कंवल भारती जी ने संपादक जनसंदेश टाइम्स को धमकी भरा ख़त लिखा
संपादक ‘जन सन्देश’
लखनऊ से आज मित्रों ने मुझे फोन करके बताया है कि आपने कोसी परिक्रमा पर मेरी एक फेसबुक पोस्ट को ‘जन सन्देश’ में पृष्ठ 10 पर प्रकाशित किया है। आपको बताना चाहता हूँ कि आपने जो पोस्ट छापी है, वह मेरी वाल पर मौजूद नहीं है। यह पोस्ट एक घंटे बाद ही मेरे द्वारा डिलीट कर दी गयी थी। आपने डिलीट पोस्ट को क्यों प्रकाशित किया? ऐसा करके आपने मेरे बारे में एक गलत सन्देश देने का प्रयास किया है। आप कृपया अपने समाचार पत्र में मेरे इस खंडन को छापिये तथा मुझे सूचित करिए अन्यथा मुझे बाध्य होकर आपके समाचार पत्र के विरुद्ध मान हानि के सम्बन्ध में कानूनी कार्यवाही करनी पड़ेगी।
कँवल भारती
मैंने उन्हें एक संदेश भेजा—–
मित्र, मैं तो समझता था कि आप एक समझदार आदमी हैं। जो बात कहते हैं, उस पर कायम रहते हैं। आप ने फेसबुक पर कुछ लिखा तो सबने उसे देखा, पढ़ा। किसी को भी कैसे पता हो सकता है कि घंटे भर बाद आप उसे डिलीट कर देंगे। मुझे पता नहीं था कि आप हर घंटे अपना स्टैंड बदलते रहते हैं। आप ने जो लिखा, वह फेसबुक पर कई जगह पोस्टेड है, कई लोगों ने उसे उठा लिया। जनसंदेश ने भी जब उसे उठाया, तब वह फेसबुक पर था। कोई बार-बार आप के वाल पर जाकर यह तो नहीं देखता रहेगा िक आप अपने लिखे पर कायम हैं या पलट गये। अब आप कितने लोगों को कहाँ-कहाँ धमकाते फिरेंगे। बोहतर यही है कि कुछ भी लिखने के पहले सोच-समझ लिया करें, लिखने के बाद उस पर सोचने का मतलब समझतें हैं न आप।
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