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सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण का कथित रूप से दुरुपयोग करने वाले 22 अफसरों के खिलाफ जांच शुरू

यह जांच एक विस्तृत शिकायत के आधार पर शुरू की गई, जो 16 अगस्त 2024 को दर्ज कराई गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कई अभ्यर्थियों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC-NCL), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और दिव्यांग (PwBD) जैसे आरक्षण कोटे के तहत फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे।

15 मामलों की प्रारंभिक पुष्टि हो चुकी है, जिसमें 11 IAS, 2 IPS, 1 IFS और 1 IRS अधिकारी शामिल हैं।

भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अधीन काम करने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण का कथित रूप से दुरुपयोग करने वाले 22 अफसरों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इनमें से 15 मामलों की प्रारंभिक पुष्टि हो चुकी है, जिसमें 11 IAS, 2 IPS, 1 IFS और 1 IRS अधिकारी शामिल हैं।

यह जांच एक विस्तृत शिकायत के आधार पर शुरू की गई, जो 16 अगस्त 2024 को दर्ज कराई गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कई अभ्यर्थियों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC-NCL), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और दिव्यांग (PwBD) जैसे आरक्षण कोटे के तहत फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे।

किन राज्यों में हो रही है जांच?

DoPT ने इस जांच के लिए UPSC के माध्यम से कई राज्यों और मंत्रालयों को दस्तावेजों की प्रमाणिकता की पुष्टि करने का निर्देश दिया है। शामिल राज्य हैं:

  • राजस्थान
  • उत्तर प्रदेश
  • हरियाणा
  • ओडिशा
  • बिहार
  • मध्य प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • केरल

इसके अलावा, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को भी निर्देशित किया गया है, क्योंकि कुछ अधिकारी इन मंत्रालयों के अधीन सेवाओं में कार्यरत हैं।

क्या निकला प्रारंभिक जांच में?

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, DoPT ने प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है और इसमें विश्वसनीय प्रमाण पाए गए हैं, जो गहन जांच की आवश्यकता को पुष्ट करते हैं। विभाग ने प्रमाणपत्रों की सत्यता के साथ-साथ उन्हें जारी करने वाली एजेंसियों से औपचारिक स्पष्टीकरण भी मांगा है।

क्या है आगे की प्रक्रिया?

DoPT अब सभी 22 चिन्हित अधिकारियों के प्रमाणपत्रों की दोबारा पुष्टि करवा रहा है। प्रारंभिक सत्यापन में जिन 15 मामलों की पुष्टि हुई है, वे उच्च पदों पर कार्यरत अधिकारी हैं, जो वर्तमान में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), और भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में कार्यरत हैं।


संजीव गुप्ता-

HOW DO FAKE EWS & PWD CASES GO UNNOTICED IN CIVIL SERVICES? Though I have pointed out to DoPTGoI repeatedly that cadre allocation of IAS must show these 2 categories also, this hasn’t been done even in list dated 13.12.24. So, noone ever comes to know in his/her remaining career.

विजय कुंभर-

DoPT probes fake certificate scandal in Civil Services Exam! 11 IAS, 2 IPS, 1 IFS, 1 IRS officers under scrutiny for bogus EWS, SC/ST certificates. I flagged 22 officers!

 

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