फिर छला गया लघु एवं माध्यम समाचार पत्र
ये कैसा मानक, कैसे बचेगी जनमानस की आवाज़ उठाने वाली पत्रकारिता- 25000 के ऊपर प्रसार संख्या वाले समाचार पत्र को नियमित विज्ञापन की सौगात और लघु एवं माध्यम समाचार पत्रों के हितो के लिए कोई सुगबुगाहट नहीं –
अनियमित समाचार पत्रिकाओं को लाखो का विज्ञापन और नियमित सूचीबद्ध लघु समाचार पत्रों को कुछ भी नहीं, ये कैसी दोहरी नीतियों की दुहाई देते घूम रहे है सम्मानितगण
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