काम का दबाव ले रहा जान..फिर भी ZEE मीडिया के पत्रकारों को तालिबानी फरमान!

इसमें कोई शक नहीं ऑफिस में वर्क प्रेशर हर किसी पर भारी पड़ता है। ख़ासकर मीडिया जैसी फील्ड, जहां हर वक्त दूसरे चैनल से आगे निकलने का दबाव रहता है। ऐसी ही एक ख़बर ज़ी मीडिया (Zee Media) से आ रही है। ख़बरी मीडिया से बातचीत में कई पत्रकारों ने अपना दर्द बयां किया। उनके मुताबिक मीटिंग में ये साफ कर दिया गया है कि बीमार लोगों के लिए दफ्तर में कोई जगह नहीं नहीं है। मतलब बीमारी कहकर ऑफ दफ्तर से छुट्टी नहीं ले सकते। मतलब चाहे कुछ भी हो जाए, आपको ऑफिस आना ही होगा। ये बात यहां काम करने वाले पत्रकारों को हजम नहीं हो रही है।

आपको पिछले एक हफ्ते में वर्क प्रेशर की वजह से कई मौतें हुई जिसमें भारत के साथ विदेश के लोग भी शामिल हैं।

EY की महिला CA की मौत

एक अग्रणी अकाउंटिंग फ़र्म में 26 साल की महिला कर्मचारी की दुखद मौत से कॉर्पोरेट में काम के माहौल और कर्मचारियों के कल्याण को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है.

फ़र्म अर्न्स्ट एंड यंग (EY) में चार्टर्ड अकाउंटेंट के पद पर काम करने वाली ऐना सेबैस्टियन पेराइल की बीती जुलाई में नौकरी जॉइन करने के चार महीने बाद ही मौत हो गई थी.

उनके मां-पिता ने आरोप लगाया है कि नई नौकरी में काम के “ज़्यादा दबाव” का उनकी सेहत पर उल्टा असर पड़ा और आख़िरकार उनकी मौत का कारण बना.

HDFC Bank में काम करने वाली महिला बैंककर्मी की मौत

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एचडीएफसी बैंक में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी की वर्क प्रेशर के चलते जान चली गई। ये घटना ऐसे समय पर सामने आई है, जब कुछ दिनों पहले ही पुणे में ‘अर्न्स्ट एंड यंग’ (EY) में काम करने वाली एक युवा सीए की भी वर्क प्रेशर के चलते मौत हो गई थी। इन दोनों ही घटनाओं ने एक बार फिर से भारत में वर्किंग आवर को लेकर बहस छेड़ दी है। साथ ही साथ वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

बैंकॉक में महिला कर्मचारी ने दम तोड़ा

थाईलैंड में एक महिला कर्मचारी की दफ्तर में काम करते हुए मौत हो गई। 30 वर्षीय फैक्ट्री कर्मचारी की तबीयत ठीक नहीं थी और उसने मैनेजर से छुट्टी के लिए अनुरोध किया था। मैनेजर ने उसकी छुट्टी की एप्लीकेशन को अस्वीकार कर दिया। ऐसे में महिला अगले दिन दफ्तर आई और अचानक बेहोश होकर गिर गई और फिर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 30 वर्षीय ‘मे’ नाम की महिला थाईलैंड के समुत प्राकन प्रांत में इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट में काम करती थी।

भारत में 66% कर्मचारी वर्क प्रेशर से दबाव में, 45% से अधिक कर्मचारी हर रविवार शाम बेचैनी करते महसूस: सर्वे

कंपनियों में अत्यधिक वर्क प्रेशर से कर्मचारियों की मानसिक हालात बिगड़ रही है। HR सर्विस और वर्कफोर्स सॉल्यूशंस देने वाली कंपनी जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 79 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का मानना है कि उनकी कंपनी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और कल्याण के लिए और अधिक काम कर सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 66 प्रतिशत कर्मचारी अपनी वर्तमान कार्य संरचना के कारण अत्यधिक बोझ महसूस करते हैं तथा उनका मानना ​​है कि उनके कार्य-जीवन का संतुलन गंभीर रूप से बाधित हो रहा है।

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