ज्वाइंट कमिश्नर ससुर पर लगे बलात्कार के आरोप का सच……
लखनऊ। हाल ही में एक हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल का मामला मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। जिस व्यक्ति पर बलात्कार का आरोप लगा है उसके व्यक्तित्व को देखते हुए इस आरोप पर विश्वास करना बड़ा कठिन लग रहा है। मामला सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. शंकर चरण त्रिपाठी का है। इनकी बहू अनु (काल्पनिक नाम)ने इनपर अप्राकृतिक बालात्कमार का आरोप लगाया है।
जब आई वॉच की टीम ने इस पर जानकारी जुटाने की कोशिश की तो विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बलात्कार का आरोप लगाने वाली बहू ने कतिपय कुछ लोगों के इशारे पर डॉ शंकर चरण त्रिपाठी के खिलाफ यह षडयंत्र रचा है। सूत्रों की मानें तों एक साल पहले हुई शादी शुरू से ही महिला पक्ष की तरफ से विवादास्पद रही। पहले भी फर्जी तरीके के कई आरोप इस महिला ने अपने ससुर और पति पर लगाए जो कि जांच के बाद पूर्णतया गलत पाए गए। 2014 में जब इनकी शादी हुई थी तभी से यह महिला कतिपय किन्हीं और लोगों के इशारे पर अपने ससुराल से पैसे ऐंठने की जुगत में लगी रहती थी। ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. शंकर चरण त्रिपाठी और उनके बेटे ने जब काफी प्रयासों के बाद भी बहू अनु (काल्पनिक नाम) को पैसे नहीं दिये तो उसने यह नया पैंतरा खेला। वर्तमान समय में काफी महिलाए शारीरिक शोषण पर बने कठोर कानून को अपना हथियार बनाकर उसका जबरदस्त दुरुपयोग कर रहीं हैं। इसी जुगत की कड़ी में शंकर चरण त्रिपाठी की बहू भी नजर आती है। ज्योतिषाचार्य और ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. शंकर चरण त्रिपाठी बड़े ही रसूखदार, विद्वान और कर्मयोगी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। उनके ऊपर इस तरह के आरोप बेहद बचकाना और बेबुनियाद से लगते हैं। सूत्रों की मानें तो 2014 से लगातार उनकी बहू ने पैसे के लिए अपने ससुराली पक्ष को कई बार ब्लैकमेल करने का प्रयास किया था। बलात्कार की शिकायत के पहले उसने पूरे परिवार से यह कहा था कि अगर मैं चाहूं तो आपके पूरे रसूख को मिट्ïटी में मिला सकती हूं और शायद उनकी बहृू ने यही किया भी। बहू द्वारा लगाये गए पहले के आरोप जब बेबुनियाद साबित हुए जो दहेज उत्पीडऩ के थे तो अब इस महिला ने आखिरी और सबसे बड़ा दांव चला। पति, ननद और ससुर पर अप्राकृतिक यौनाचार और दहेज उत्पीडऩ का घिनौना आरोप पहले से प्रायोजित था।
इस महिला की भी मानें तो इनके द्वारा की गई शिकायत में भी कई सारे पेंच हैं। पहले जब दहेज उत्पीडऩ के मामले में यह महिला गलत साबित हुई थी तो वह अपने मैके रहने लगी थी। पंडित शंकर चरण त्रिपाठी बहुत ही विद्वान और सात्विक सोच के करण उन्होंने अपने बेटे को यह समझाते हुए बहू को लाने की बात कही थी कि बहू ने जो नादानी की है उसके लिए उसे माफ कर दो और कुछ भी हो वह हमारी बहू और तुम्हारी पत्नी है, उसे सम्मान से अपने घर ले आओ। पंडित शंकर चरण त्रिपाठी का बेटा अपने पिता की बात मानते हुए पत्नी को वापस घर लाने के लिए अपने ससुराल गया अपनी पत्नि को वापस घर आने के लिए प्रेरित किया लेकिन उसकी पत्नि कुछ लोगों के इशारे पर चल रही थी जिसके चलते उसने ससुराल आने से मना कर दिया और उसके पति को मैके वालों ने जमकर मारपीटा और बेइज्जत करके वापस भेज दिया। यह स्थिति किसी भी पिता और पति के लिए बरदास्त के बाहर थी फिर इन्होंने संयम रखते हुए खुद तो कुछ नहीं किया लेकिन बहू अनु और उसके मैके वालों पर मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे में दिए गए सारे तथ्य सही पाये गये थे और इसकी विवेचना अपनी सही राह पर चल रही थी जिसके चलते यह तय हो गया था कि पति पर जानलेवा हमला और मारपीट करने के आरोप में पत्नी और उसके मैके वाले जेल की हवा खाने वाले हैं। इसी से बचने के लिए कुछ लोगों के इशारे पर पंडित शंकर चरण त्रिपाठी की बहू ने अब तक का सबसे घिनौना आरोप अपने पति, ससुर और ननद पर लगाया है। पंडित शंकर चरण त्रिपाठी के बैकग्राउंड को देखें तो नौकरी से लेकर अब तक के जीवन काल में उन पर कोई भी धब्बा नहीं दिखाई देता है। फिर एकाएक इतनी बड़ी गल्ती की हिमाकत एक विद्वान व्यक्ति कैसे कर सकता है।
भारतीय वायुसेना में नॉन कमीशंड ऑफिसर रह चुके हैं डॉ. त्रिपाठी
शंकर चरण त्रिपाठी ने 15 वर्ष तक भारतीय वायुसेना में नॉन कमीशंड आफिसर के रूप में कार्य किया। इसी बीच उन्होंने अंग्रेजी साहित्य से एमए और इलाहबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। मध्य प्रदेश पीसीएस की परीक्षा में चयनित होकर उनकी नियुक्ति केंद्रीय जेल जबलपुर में जेल अधीक्षक के पद पर हुई।
डॉक्टर त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल सूरजभान कुशवाहा से एस्ट्रोलॉजी में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। ये न तो कुंडली देखते हैं और न ही हाथ की रेखाएं, स्वर वेध (आवाज सुनकर) के आधार पर कुण्डली बनाते हैं। डॉक्टर शंकर चरण त्रिपाठी के बेटे सौरभ त्रिपाठी की शादी 18 जनवरी 2014 को लखनऊ के गोमतीनगर निवासी अनिल शुक्ल की बेटी अनु (सभी काल्पनिक नाम) से हुई थी। आरोप लगाने वाली लड़की के पिता अनिल समीक्षा अधिकारी हैं। किसी से डॉ. त्रिपाठी के बारे में सुनने के बाद वह पहली बार मई 2013 में उनके पास अपनी कुंडली लेकर गई थी। डॉ. त्रिपाठी ने अनु से उसके पिता का फोन नंबर लिया और बाद में फोन करके अपने बेटे की शादी का प्रस्ताव रखा। पिता ने हां कर दी और 18 जनवरी, 2014 को सौरभ त्रिपाठी से अनु की शादी हो गई।