आरक्षण को लेकर एक पत्रकार का मोदी को खुला खत- ”कुर्सी के लालची हैं मोदी”

बाबा तुलसीदास ने रामायण में लिखा है कि संसार में ऐसा कोई नहीं है जिसे सत्ता मिलने पर मद न हो। देश के पीएम भी इससे अछूते नहीं उनके दो फैसले बहुत बुरे लगे।एक नोटबंदी और दूसरा आरक्षण की वकालत। नोटबंदी के कारण आज भी बैंकों व एटीएम पर्याप्त धन न होने के कारण लोग परेशान हैं। गांव के लोग भेलेभाले और मेहनतकश हैं। गांवों में शिक्षा का अभाव है। वह ई बैंकिंग क्या करेंगे। हम जैसे छोटे पत्रकार जिनको चंद पैसे वेतन मिलता है। समय पर रुपये बैंकों व एटीएम से नहीं निकलते। बहुत परेशानी होती है।

गाड़ियों से लाल नीली बत्ती उतरवाना, नोटबंदी से सिर्फ मोदी अपनी कुर्सी बचाने को वोट बैंक मजबूत कर रहे हैं। इसके अलावा एक दिन पीएम का बयान आया कि वह आरक्षण कभी खत्म नहीं करेंगे। छोटे सरकारी पदों पर प्रमोशन में आरक्षण देंगे। यह कुर्सी का मोह नहीं तो और क्या है मोदी जी। सामान्य वर्ग के पढ़े लिखे लोग आज भूखों मरने को मजबूर हैं और माननीय आरक्षण का राग अलाप रहे हैं। अरे कुर्सी का लालच नहीं है तो एससी, एसटी, ओबीसी को को ही नहीं सभी गरीबों को एसी लगे होस्टल में पढ़ओ, मुर्गा खिलाओ और जनरल वर्ग को प्राइमरी में पढ़ने दो फिर कंपटीशन कराओ। सामान्य वर्ग को आरक्षण नहीं चाहिए। हम ऐसे कुर्सी के लालची नेताओं के रहमोकरम पर नहीं जीते। लेकिन दम है तो गरीबों को खूब सुविधा दो सामान्य को यों ही पढ़ने दो। आरक्षण ब़ढ़ाएंगे। कुर्सी बचाएंगे।

सामान्य वर्ग ने क्या नहीं किया आपको पीएम बनाने को। इसका परिणाम आपको मिलेगा अगले लोक सभा व विधान सभा चुनाव में। अगर ऐसे ही फैसले लिए तो केजरीवाल जैसा हाल न हो तो कहना मोदी जी। स्वच्छ भागरत मिशन में शौचालय बनवा रहे हैं। धन प्रधानों के खाते में जा रहा है। वह जर्जर र्शाचालय बनवा रहे हैं। सिस्टम दुरुस्त कर नहीं पाए। चले देश बदलने। नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं। जो ग्रामीण अपना नाम नहीं लिख पाते वह डिजिटल पेमेंट करेंगे।

ग्रामीणों के अलावा हम जैसे देहाड़ी मजदूर कहां से लाएंगे एंड्रायड मोबाइल। अपना सबसे अच्छा मित्र रूष आपकी रणनीति ने खो दिया। आज आप विश्व में किसी से लड़ने लायक नहीं हैं। ये वही रूष है जो दुनिया में सबसे ज्यादा भारत की मदद करता था। हर बुरे वक्त में भारत के साथ होता था। खैर गुरुदेव आप अपनी कुर्सी बचाओ देश की जनता आपके साथ है। आपको यह पढ़कर बहुत गुस्सा आ रहा होगा। मैं इसलिए खुद को आपसे बचाने का प्रयास करता हूं। लगे रहो पीएम सर सयमय बताएगा कुर्सी रहेगी या जाएगी। प्रयास तो सभी को करना ही चाहिए।

जय हिन्द

लाल हरेंद्र सिंह जूदेव

पत्रकार

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