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यूपी की गजब प्रशासनिक व्यवस्था; स्वर्गलोक पहुंचा लेखाकार का तबादला

प्रयागराज के सहायक नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान मंडल से फतेहपुर के बेसिक शिक्षा कार्यालय में किया गया था तबादला

उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में एक ऐसी चूक सामने आई है, जिसने मानव संसाधन प्रबंधन की खामियों को उजागर कर दिया. आंतरिक लेखा परीक्षा निदेशालय में मानव संपदा पोर्टल द्वारा जारी स्थानांतरण सूची में एक स्वर्गीय लेखाकार का तबादला कर दिया गया, जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. इस मामले में ऑडिट निदेशालय ने तत्काल कार्यवाही करते हुए संबंधित स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया.

स्वर्गीय लेखाकार चारूल पाण्डेय का तबादला

कार्यालय ज्ञाप संख्या-1136, फाइल संख्या 5859/2025-26, 15 जून 2025 के तहत मानव संपदा पोर्टल पर जारी स्थानांतरण सूची में क्रमांक 155 पर चारूल पाण्डेय, लेखाकार का नाम दर्ज था. इनका तबादला प्रयागराज के सहायक नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान मंडल से फतेहपुर के बेसिक शिक्षा कार्यालय में दर्शाया गया था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चारूल पाण्डेय का पहले ही निधन हो चुका है.

इस तथ्य की जानकारी निदेशालय को तब मिली, जब मनोज कुमार सहायक लेखाधिकारी एवं नोडल प्रभारी, उच्च शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज ने 15 जून को व्हाट्सएप के जरिए लिखित रूप से सूचित किया कि कर्मचारी का स्वर्गवास हो चुका है. इस घटना ने मानव संपदा पोर्टल की डेटा प्रविष्टि में गंभीर त्रुटियों को उजागर किया है. निदेशालय ने पहले ही 28 जनवरी 2025 को जारी ज्ञाप संख्या-3931 के तहत मनोज कुमार को प्रयागराज के सभी मुख्यालय और मंडलीय कार्यालयों के लेखा और सहायक लेखाधिकारियों के डेटा को त्रुटि रहित करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके बावजूद ऐसी चूक ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर पोर्टल पर मृत कर्मचारियों की जानकारी क्यों अपडेट नहीं की गई.

निदेशक साधना श्रीवास्तव ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उक्त स्थानांतरण आदेश को विलोपित और शून्य घोषित कर दिया. साथ ही, इसकी सूचना विशेष सचिव, वित्त (सेवाएं) अनुभाग-1, उत्तर प्रदेश शासन, संबंधित विभागाध्यक्ष, कोषाधिकारियों और आईटी सेल को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए भेज दी गई.

उन्होंने कहा है कि यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि डिजिटल प्रणालियों में मानवीय त्रुटियों के गंभीर परिणामों को भी सामने लाती है. इस मामले ने पोर्टल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं और भविष्य में ऐसी गलतियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग को बल दिया है.

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