चाऊमीन का ठेला लगाने वाला बन गया कैफे मालिक, चलाने लगा ड्रग्स-सेक्स का गैंग: पहले खुद करता रेप, फिर दूसरों से भी करवाता; वाराणसी गैंगरेप में अब तक 12 गिरफ्तार
गैंग का मास्टरमाइंड अनमोल बेहद शातिर है। उसने अपने गुंडों को अलग-अलग काम बाँट रखे थे। LLB की पढ़ाई कर रहा सोहेल ड्रग्स का आदी था, जिसे अनमोल ने अपना दाहिना हाथ बना लिया।
वाराणसी में 19 साल की मासूम छात्रा की जिंदगी को 23 दरिंदों ने 6 दिन तक नशे और हैवानियत की भेंट चढ़ा दिया। ये मामला सिर्फ गैंगरेप का नहीं, बल्कि एक संगठित सेक्स रैकेट का काला सच है, जिसका सरगना अनमोल गुप्ता नाम का शख्स निकला। कभी सिगरा में चाऊमीन का ठेला लगाने वाला अनमोल महज 2 सालों में कॉन्टिनेंटल कैफे का मालिक बन बैठा।
बाहर से साधारण सा दिखने वाला कॉन्टिनेंटल कैफे अंदर से ड्रग्स, शराब और देह व्यापार का अड्डा था। अनमोल ने 15 लड़कों की गैंग तैयार की थी, जो मासूम लड़कियों को फँसाते, नशा देते, रेप करते और फिर वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग कर उनको भेड़ियों के सामने परोस देते।
इस गैंग का मास्टरमाइंड अनमोल बेहद शातिर है। उसने अपने गुंडों को अलग-अलग काम बाँट रखे थे। LLB की पढ़ाई कर रहा सोहेल ड्रग्स का आदी था, जिसे अनमोल ने अपना दाहिना हाथ बना लिया। गैंग का सदस्य राज विश्वकर्मा प्राइवेट नौकरी करता था। वो रेप में शामिल था और ड्रग्स की सप्लाई भी करता था। साजिद लड़कियों को फँसाने का माहिर था, तो आयुष स्कूल-कॉलेज के बच्चों को कैफे तक खींच लाता।
इस गैंग में शामिल तनवीर उर्फ समीर कार मैकेनिक था, लेकिन नशे की लत ने उसे कस्टमर लाने वाला एजेंट बना दिया। यही नहीं, इंटर में पढ़ने वाला इमरान दरिंदगी की वीडियो बनाकर लड़कियों की जिंदगी तबाह करता था। वहीं, दानिश सोशल मीडिया पर कैफे का ढोल पीटता था और उसके फोन में 18 से ज्यादा गंदे वीडियो मिले। वो कॉन्टिनेंटल कैफे का सोशल मीडिया पर प्रचार भी करता था। इसके अलावा शब्बीर आलम दुकान में काम करता था, पर रात को वो भी इस गंदे खेल का हिस्सा बन जाता।
इस मामले की परत दर परत तब खुलनी शुरू हुई, जब छात्रा इलाज के बाद नशे से बाहर आई। इससे पहले, नशे में बेसुध होने की वजह से वो 24 घंटे तक कुछ बोल नहीं सकी थी। होश में आने के बाद उसने अपनी माँ को अपनी आपबीती सुनाई। इस मामले में तहरीर के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और छापेमारी कर 9 दरिंदों को पकड़ा, जिसमें अनमोल, सोहेल, राज, साजिद, आयुष, तनवीर, इमरान, दानिश और शब्बीर के नाम थे। इसके बाद भी 14 फरार थे, लेकिन बाद में अमन, जैब और समीर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अब भी इस केस से जुड़े 11 दरिंदे फरार हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
मीडिया के सामने पीड़िता के पिता का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने अपना दर्ज बयान करते हुए कहा, “मेरी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी। वो अब घर में भी डरती है। हर शख्स को सजा मिले, हम इंसाफ चाहते हैं।”
वाराणसी गैंगरेप केस ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। इन दरिंदों ने एक मासूम लड़की को इस तरह नोचा जैसे भूखे भेड़ियों का झुंड किसी शिकार पर टूट पड़ता है। 6 दिन तक 23 हैवानों ने नशे में धुत उसकी जिंदगी को तार-तार किया, वीडियो बनाए, ब्लैकमेल किया और उसे होटलों से कैफे तक घसीटा। लड़की के पिता ने शुरू में ही बड़ी साजिश की आशंका जताई थी, जो अब सच साबित हुई।
अनमोल गुप्ता और उसके गुंडों का ये सेक्स रैकेट कोई एक दिन का खेल नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी, जो शायद सालों से चल रही थी। एक लड़की की आपबीती तो सामने आ गई, लेकिन सोचिए, ऐसी कितनी मासूम बेटियाँ होंगी जो डर और समाज के तानों से चुप हैं।
ये मामला सिर्फ एक छात्रा की बर्बादी की कहानी नहीं है। दानिश अली के फोन से 18 रेप के वीडियो बरामद हुए हैं, जो चीख-चीख कर बता रहे हैं कि शिकार और भी हो सकते हैं। हर वीडियो के पीछे शायद एक टूटी हुई जिंदगी की दास्तान छुपी है। क्या पता, जाँच आगे बढ़े तो ऐसे कितने राज खुलें कि वाराणसी की गलियों में घूमते इन दरिंदों ने कितनी बेटियों को निशाना बनाया। ये सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की चुनौती है कि इन हैवानों को बेनकाब करे।
अब सवाल ये है कि क्या इन दरिंदों को वाजिद सजा मिल पाएगी? फिलहाल, पुलिस ने 12 को पकड़ा है, लेकिन 11 अब भी फरार हैं। हालाँकि असली लड़ाई सजा से आगे की है – ऐसी साजिशों को जड़ से उखाड़ना। हर गली, हर कैफे, हर कोने में नजर रखनी होगी, ताकि कोई और बेटी इन भेड़ियों का शिकार न बने। दानिश के वीडियो की जाँच से शायद और पीड़िताओं की पहचान हो और ये पता चले कि वाराणसी में कितने अनमोल जैसे शैतान छुपे हैं। ये वक्त सिर्फ इंसाफ माँगने का नहीं, बल्कि समाज को जगाने का है, ताकि डर की दीवारें टूटें और हर बेटी की आवाज सुनी जाए।
