तबीयत बिगड़ी तो लड़की को अस्पताल से निकाला बाहर, तड़प-तड़प कर हो गई मौत, Video

बुखार से पीड़ित 18 साल की लड़की का गलत इलाज किया गया.  उसकी हालत बिगड़ने लगी. दो दिन से वह अस्पताल में भर्ती थी. अस्पताल प्रबंधन ने गंंभीर हालत लड़की को अस्पताल से बाहर निकालकर परिवार को ऐसे पकड़ा दिया जैसे कोई सामान हो. बाइक पर लड़की को पकड़े हुए उसके परिवार के लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

गलत इलाज के कारण लड़की की मौत (Photo Aajtak).मैनपुरी/लखनऊ। बुखार से पीड़ित 18 साल की लड़की का गलत इलाज किया गया.  उसकी हालत बिगड़ने लगी. दो दिन से वह अस्पताल में भर्ती थी. अस्पताल प्रबंधन ने गंंभीर हालत लड़की को अस्पताल से बाहर निकालकर परिवार को ऐसे पकड़ा दिया जैसे कोई सामान हो. बाइक पर लड़की को पकड़े हुए उसके परिवार के लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. परिजन बिलख रहे हैं. जब तक लड़की को सही इलाज मिल पाता तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम कराया है. आरोपी डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ फरार है. अस्पताल को सील किया गया है.

दरअसल, मामला मैनपुरी के थाना घिरोर में करहल रोड स्थित राधा स्वामी अस्पताल का है. यहां पर 11वीं में पढ़ने वाली 18 साल की भारती पुत्री गिरीश सिंह को बुखार आने की समस्या पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. परिवार के मुताबिक, डॉक्टर द्वारा भारती का गलत इलाज किया गया. दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद बेटी की हालत बिगड़ने लगी. इसके बाद अस्पताल में हंगामा हो गया. यहां के स्टाफ ने बेटी को अस्पताल से बाहर निकाल दिया.

घटना का जो वीडियो सामने आया है उसमें साफ नजर आ रहा है कि भारती बेसुध सी है. स्टाफ उसे बाइक पर बिठा वापस चला जाता है. एक युवक भारती को पकड़े हुए है. पास ही खड़ी परिवार की कोई महिला बुरी तरह से बिलख रही और भारती के चेहरे पर हाथ फेर रही है. समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण भारती की मौत हो जाती है

मरीजों को छोड़ फरार हुआ स्टाफ और डॉक्टर

परिजनों का कहना है कि बेटी की मौत के बाद शव को ऐसे ही छोड़कर अस्पताल का सारा स्टाफ फरार हो गया, जिस डॉक्टर रवि यादव ने भारती का इलाज किया था वह भी मौके से भाग निकला.

मामले ने तूल पकड़ा तो मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस और एसीएमओ पहुंचे. भारती के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को वहां से सीएचसी गोरदा घिरोर शिफ्ट किया  गया और अस्पताल सील कर दिया गया.

सामने आया है कि अस्पताल में खुद को डॉ. बताने वाला रवि यादव बिना किसी डिग्री-डिप्लोमा के मरीजों का इलाज कर रहा था. उसके पास कोई भी मेडिकल का डिग्री-डिप्लोमा नहीं है. वह झोलछाप डॉक्टर है.

देखें वीडियो…

 रजिस्ट्रेशन किसी और का इलाज कर रहा कोई और

सामने आया है कि मैनपुरी में ऐसे कई सारे क्लिनिक चल रहे हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन किसी और का है और अस्पताल कोई और चला रहा है. मैनपुरी जिले में झोलछाप डॉक्टर के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे क्लिनिक चलाए जाने में स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है.

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