले स्वयं शिशिर सिंह ही है लेकिन अहंकार जिसके व्यक्तित्व में आ जाये तो उसको वक़्त ही मतलब समझाता है।
रावण भी अहंकारी था लेकिन समूचे कुल के विनाश का कारण भी बना था, के विक्रम राव, हेमंत तिवारी अनूप गुप्ता, सहगल, अवस्थी, कुलपति पाठक आदि अनेक व्यक्तियों को अपने काले रंग से कालाबाज़ारी करने वाले राजेन्द्र गौतम की काली कमाई की जांच हेतु सूचना निदेशक शिशिर सिंह, इसके भ्र्ष्टाचार के विनाश के लिए दृढ़ संकल्पित दिखाए दे रहे है, ऐसा प्रतीत होता है जो अयोध्या में।राम।को लाये है वही इस रावण के विनाश का कारक बनेंगे।