‘अपराधी हैं सोनिया और राहुल गाँधी, अब जाएँगे जेल’: ED जाँच से सुब्रमण्यम स्वामी संतुष्ट, कहा – सबूत नहीं होता तो यहाँ तक नहीं पहुँचता नेशनल हेराल्ड केस

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही नेशनल हेराल्ड केस की जाँच ने धीरे-धीरे कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की परेशानियाँ बढ़ा दी हैं। 2 अगस्त 2022 को इस केस के संबंध में देश भर में 12 जगह छापेमारी हुई थी, जबकि उससे पहले कॉन्ग्रेस के दोनों नेताओं से लंबी पूछताछ ईडी कर चुकी है। अब इस केस का खुलासा करने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि जल्द ही राहुल-सोनिया जेल जाएँगे और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में सजा होगी।

विदेशी मुद्रा को भारतीय रुपयों में किया गया कन्वर्ट

भाजपा नेता ने इस संबंध में दैनिक भास्कर से विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि कैसे इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया। उन्होंने समझाया कि कॉन्ग्रेस ने पहले 5 लाख शेयर कैपिटल पर यंग इंडिया लिमिटेड को बनाया और फिर कॉन्ग्रेस की 90 करोड़ कर्ज वाली AJL को ये कहकर खरीद लिया कि उसमें कुछ बचा नहीं था, फिर उन्होंने उसे 50 लाख रुपए में खरीदा।

स्वामी राहुल-सोनिया को अपराधी बताते हुए कहते हैं कि एजीएल पर 90 करोड़ रुपए का कोई कर्ज नहीं था। कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हुई। स्वामी के अनुसार सोनिया गाँधी-राहुल गाँधी विदेशी मुद्रा में रकम लाए होंगे और उन्होंने इस हेरा-फेरी से उसे भारतीय रुपयों में कन्वर्ट किया।

जेल जाएँगे राहुल-सोनिया: सुब्रमण्यम स्वामी

सुब्रमण्यम स्वामी ने इस केस में चल रही जाँच पर अपनी संतुष्टि जताई। साथ ही कहा कि अब तक भाजपा में भी कुछ ऐसा नेता रहे जिनकी वजह से सोनिया राहुल बचते रहे। हालाँकि अब जाँच सही से हो रही है। उन्होंने बताया कि ये पूरा सही है और आगे इस केस में राहुल-सोनिया को जेल जाना होगा। वह बोले, “इन दोनों (राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी) को पहले जेल में रखा जाएगा। फिर इनको कोर्ट में आना होगा। बहस के बाद इन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सजा होगी।

ईडी कई बार कर चुकी है पूछताछ

क्या आरोप हैं?

यह मामला कॉन्ग्रेस पार्टी के नेतृत्व में ‘यंग इंडियन’ में वित्तीय अनियमितता की जाँच के सिलसिले में दर्ज किया गया था। सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के फंड का गबन करने का आरोप है। इसके अलावा यह भी आरोप आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपए की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कॉन्ग्रेस का बकाया था।

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