उत्तरांचल प्रेस क्लब भूमि व्यक्ति विशेष को देने पर सीएम की रोक

deharadoon press clubदेहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तरांचल प्रेस क्लब कैंटीन की भूमि को व्यक्ति विशेष के नाम पर फ्री-होल्ड करने संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। उन्होंने इस संबंध में एमडीडीए उपाध्यक्ष को आदेश जारी किए हैं। इस बीच, क्लब की भूमि को व्यक्ति विशेष के पक्ष में खुर्दबुर्द कराने की साजिश में एक कैबिनेट मंत्री की भूमिका के प्रति मंगलवार को प्रेस क्लब के सदस्यों और पत्रकारों ने जबर्दस्त आक्रोश व्यक्त किया। गुस्साए पत्रकारों ने प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया और मंत्री इंदिरा हृदेयश का पुतला जलाया। यह भी तय किया गया कि प्रेस क्लब को आवंटित भूमि खुर्दबुर्द कराने में कथित रूप से शामिल मंत्री इंदिरा के खिलाफ पूरी जानकारी से सोनिया गांधी को भी अवगत कराया जाएगा।

प्रेस क्लब को वर्ष-1994 में आवंटित भूमि पर क्लब सदस्यों के लिए बनी कैंटीन और उसकी भूमि को कैंटीन संचालक के पक्ष में फ्री-होल्ड करने की साजिश कुछ समय से चल रही थी। आरोप है कि कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृदयेश इस मामले में संबंधित व्यक्ति को संरक्षण देते हुए लगातार शासन व एमडीडीए के अधिकारियों को जमीन फ्री-होल्ड करने के लिए दबाव बना रही है। उत्तरांचल प्रेस क्लब के संचालक मंडल ने इस मामले में बीते रोज आवास सचिव के समक्ष लिखित आपत्ति दर्ज कराई और इसके बाद शाम को प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से उनके कार्यालय में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को पूरे तथ्यों से अवगत कराते हुए जानकारी दी कि संस्था को आवंटित भूमि का कैंटीन वाला हिस्सा कैबिनेट मंत्री के इशारे पर व्यक्ति विशेष को आवंटित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर हैरानी जताते हुए प्रतिप्रश्न किया कि संस्था को आवंटित भूमि किसी व्यक्ति विशेष को कैसे दी जा सकती है? उन्होंने इसे बेहद गंभीर मामला मानते हुए प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि किसी भी दशा में प्रेस क्लब की एक इंच भूमि भी किसी के निजी हित में नहीं जाने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने तत्काल एमडीडीए उपाध्यक्ष को फ्री-होल्ड प्रक्रिया रोकते हुए इस मामले में पूर्ववत स्थिति बहाल रखने के निर्देश दिए।

कल दोपहर पूरे घटनाक्रम पर चर्चा के लिए प्रेस क्लब की आम सभा हुई। आमसभा में एक स्वर से सदस्यों ने प्रेस क्लब की भूमि को हथियाने की साजिश में शामिल कैबिनेट मंत्री की निंदा की। आमसभा में कुछ सदस्यों का आरोप था कि मंत्री के स्तर से अखबारों के मालिकान और संपादकों के जरिए पत्रकारों पर संबंधित व्यक्ति के पक्ष में दबाव बनाया जा रहा है। कैंटीन संचालक की सदस्यता को आजीवन समाप्त करने के फैसले की पुष्टि के साथ ही क्लब की कैंटीन और उसकी भूमि से किसी तरह की छेड़छाड़ की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी भी दी गई। सदस्यों ने एकमत से तय किया कि इस पूरे मामले में उक्त कैबिनेट मंत्री के खिलाफे आंदोलन छेड़ा जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो अन्य जिलों के पत्रकारों की मदद से प्रदेश भर में इस आंदोलन को विस्तार दिया जाएगा।

आमसभा के बाद क्लब सदस्यों और तमाम अन्य पत्रकारों ने प्रेस क्लब परिसर में जुलूस निकाला और क्लब गेट के बाहर लैंसडौन रोड पर कैबिनेट का पुतला फूंका। पुतला फूंकने वाले प्रदर्शनकारियों और आमसभा में प्रेस क्लब संचालक मंडल के सदस्य योगेश भट्ट, देवेंद्र सती, सुरेंद्र सिंह आर्य, चेतन गुरूंग, संजय कोठियाल, मनमोहन लखेड़ा, नवीन थलेड़ी, अनूप गैरोला, गिरीश पंत, विश्वजीत नेगी, अनुपम त्रिवेदी, जितेंद्र अंथवाल, देवेंद्र नेगी के साथ ही क्लब के वरिष्ठ सदस्य अशोक मिश्रा, जगमोहन सेठी, भूपेंद्र कंडारी, राजेंद्र जोशी, अरूण शर्मा, चंद्रशेखर बुड़ाकोटी, विपिन बनियाल, संजीव कंडवाल, मनमोहन भट्ट, दीपक फर्सवाण, विकास गुसाईं, अर्जुन सिंह बिष्ट, अरूण प्रताप सिंह, आशीष उनियाल, हरीश जोशी, कमल शर्मा, विनोद पुंडीर, राजेश बड़थ्वाल, प्रवीण डंडरियाल, एसी उनियाल, शिव प्रसाद सती, केएस बिष्ट, राजेश शर्मा, गौरव गुलेरी, प्रदीप फर्सवाण, नारायण परगाईं, दीपक सेलवान, चेतन खड़का, बीडी शर्मा समेत काफी संख्या में पत्रकारों ने शिरकत की।

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